हुंडई के IPO को लेकर क्यों बेचैन हैं निवेशक, कितना मुनाफा कमाने का संकेत दे रहा GMP?
वीकेंड से पहले प्रीमियम 150 रुपये से ऊपर था, लेकिन अब इसका GMP डबल डिजिट में आ गया है. इस महीने की शुरुआत में जीएमपी लगभग 500 रुपये था. हुंडई मोटर इंडिया के आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम अपनी रफ्तार खो रहा है.
हुंडई मोटर इंडिया का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) सब्सक्रिप्शन के लिए मंगलवार 15 अक्तूबर से ओपन होगा. 27,856 करोड़ रुपये का इश्यू भारत का अब तक सबसे बड़ा आईपीओ होगा. सात इक्विटी शेयरों के लॉट साइज के साथ 1,865-1,960 रुपये प्रति शेयर के प्राइस बैंड पर निवेश के लिए अप्लाई किया जा सकता है. यह मारुति सुजुकी इंडिया के बाद भारतीय कार मार्केट का पहला आईपीओ होगा. मारुति सुजुकी का आईपीओ 2003 में आया था.
रफ्तार खो रहा GMP
हुंडई मोटर इंडिया के आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम अपनी रफ्तार खो रहा है और ये अब 100 रुपये से नीचे आ गया है. इस आधार पर देखे, तो निवेशकों को प्राइस बैंड के टॉप प्राइस केवल 3 फीसदी की मामूली लिस्टिंग पॉप का संकेत मिल रहा है.
हालांकि, वीकेंड से पहले प्रीमियम 150 रुपये से ऊपर था, लेकिन अब इसका GMP डबल डिजिट में आ गया है. इस महीने की शुरुआत में जीएमपी लगभग 500 रुपये था और जब आधिकारिक तौर पर इश्यू का ऐलान हुआ, तो यह लगभग 350-375 रुपये के बीच था.
क्यों कम हो रहा आकर्षण
कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ पूरी तरह से तैयार है, लेकिन इसके मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए यह लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न दे सकता है. हालांकि, कंपनी के प्रमोटरों द्वारा किया गया पूरा ऑफर फॉर सेल (OFS) इसके आकर्षण को कम कर सकता है. क्योंकि पूरी राशि दक्षिण कोरिया से बाहर जाएगी और भारतीय यूनिट को इस इश्यू से कोई कमाई नहीं होगी.
बैचेन हैं निवेशक
इस बड़े इश्यू के हाई वैल्यूएशन और OFS ने संभावित निवेशकों को बेचैन कर रखा है, जिन्होंने हाल ही में बाजारों में अस्थिरता के कारण कुछ घबराहट महसूस की है. साथ ही वे इस बात को लेकर भी आशंकित हैं कि इस इश्यू के बाद भारतीय बाजारों से नकदी खत्म हो जाएगी.
जानकारों के अनुसार, मेगा आईपीओ का ट्रेंड लिक्विडिटी के आस-पास हलचल पैदा करने की है. हालांकि, भारतीय बाजारों में लिक्विडिटी की कोई कमी नहीं है, क्योंकि रिकॉर्ड संख्या में एसआईपी और डीमैट खातों ने इक्विटी बाजारों में अच्छी खासी रकम डाली है. लेकिन यह मौजूदा बेचैनी वाला सेंटीमेंट हैं, जो लिक्विडिटी के इर्द-गिर्द हलचल पैदा कर रहा है.