SIP ने रचा इतिहास, अप्रैल 2025 में 26,632 करोड़ का रिकॉर्ड हाई निवेश, AMFI ने जारी किया डाटा
रिटेल निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार में भरोसा लगातार बढ़ रहा है. एक तरफ लगातार डीमैट खातों की संख्या बढ़ रही है. वहीं, इसके साथ ही SIP के जरिये निवेश भी बढ़ रहा है. अप्रैल 2025 में SIP का योगदान 26,632 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई स्तर पर पहुंच गया है.
SIP यानी सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान भारत में निवेश का सबसे लोकप्रिय तरीका बनता जा रहा है. एसआईपी के जरिये लोग नियमित रूप से एक फिक्स अमाउंट म्यूचुअल फंड्स में लगाते हैं. AMFI यानी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2025 में SIP निवेश रिकॉर्ड हाई स्तर पर पहुंच गया है.
AMFI की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में SIP में अप्रैल 2025 में 26,632 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड योगदान देखा गया है. इसके साथ ही बताया गया है कि पिछले दिनों 95 लाख से 1 करोड़ निष्क्रिय खातों के बंद होने के बावजूद फिलहाल 8.38 करोड़ सक्रिय खाते हैं, जो SIP में निवेश कर रहे हैं. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया की तरफ से जारी आंकड़ों में बताया गया है कि अप्रेल 2025 में एसआईपी का इनफ्लो 26,632 करोड़ तक पहुंच गया. यह अब तक किसी एक महीने में अब तक का सबसे ज्यादा है.
लाखों खाते बंद फिर भी बना रिकॉर्ड
AMFI ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पिछले दिनों बड़े पैमाने पर निष्क्रिय खातों को बंद किया गया है. AMFI के आंकड़ों के मुताबिक 1.36 करोड़ एसआईपी खाते बंद परिपक्वता या निष्क्रियता की वजह से बंद किए गए हैं. हालांकि, इसके बाद भी सक्रिय खातों की संख्या मार्च के 8.11 करोड़ से बढ़कर अप्रैल में 8.38 करोड़ हो गई है. यह रुझान बताता है कि भारतीय निवेशक लॉन्गटर्म लक्ष्यों पर ध्यान दे रहे हैं.
बाजार की परिपक्वता का संकेत
अप्रैल 2025 में 1.3 करोड़ से अधिक निष्क्रिय खातों के बंद होने के बावजूद एसआईपी के जरिये रिकॉर्ड 26,632 करोड़ रुपये भारतीय निवेशकों के बीच बढ़ते वित्तीय अनुशासन और परिपक्वता का संकेत है. मार्च से अप्रैल के दौरान एक महीने में 46 लाख एसआईपी खाते खुले हैं. जबकि, इससे पहले मार्च में 40.19 नए खाते जुड़े थे.
इक्विटी इनफ्लो घटा
इसके अलावा इक्विटी इनफ्लो में गिरावट के बावजूद म्यूचुअल फंड उद्योग ने कुल मिलाकर वृद्धि दर्ज की है. अप्रैल में AUM यानी एसेट्स अंडर मैनेजमेंट 70 लाख करोड़ के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुच गए हैं, जो मार्च में 65.74 लाख करोड़ रुपये के दज किए गए थे. अप्रैल 2025 के दौरान इक्विटी इनफ्लो मार्च 2025 के स्तर पर ही रहा है. इक्विटी में ग्रॉस इनफ्लो जून-जुलाई 2024 के 81,000 करोड़ के शिखर से करीब 30% कम होकर पिछले तीन महीनों में लगभग 55,000 करोड़ हो गया है.