8th Pay Commission से सिर्फ कर्मचारी ही नहीं मार्केट को भी होगा फायदा, कंपनियां भी होंगी मालामाल; रिपोर्ट में दावा
8th Pay Commission से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और भत्तों में बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद है. JPMorgan की रिपोर्ट के अनुसार वेतन बढ़ने से खपत तेज होगी, जिससे कंपनियों की कमाई और शेयर बाजार दोनों को बढ़ावा मिल सकता है. इसका मुख्य आधार फिटमेंट फैक्टर होगा.
8th Pay Commission का असर सिर्फ सरकारी कर्मचारियों की जेब पर नहीं बल्कि भारतीय शेयर बाजार पर भी दिख सकता है. JPMorgan की नई रिपोर्ट के मुताबिक इस आयोग से सैलरी और भत्तो में बढ़ोतरी होगी जिससे घरों की इनकम और खर्च क्षमता दोनों बढ़ेंगे. ज्यादा खर्च यानी ज्यादा खपत और इसी खपत से कंपनियों की कमाई भी बढ़ सकती है. रिपोर्ट में कहा गया कि आने वाले सालो में बाजार की दिशा तय करने वाले प्रमुख कारणो में से एक यह सैलरी में बढ़तरी भी होगी.
क्या कहती है JPMorgan की रिपोर्ट
JPMorgan ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 8th Pay Commission से खपत में तेज बढ़ोतरी हो सकती है. इस खपत से कंपनियों की कमाई मजबूत होगी और संस्थागत निवेश भी बढ़ सकता है. यानी सरकार के कर्मचारियों की जेब भरेगी तो बाजार में भी नई जान आ सकती है.
फिटमेंट फैक्टर निभाएगा सबसे अहम भूमिका
खपत बढ़ने का पूरा प्रभाव फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करेगा जो सैलरी संशोधन का बेसिक स्टैंडर्ड होता है. आयोग इसी फैक्टर को तय करने के लिए कई विभागों और संगठनो से राय लेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी पर निर्भर करेगा कि वेतन बढ़ोतरी कितनी तेज होगी.
पिछले आयोगों ने क्या बदला था
2008 में 6th Pay Commission से लगभग 40 फीसदी तक वेतन बढ़ा था और इससे गाड़ी, मकान और कंज्यूमर सामान की खरीद में तेजी आई थी. जबकि 2016 में 7th Pay Commission से 23 से 25 फीसदी तक की औसत बढ़ोतरी हुई और प्रभाव सीमित रहा. उस समय महंगाई भत्ता बेसिक के मुकाबले 125 फीसदी था जिसे नए स्ट्रक्चर में शून्य किया गया था.
DA का हिसाब बदल सकता है पूरी तस्वीर
इस बार महंगाई भत्ता 58 फीसदी है और उम्मीद है कि आयोग लागू होते समय यह 65 फीसदी से ऊपर पहुंच सकता है. इसी कारण कम फिटमेंट फैक्टर होने पर भी रियल सैलरी ग्रोथ अधिक हो सकती है. यानी कर्मचारियों को पिछले आयोग से ज्यादा लाभ मिलने की संभावना बन सकती है.
खपत बढ़ने से किन सेक्टर को फायदा
JPMorgan के अनुसार आयोग लागू होने से सरकार पर 3.7 से 3.9 लाख करोड़ रुपये तक का खर्च आएगा. यह पैसा अर्थव्यवस्था में खपत का बड़ा आधार बनेगा खासकर ऑटोमोबाइल, कंज्यूमर ड्यूरेबल और सस्ती आवासीय परियोजनाओ में मांग बढ़ सकती है. इसका अधिक असर टियर टू और टियर थ्री शहरों में दिखने की संभावना है जहां सरकारी कर्मचारी अधिक संख्या में रहते हैं.
ये भी पढ़ें- एक ही EMI में निपटाएं सभी लोन, इस बैंक की नई स्कीम से मिलेगी जेब को राहत, कर्ज का बोझ कम करना अब होगा आसान
कर्मचारियों और निवेशकों के लिए क्या मतलब
इस आयोग से एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स को बेनिफिट हो सकता हैं. वेतन बढ़ने से बाजारों में तेजी और कंपनियों की इनकम में सुधार दर्ज हो सकता है. निवेशक खपत आधारित सेक्टर पर नजर रख सकते हैं क्योंकि यह अगली तेजी का आधार बन सकते हैं.