1 करोड़ से ज्यादा है इनकम, तो ITR में अब देनी होगी घर, गहने और बैंक बैलेंस की जानकारी
अगर आपकी सालाना इनकम 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है, तो इस साल ITR भरते समय आपको अपनी सभी एसेट और लायबिलिटी की जानकारी देना अनिवार्य है. यह नियम इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इनकम और एसेट में असंतुलन को पहचानने के लिए लागू किया है. यह जानकारी ITR के Schedule AL में दी जाती है.
ITR Filing: अगर आपकी सालाना इनकम 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है तो इस साल ITR भरते समय आपको अपनी एसेट और लायबिलिटी का पूरा ब्योरा देना होगा. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि इनकम और एसेट में असंतुलन को पहचाना जा सके. यह जानकारी ITR के Schedule AL में भरनी होती है और इसमें अचल संपत्ति से लेकर गहने और बैंक बैलेंस तक सभी को शामिल किया जाता है.
किसे देनी होगी जानकारी
यह नियम उन टैक्सपेयर्स पर लागू होता है जिनकी सालाना इनकम 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है. अगर आप ITR-2 या ITR-3 भरते हैं और आपकी इनकम तय लिमिट से ऊपर है तो आपको यह जानकारी देनी जरूरी है. वहीं ITR-1 और ITR-4 भरने वालों को यह ब्योरा नहीं देना होता. बिजनेस करने वालों को भी बैलेंस शीट के बाहर की संपत्तियों की जानकारी देनी पड़ती है.
अचल संपत्ति की जानकारी कैसे देनी है
31 मार्च 2025 तक आपके पास जो भी अचल संपत्तियां हैं, जैसे प्लॉट, घर या फ्लैट, उनका पूरा डिटेल देना होगा. इसमें उनकी खरीद कीमत, पता और अगर संपत्ति गिफ्ट या विरासत में मिली हो तो उसका भी जिक्र करना होगा. अगर संपत्ति पर लोन है या उसे गिरवी रखा गया है तो उसकी जानकारी भी जरूरी है.
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चल संपत्ति में क्या आता है
चल संपत्तियों में नकदी, बैंक बैलेंस, फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर और म्यूचुअल फंड जैसे फाइनेंशियल एसेट्स आते हैं. इसके अलावा जेवर, वाहन, सोना, चांदी, पेंटिंग और बीमा पॉलिसियों को भी चल संपत्ति माना जाता है. अगर आपने किसी को उधार दिया है तो उसकी जानकारी भी देनी होगी.
इन संपत्ति का जिक्र जरूरी
अगर आपको कोई संपत्ति, गहना या शेयर या गिफ्ट विरासत में मिला है तो उसकी जानकारी भी रिटर्न में देना जरूरी है. पुराने शेयरों के लिए 1 अप्रैल 2001 और लिस्टेड शेयरों के लिए 31 जनवरी 2018 का मार्केट वैल्यू बताना होता है. इससे आगे चलकर कैपिटल गेन की कैलकुलेशन में सुविधा मिलती है.
लेखक टैक्स और इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट हैं.