एयर इंडिया अहमदाबाद प्‍लेन हादसा इंश्‍योरेंस कंपनियों पर पड़ेगा भारी, चुकाने होंगे 2490 करोड़

अहमदाबाद में विमान टेक ऑफ के दौरान हुए एयर इंडिया के विमान हादसे ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है. विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की जान चली गई है. ऐसे में इनके परिजनों को कब, कितना इंश्‍योरेंस क्‍लेम मिलेगा और इसकी जिम्‍मेदारी किन बीमा कंपनियों पर है और इससे बीमा कंपनियों को कितनी चपत लगेगी, आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे.

अहमदाबाद विमान हादसे में जानें कितना और कैसे मिलेगा इंश्‍योरेंस Image Credit: money9

Ahmedabad plane crash: अहमदाबाद में हुआ एयर इंडिया विमान हादसा दिल दहला देने वाला है. इसमें सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर सभी की जान चली गई. हादसा सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरते समय हुआ. एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के क्रैश होने से चारों-तरफ अफरा-तफरी मच गई. हादसे को लेकर जहां सभी दुख जता रहे हैं, वहीं प्‍लेन दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को इंश्‍योरेंस के भुगतान की कवायद भी तेज हो गई है. अहमदाबाद में हुए इस बड़े हादसे में इंश्‍योरेंस कंपनियों को तगड़ी चपत लगने वाली है, क्‍योंकि उन्‍हें करोड़ों का भुगतान करना होगा. तो किन कंपनियों पर है एयर इंडिया के इस विमान के बीमा भुगतान की जिम्‍मेदारी और किस आधार पर दिया जाएगा पैसा, यहां जानें पूरी डिटेल.

इन कंपनियों पर है इंश्‍योरेंस भुगतान की जिम्‍मेदारी

मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक न्यू इंडिया एश्योरेंस और टाटा एआईजी इस विमान की मुख्य देसी बीमा कंपनियां हैं, लेकिन इस बड़े रिस्क का ज्यादातर हिस्सा ग्लोबल री-इंश्योरेंस मार्केट में, खासकर एआईजी लंदन के नेतृत्व में, री-इंश्योर्ड है. चूंकि एयर इंडिया ने विस्तारा के साथ मर्जर के बाद अपने 300 से ज्यादा विमानों के लिए 20 बिलियन डॉलर यानी लगभग 1,66,000 करोड़ रुपये का बीमा कवर लिया था. सूत्रों का कहना है कि हल क्लेम का सिर्फ 5 फीसदी भारत की GIC Re को देना होगा, बाकी का बड़ा हिस्सा AIG लंदन को देना होगा.

कितना मिलेगा क्‍लेम?

बीमा क्लेम दो हिस्सों में बंटे हैं, इनमें पहला Hull इंश्योरेंस और दूसरा पैसेंजर लायबिलिटी. यानी विमान की कीमत का मुआवजा, जो इस केस में 200 से 300 मिलियन डॉलर यानी लगभग 1660 करोड़ से 2490 करोड़ रुपये के बीच हो सकता है. वहीं, पैसेंजर लायबिलिटी, जो यूरोप जैसे रूट्स के लिए 500 मिलियन डॉलर से ज्यादा यानी लगभग 4150 करोड़ रुपये की होती है, वो मॉन्ट्रियल कन्वेंशन और भारत के कैरिएज बाय एयर एक्ट के तहत दी जाती है. ये मुआवजा यात्रियों की मौत, चोट या सामान के नुकसान को कवर करता है.

मुआवजा कैसे तय होगा?

मॉन्ट्रियल कन्वेंशन और कैरिएज बाय एयर एक्ट के तहत, अगर कोई यात्री की मौत हो जाती है या गंभीर रूप से घायल होता है, तो एयरलाइन को उसके परिवार को मुआवजा देना पड़ता है. ये राशि यात्री की उम्र, नौकरी और कोर्ट के फैसले पर निर्भर करती है.

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2020 के हादसे में कितना मिला था मुआवजा?

अहमदाबाद प्‍लेन हादसे से पहले 2020 में कोझिकोड में भी एयर इंडिया एक्सप्रेस का बोइंग 737 लैंडिंग के वक्त क्रैश हुआ था, जिसमें 21 लोगों की जान गई थी. तब पैसेंजर लायबिलिटी के तहत करीब 38 मिलियन डॉलर यानी लगभग 315.4 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था. मुआवजा यात्रियों की उम्र, कमाई और परिवारों के कानूनी दावों के आधार पर तय हुआ था.