प्राइवेट बैंकों में Quant MF ने बढ़ाई हिस्सेदारी, कहा- मार्केट में बड़ी तेजी अभी बाकी, सही सेक्टर में निवेश देगा बेहतर रिटर्न

क्वांट म्यूचुअल फंड ने चुनिंदा प्राइवेट बैंकों में हिस्सेदारी बढ़ाई है. इंफ्रास्ट्रक्चर, NBFC, इंश्योरेंस, फार्मा, कंज़म्पशन और टेलीकॉम सेक्टर पर फंड का रुख सकारात्मक है. फंड हाउस इक्विटी बाजार को लेकर बुलिश है और निफ्टी स्मॉलकैप के नए ऑल-टाइम हाई तक पहुंचने की संभावना जताई है. फंड को व्यापक बाजार रैली की उम्मीद है.

म्यूचुअल फंड Image Credit: Getty image

क्वांट म्यूचुअल फंड (Quant Mutual Fund) ने नवंबर महीने की रिपोर्ट में बताया है कि फंड हाउस ने हाल ही में चुनिंदा प्राइवेट सेक्टर बैंकों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. इसके साथ ही फंड NBFC, इंफ्रास्ट्रक्चर, बीमा, बैंकिंग, होटल, फार्मा, कंजम्पशन और टेलीकॉम सेक्टर पर भी पॉजिटिव रुख बनाए हुए है. कंपनी के अनुसार, भारतीय बाजारों में तेजी का बड़ा चरण अभी बाकी है, और सही सेक्टर व स्टॉक चयन के साथ निवेशक आगे बेहतर रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं. फंड हाउस के अनुसार, उसका पोर्टफोलियो बड़े शेयरों (लार्जकैप) की ओर अधिक झुका हुआ है, जबकि चुनिंदा मिड और स्मॉल कैप एक्सपोजर भी विभिन्न इक्विटी और हाइब्रिड स्कीमों में बढ़ाया गया है, जिससे लिक्विडिटी मजबूत बनी हुई है. क्वांट म्यूचुअल फंड ने बाजार में तेजी की उम्मीदों के पीछे पांच मुख्य तर्क गिनाए हैं. आइये जानते हैं.

फंड हाउस के तर्क

फंड का अनुमान है कि भारतीय रुपये में कमजोरी का लंबा चरण अब समाप्त होने की ओर है और USDINR रेट जल्द ही उलटफेर दिखा सकता है. दूसरा- FPI द्वारा की गई बिकवाली धीमी हो रही है और अब इसकी भरपाई पैसिव फंडों की वापसी के चलते उभरते बाजारों की ओर निवेश बढ़ सकता है. तीसरा- सरकार द्वारा आयकर और जीएसटी में की गई रियायतों का असर FY 2026 की दूसरी छमाही में दिखाई देगा. चौथा- ब्याज दरों में नरमी और लिक्विडिटी में सुधार के वातावरण से बैंकिंग और लोन ग्रोथ को अतिरिक्त समर्थन मिलेगा. पांचवां- सितंबर तिमाही में कॉरपोरेट अर्निंग्स के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद, आगे धीरे–धीरे परिणामों में मजबूती आने की उम्मीद है.

2025 की दूसरी छमाही बेहतर रहने की उम्मीद

फंड के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2025 की दूसरी छमाही, पहली छमाही की तुलना में बेहतर रहने की संभावना है. ऐतिहासिक पैटर्न के आधार पर दिसंबर और जनवरी महीनों के दौरान इक्विटी बाजारों में आमतौर पर सकारात्मक रुझान देखा जाता है.

अमेरिकी फेडरल रिजर्व पर निगाहें

ग्लोबल स्तर पर निवेशकों की निगाहें अमेरिकी फेडरल रिजर्व पर बनी हुई हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि अमेरिका में कमजोर रिटेल और कंज्यूमर डेटा के चलते फेड जल्द ही ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. इस उम्मीद ने वैश्विक स्तर पर जोखिम वाले एसेट्स में रुचि बढ़ाई है, जिससे एशियाई शेयर बाजारों में तेजी देखी गई है. हालांकि फंड हाउस ने निवेशकों को चेतावनी देते हुए कहा कि फेड की अगली नीतिगत घोषणा तक बॉन्ड, इक्विटी और डॉलर में उतार–चढ़ाव तेज रह सकता है.

सोने की कीमत में रिकवरी

नवंबर महीने के प्रदर्शन की बात करें तो भारतीय इक्विटी बाजार ने S&P 500 की तुलना में बेहतर रिटर्न दिया और कम वोलैटिलिटी के साथ 1.9% की बढ़त दर्ज की है, सोने में लगभग 4% की रिकवरी देखी गई, जबकि बिटकॉइन में एक महीने के दौरान तेज गिरावट के बाद सुधार की स्थिति रही है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.