Ahmedabad plane crash: यात्रियों का कितना होता है इंश्योरेंस, जानें परिवार को कैसे मिलता है पैसा; समझ लें पूरा नियम
अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे ने हवाई सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. ऐसी स्थिति में यात्रियों को क्या कानूनी मुआवजा मिल सकता है, एयरलाइन की जिम्मेदारी क्या होती है और यात्रा बीमा किस तरह आर्थिक सुरक्षा देता है ये जानना जरूरी है. हर हवाई यात्री के लिए यह जानकारी बेहद उपयोगी है, चाहे वह घरेलू उड़ान हो या अंतरराष्ट्रीय.

Ahmedabad plane crash: अहमदाबाद में गुरुवार को हुए एयर इंडिया के विमान हादसे ने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया है. कुल 242 यात्रियों को लेकर लंदन जा रहा बोइंग विमान, अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया. वैसे तो हवाई यात्रा को काफी सुरक्षित माना जाता है, लेकिन इस भीषण विमान दुर्घटना ने भारत में हवाई यात्रा की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं. इस हादसे ने कई लोगों को मुआवजे से जुड़े नियमों के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है. ऐसे में यात्रियों को अपने अधिकारों, बीमा पॉलिसियों की शर्तों और कानूनी प्रक्रियाओं की जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे जरूरत पड़ने पर उचित समय पर दावा कर सकें.
एयरलाइन की जिम्मेदारी क्या है?
भारत में, यदि विमान दुर्घटना में किसी यात्री की मृत्यु या गंभीर चोट हो जाती है, तो एयरलाइन को कानूनी रूप से मुआवजा देना होता है. अंतरराष्ट्रीय नियमों (मॉन्ट्रियल कन्वेंशन 1999) के अनुसार, एयरलाइन को हर घायल या मृत यात्री के लिए लगभग 1.55 करोड़ रुपये तक का मुआवजा देना अनिवार्य है, चाहे दुर्घटना में उसकी गलती हो या नहीं.
यदि एयरलाइन की लापरवाही साबित हो जाती है, तो यह राशि और अधिक हो सकती है. हालांकि, वास्तविक मुआवजा मृतक की उम्र, आय, पारिवारिक जरूरतों और अन्य परिस्थितियों के आधार पर तय होता है. घरेलू उड़ानों में भी एयरलाइंस सामान्यतः इन्हीं नियमों का पालन करती हैं.
बीमा कैसे मदद करता है
यदि यात्रा के दौरान दुर्घटना हो जाए, यात्री की मृत्यु या चोट लग जाए, सामान खो जाए या उड़ान रद्द हो जाए, तो यात्रा बीमा वित्तीय सहायता प्रदान करता है. इसमें मृत्यु पर 25 लाख से 1 करोड़ रुपये तक, विकलांगता पर 5 से 10 लाख रुपये तक, अस्पताल के खर्च और सामान के नुकसान का भी कवर शामिल हो सकता है.
हालांकि यह सुरक्षा केवल उन्हीं यात्रियों को मिलती है, जिन्होंने उड़ान से पहले बीमा करवाया होता है. अधिकांश घरेलू यात्री इसे नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि यह थोड़ी-सी रकम में बड़ी सुरक्षा देता है.
यात्रा बीमा न लेने पर क्या होगा
यदि आपने यात्रा बीमा नहीं लिया है, तो भी आपको कानूनी रूप से एयरलाइन से मुआवजा मिल सकता है (मृत्यु या चोट की स्थिति में). कुछ मामलों में सरकार या कंपनी की ओर से भी सहायता दी जाती है. यदि आपने क्रेडिट कार्ड से टिकट बुक किया है, तो उस पर कभी-कभी मुफ्त यात्रा बीमा की सुविधा भी मिलती है.
हालांकि ये सभी विकल्प सीमित सुरक्षा प्रदान करते हैं. इसके विपरीत, यदि आपने अलग से यात्रा बीमा ले रखा हो, तो चोट, सामान के खोने, उड़ान रद्द होने जैसी परेशानियों पर अधिक सुरक्षा मिलती है.
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बीमा क्यों आवश्यक है
हवाई दुर्घटनाएं दुर्लभ होती हैं, लेकिन यदि हो जाएं तो परिवार को आर्थिक और भावनात्मक रूप से भारी नुकसान होता है. बीमा लेने से इस मुश्किल समय में कुछ राहत मिल सकती है. हर यात्री को घरेलू उड़ानों के लिए भी बीमा अवश्य कराना चाहिए, जिसमें मृत्यु और इलाज का खर्च शामिल हो.
बीमा पॉलिसी की सभी जानकारी और नॉमिनी का नाम साफ-साफ लिखा होना चाहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर दावा करने में किसी तरह की परेशानी न हो.
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