5 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस भारतीयों में बना हॉट, दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा ट्रेंड :रिपोर्ट
देश में हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने वालों में से 75 फीसदी लोगों के पास 10 लाख रुपये या उससे कम का कवरेज है. भारतीय अब पारंपरिक वित्तीय निवेश जैसे सोना, फिक्सड डिपॉजिट और रियल इस्टेट के अलावा हेल्थ इंश्योरेंस को भी तरजीह दे रहे हैं.

भारत में हेल्थ पर बढ़ते खर्च को अभी भी देश का बड़ा तबगा नजरअंदाज कर रहा है. इसकी वजह से वह हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त कम सम एश्योर्ड वाली पॉलिसी ले रहे हैं. औसतन 48 फीसदी पॉलिसीधारक 5 लाख रुपये या उससे कम का कवरेज चुन रहे हैं. यह ट्रेंड दक्षिण भारत में सबसे ज़्यादा है, जहां 66 फीसदी पॉलिसीधारकों के पास 5 लाख रुपये या उससे कम का कवरेज है. इसी तरह देश में हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने वालों में से 75 फीसदी लोगों के पास 10 लाख रुपये या उससे कम का कवरेज है. इस बात का खुलासा पॉलिसीबाजार द्वारा जारी How India Buys Insurance 2.0 रिपोर्ट में हुआ है.
हेल्थ इंश्योरेंस पर बदला नजरिया
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय लोग हेल्थ केयर से जुड़े खर्चों लागतों को बहुत कम आंकते हैं जबकि 47.6 फीसदी भारतीय टर्म इंश्योरेंस और इसके फायदों से अनजान हैं. हालांकि भारतीयों की सोच में एक अहम बदलाव यह आया है कि भारतीय अब पारंपरिक वित्तीय निवेश जैसे सोना, फिक्सड डिपॉजिट और रियल इस्टेट के अलावा हेल्थ इंश्योरेंस को भी तरजीह दे रहे हैं. सर्वे के अनुसार, 28.3 फीसदी लोगों ने हेल्थ इंश्योरेंस को इक्विटी, म्यूचुअल फंड और सरकारी बॉन्ड से ऊपर रखा.
रिपोर्ट के लॉन्च पर पॉलिसीबाज़ार के सीईओ सरबवीर सिंह ने कहा है कि मुश्किल के समय में उपभोक्ताओं का एक बड़ा हिस्सा अपने परिवारों की सुरक्षा के लिए हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस जैसे आसान समाधानों को चुनने के बजाय पैतृक संपत्ति बेचने या पैसे उधार लेने की योजना बनाता है. रिपोर्ट यह बताती है कि भारत में इंश्योरेंस खरीदा नहीं जाता; इसे खरीदने के लिए लोगों को बढ़ावा देने की आवश्यकता होती है।
गंभीर बीमारियों पर आपात खर्च का सही अंदाजा नहीं
हालांकि हेल्थ इंश्योरेंस न खरीदने वाले भी मेडिकल खर्चों को बहुत कम समझते हैं. उनमें से लगभग 51 फीसदी का मानना है कि कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट या हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों के उपचार की लागत 5 लाख रुपये से कम है .जबकि असल में आज के समय में ये खर्च इससे कहीं ज़्यादा होता है.भारत की लगभग आधी आबादी अभी भी टर्म इंश्योरेंस को नज़रअंदाज़ करती है. सर्वे में पाया गया कि 47.6 फीसदी भारतीय टर्म इंश्योरेंस और इसके लाभों से अनजान हैं.पूरी इंडस्ट्री में टर्म इंश्योरेंस की बिक्री में वित्त वर्ष 2024 में 18 फीसदी की बढ़त हुई, जबकि पिछले पांच सालों में यह बढ़त हर साल औसतन सिर्फ 2 फीसदी थी. सर्वे में एक्सपर्ट हमेशा किसी की वार्षिक आय का 15-20 गुना लाइफ इंश्योरेंस कवर लेने की सलाह देते हैं. इंश्योरेंस न खरीदने वाले केवल 13 फीसदी लोग ही एक्सपर्ट की सलाह के अनुसार अपनी इंश्योरेंस की जरूरतों का सही अनुमान लगा पाते हैं.
Latest Stories

LIC की पहलगाम पीड़ितों के लिए विशेष पहल, क्लेम सेटलमेंट के लिए खोली स्पेशल विंडो

गलत जानकारी देकर कंपनी ने बेचा इंश्योरेंस, तो हर्जाने के साथ कस्टमर को मिलेगा पूरा रिफंड, ऐसे करें अप्लाई

26 इंश्योरेंस माफिया का भंडाफोड़, जिंदा से लेकर मरने वालों तक कोई नहीं बचा, SBI, ICICI और बजाज सबको लगा चूना
