Indiqube Spaces IPO में ऐसा क्या कि दांव ना लगाने की सलाह दे रहे ब्रोकरेज फर्म? GMP भी हुआ धड़ाम

Indiqube Spaces IPO 23 जुलाई को खुलने की तैयारी में है. कंपनी का बिजनेस मॉडल और ग्रे मार्केट प्रीमियम मजबूत है, लेकिन ब्रोकरेज फर्म्स ने इसमें निवेश करने से मना किया है. उसके लिए फर्म्स ने तमाम वजहें भी बताई है. जानें क्या है आईपीओ का प्लान और ब्रोकरेज की नेगेटिव रुख के पीछे की वजह.

दांव लगाए या नहीं? Image Credit: @AI/Money9live

Indiqube Spaces IPO Subscribe or Avoid: प्राइमरी मार्केट में बुधवार, 23 जुलाई को Indiqube Spaces Ltd अपना इश्यू जारी करने वाली है. IPO के जरिये कंपनी कुल 700 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. इसमें 50 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल और 650 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू शामिल है. ग्रे मार्केट में भी कंपनी अच्छी लिस्टिंग के संकेत दे रहा है. लेकिन खबर ये नहीं है, खबर है कि सब कुछ चंगा लगने के बाद भी ब्रोकरेज फर्म्स ने इसमें दांव लगाने से निवेशकों को मना कर दिया है. पहले SBI Securities ने अपनी रिपोर्ट में इस आईपीओ को लेकर ‘Avoid’ रेट किया है. वहीं अब Value Research इसके वैल्युएशन पर सवाल उठा रही है. सवाल है कि आखिर इस आईपीओ को लेकर ब्रोकरेज का रुख नेगेटिव क्यों है. आइए इस आईपीओ की जानकारी के साथ-साथ ब्रोकरेज की ओर से न दांव लगाने की वजह बताते हैं.

IPO से क्या मिलने वाला है?

कंपनी का IPO 23 जुलाई को खुलेगा और 25 जुलाई को बंद होगा. IPO का साइज 700 करोड़ रुपये है. कंपनी ने इश्यू के लिए प्राइस बैंड 225 रुपये से 237 रुपये प्रति शेयर तय किया है. IPO से मिले पैसे का इस्तेमाल नए सेंटर खोलने और 93 करोड़ रुपये कर्ज चुकाने में किया जाएगा. इश्यू की लिस्टिंग  30 जुलाई को BSE NSE पर हो सकती है. वहीं शेयरों का आवंटन सोमवार, 28 जुलाई तक हो सकता है. आईपीओ के एक लॉट में 63 शेयर शामिल हैं. ऐसे में रिटेल निवेशकों को आईपीओ में दांव लगाने के लिए कम से कम 14,931 रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं.

ब्रोकरेज के नेगेटिव रुख की वजह?

क्या है ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) का हाल?

ग्रे मार्केट में भी Indiqube Spaces के आईपीओ में गिरावट आ रही है. 22 जुलाई की दोपहर 02:30 तक के डाटा के मुताबिक, इश्यू का जीएमपी 23 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. यानी कंपनी की लिस्टिंग उसके प्राइस बैंड से 9.70 फीसदी की बढ़त के साथ 260 रुपये पर हो सकती है. लेकिन जीएमपी में पिछले दो दिनों में गिरावट आई. 20 जुलाई को जहां 16.88 फीसदी के लिस्टिंग गेन की उम्मीद जताई जा रही है, 21 जुलाई को वह घटकर 13.50 फीसदी और आज यानी 2 जुलाई को थोड़ा और घटकर 9.70 फीसदी पर आ गया. हालांकि, GMP का भरोसा हमेशा नहीं किया जा सकता, क्योंकि मार्केट सेंटीमेंट बदलते देर नहीं लगती.

फिर क्यों है IPO की चर्चा?

मेट्रिकFY24FY23सालाना बदलाव (YoY)
राजस्व (Revenue)₹1,102.9 करोड़₹869.8 करोड़27% की वृद्धि
शुद्ध घाटा (Net Loss)₹139.6 करोड़₹341.5 करोड़59% की कमी

कंपनी का बिजनेस मॉडल क्या है?

Indiqube एक ऐसी कंपनी है जो भारत के कई बड़े शहरों में फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस (Managed Office Spaces) उपलब्ध कराती है. Indiqube कंपनियों को टेक्नोलॉजी से लैस फ्लेक्सिबल ऑफिस स्पेस देती है. मतलब आप बड़े-बड़े ऑफिस किराए पर ले सकते हैं, चाहे वह को-वर्किंग स्पेस हो या प्राइवेट ऑफिस. अभी कंपनी के पास 15 शहरों में 115 सेंटर्स हैं, जिनका कुल एरिया 8.4 मिलियन स्क्वायर फीट है. इसके क्लाइंट्स में Myntra, Zerodha, Siemens, MG Motors और RedBus जैसे बड़े नाम शामिल हैं.

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डिस्क्लेमर: इस खबर में GMP संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.