68 इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स पर गिरी SEBI की गाज! एक झटके में रद्द किए लाइसेंस, वजह सुनकर चौंक जाएंगे
SEBI ने 68 इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है. यह कार्रवाई इसलिए हुई क्योंकि इन सलाहकारों ने वे जरूरी नियम पूरे नहीं किए, जो हर रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर के लिए अनिवार्य हैं. SEBI ने फरवरी से जून 2025 के बीच इन सभी को फिजिकल नोटिस भेजे. कई नोटिस एड्रेस पर न मिल पाने के कारण वापस लौट आए. इसके बाद अगस्त और सितंबर 2025 में ईमेल नोटिस भेजे गए, जिन्हें डिलीवर माना गया.
SEBI cancels registration of ID: भारतीय बाजार नियामक SEBI ने 68 इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है. यह कार्रवाई इसलिए हुई क्योंकि इन सलाहकारों ने वे जरूरी नियम पूरे नहीं किए, जो हर रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर के लिए अनिवार्य हैं. SEBI के अनुसार, कई बार ऐसे निष्क्रिय एडवाइजर्स के रजिस्ट्रेशन नंबरों का गलत इस्तेमाल धोखाधड़ी में होता है. इसलिए यह कदम एक बड़ी और महत्वपूर्ण कम्प्लायंस सफाई का हिस्सा है.
क्यों रद्द किए गए 68 एडवाइजर्स के लाइसेंस?
SEBI के नियमों के अनुसार, हर इन्वेस्टमेंट एडवाइजर को हर पांच साल में अपनी रजिस्ट्रेशन वैधता बढ़ानी होती है और इसके लिए निर्धारित फीस जमा करनी होती है. लेकिन इन 68 एडवाइजर्स ने न तो फीस जमा की और न ही SEBI के कई रिमाइंडर और नोटिस का जवाब दिया. यह सभी SEBI (Investment Advisers) Regulations, 2013 का उल्लंघन था. फीस न भरने और समय पर नंबर रिन्यू न करने के कारण इनका रजिस्ट्रेशन अपने आप ही निष्क्रिय हो गया और SEBI ने इसे औपचारिक रूप से रद्द कर दिया.
SEBI ने नोटिस भेजकर दी चेतावनी
SEBI ने फरवरी से जून 2025 के बीच इन सभी को फिजिकल नोटिस भेजे. कई नोटिस एड्रेस पर न मिल पाने के कारण वापस लौट आए. इसके बाद अगस्त और सितंबर 2025 में ईमेल नोटिस भेजे गए, जिन्हें डिलीवर माना गया. इसके बावजूद सिर्फ 17 एडवाइजर्स ने प्रतिक्रिया दी और उन्होंने स्वयं अपना रजिस्ट्रेशन रद्द करने की इच्छा जताई. बाकी 51 एडवाइजर्स ने कोई जवाब नहीं दिया. इस कारण SEBI ने सभी 68 एडवाइजर्स का रजिस्ट्रेशन तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया.
रद्द होने के बाद SEBI के नए निर्देश
रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बाद, SEBI ने इन 68 एडवाइजर्स को कई निर्देश दिए हैं. उन्हें कहा गया है कि वे खुद को SEBI रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर बताना तुरंत बंद करें. वे अपने पुराने रजिस्ट्रेशन नम्बर का उपयोग न करें और किसी भी ग्राहक को इस आधार पर सलाह न दें. इसके अलावा उन्हें अपने सभी रिकॉर्ड और दस्तावेज सुरक्षित रखने होंगे ताकि भविष्य में कोई जांच हो तो जानकारी उपलब्ध हो सके. SEBI ने यह भी कहा है कि सभी लंबित निवेशक शिकायतों को जल्द से जल्द सुलझाएं और किसी ग्राहक के पैसे या सिक्योरिटीज उनकी अनुमति और नियमों के अनुसार सही तरीके से निपटाएं.
इस फैसले का महत्व
यह कार्रवाई SEBI की कम्प्लायंस सफाई मुहिम का हिस्सा है. हाल ही के महीनों में SEBI ने ऐसी कई कार्रवाइयां की हैं. सितंबर 2025 में उसने 18 इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स का रजिस्ट्रेशन इसी कारण से रद्द किया था. इसी तरह मार्च 2025 में SEBI ने 72 रिसर्च एनालिस्ट्स के लाइसेंस रद्द किए थे क्योंकि उन्होंने भी समय पर फीस नहीं चुकाई थी. SEBI की वार्षिक रिपोर्ट 2024–25 के अनुसार, भारत में 900 से ज्यादा रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स थे. अब इनमें से 68 नाम हट चुके हैं. SEBI का मानना है कि इससे रजिस्टर्ड एडवाइजर्स की सूची साफ, सटीक और निवेशकों के लिए भरोसेमंद बनेगी.
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