एक ही EMI में निपटाएं सभी लोन, इस बैंक की नई स्कीम से मिलेगी जेब को राहत, कर्ज का बोझ कम करना अब होगा आसान
देश में बढ़ती EMI और कई लोन एक साथ मैनेज करना कठिन हो रहा है. इसी चुनौती के लिए South Indian Bank ने SIB Power CONSOL लॉन्च किया है जो कई लोन को एक में बदलकर एक सिंगल EMI प्रदान करता है. इसमें होम, कार, एजुकेशन, पर्सनल सहित कई लोन को कम ब्याज पर जोड़ा जा सकता है.
Debt Consolidation: देश में बढ़ते खर्च और लाइफस्टाइल के साथ कई लोग घर की EMI, कार की EMI, एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन जैसे कई पेमेंट एक साथ संभाल रहे हैं. हर महीने अलग- अलग तारीखों पर EMI भरना मुश्किल होता जा रहा है. ऐसे में Debt Consolidation एक बेहतर विकल्प बनकर सामने आया है. इसी जरूरत को देखते हुए South Indian Bank ने SIB Power CONSOL नाम से एक नई स्कीम लॉन्च की है जो कर्ज को एक EMI में बदलकर रिपेमेंट को आसान बनाती है. इससे कैश फ्लो भी बेहतर होता है और ब्याज का भार कम होता है.
SIB Power CONSOL क्या है
South Indian Bank की यह स्कीम ग्राहकों के कई लोन को एक साथ जोड़कर एक सिंगल EMI में बदलती है. बैंक पुराने महंगे लोन को बंद कर ग्राहकों को एक नया लोन देता है जिसमें ब्याज दर कम रहती है. इससे हर महीने अलग-अलग EMI भरने की परेशानी कम हो जाती है.
किन लोन को किया जा सकता है शामिल
इस योजना के तहत होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन और कन्ज्यूमर ड्यूरेबल जैसे कई लोन को मिलाकर एक बनाया जा सकता है. बैंक इस प्रोसेस में कर्ज सलाहकार की तरह काम करता है और ग्राहक को आसान रीपेमेंट स्ट्रक्चर प्रदान करता है.
किन शर्तो पर लोन मिल सकता है
यह एक प्रॉपर्टी बेस्ड लोन है. ग्राहक अपने घर या कॉमर्शियल प्रॉपर्टी को मॉर्गेज कर इसकी राशि ले सकते हैं. बैंक प्रॉपर्टी वैल्यू के 75 फीसदी तक का लोन देता है. लोन की सीमा 10 लाख रुपये से 3 करोड़ रुपये तक है. कर्ज की अवधि 15 साल तक और होम लोन बैलेंस ट्रांसफर पर 30 साल तक हो सकती है.
किसे मिलेगा फायदा
यह योजना मुख्य रूप से 30 से 55 वर्ष की उम्र वाले सैलरीड और सेल्फ एम्प्लोयड लोगों के लिए है. खासकर उन ग्राहकों के लिए जो कई महंगे लोन एक साथ संभाल रहे हैं. ज्यादा ब्याज वाले बिजनेस या पर्सनल लोन वालों के लिए यह काफी फायदेमंद हो सकता है.
क्या होंगे फायदे
इस योजना से कुल ब्याज खर्च कम हो सकता है क्योंकि कई हाई इंटरेस्ट लोन एक कम ब्याज वाले लोन में बदल जाते हैं. हर महीने सिर्फ एक EMI होने से बैंक बैलेंस मैनेज करना भी आसान हो जाता है. समय के साथ क्रेडिट स्कोर पर अच्छा असर पड़ सकता है.
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कब लेनी चाहिए यह सुविधा
अगर किसी के पास कई लोन हैं और वेतन का बड़ा हिस्सा EMI में जा रहा है तो कर्ज को एक EMI में बदलना बेहतर कदम हो सकता है. हालांकि पुराने लोन बंद करने पर फोरक्लोजर चार्ज लग सकते हैं. कर्ज की अवधि बढ़ाने पर कुल ब्याज बढ़ भी सकता है. इसलिए फैसला लेने से पहले कुल ब्याज लागत का कंपैरिजन एनालिसिसकरना जरूरी है.
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