रियल एस्टेट बेचने पर कैसे कम करें LTCG टैक्स, इंडेक्सेशन से हो सकती है बचत; जानें कैसे
यदि आपने कोई संपत्ति लंबे समय तक रखने के बाद बेची है, तो इंडेक्सेशन का लाभ लेकर आप अपने टैक्स में बड़ी बचत कर सकते हैं. अगर आप इंडेक्सेशन का फायदा लेते हैं, तो आपकी खरीद कीमत बढ़कर दिखाई जाएगी जिससे टैक्स योग्य लाभ घट जाएगा.
Capital Gains Tax: अगर आपने जमीन या मकान जैसे रियल एस्टेट में निवेश किया है और अब उसे बेचने का विचार कर रहे हैं, तो आपके ऊपर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स यानी LTCG टैक्स लग सकता है. लेकिन एक तरीका है जिससे आप यह टैक्स कम कर सकते हैं और वह है इंडेक्सेशन का फायदा. यह सुविधा सिर्फ उन प्रॉपर्टी डील्स पर मिलती है जो 23 जुलाई 2024 से पहले की गई हों. आइए विस्तार से समझते हैं कि इंडेक्सेशन क्या होता है और कब यह फायदेमंद या नुकसानदायक साबित हो सकता है.
क्या है इंडेक्सेशन का मतलब
इंडेक्सेशन एक तरीका है जिसमें प्रॉपर्टी की खरीद कीमत को महंगाई के हिसाब से बढ़ाकर कैपिटल गेन निकाला जाता है. इससे टैक्स योग्य मुनाफा कम हो जाता है और आपको कम टैक्स देना पड़ता है. उदाहरण के तौर पर अगर आपने 2010 में 50 लाख की प्रॉपर्टी खरीदी और 2025 में 1.5 करोड़ में बेची, तो इंडेक्सेशन के बाद आपका मुनाफा घटकर लगभग 41 लाख रह जाएगा.
कब मिलता है इंडेक्सेशन का फायदा
अगर आपकी प्रॉपर्टी 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी गई है, तो आपको दो विकल्प मिलेंगे. पहला, आप 20 फीसदी टैक्स इंडेक्सेशन के साथ दे सकते हैं. दूसरा, आप 12.5 फीसदी टैक्स बिना इंडेक्सेशन के चुन सकते हैं. जो भी विकल्प आपके लिए फायदेमंद हो, उसे चुना जा सकता है. लेकिन 23 जुलाई 2024 के बाद खरीदी गई प्रॉपर्टी पर सिर्फ 12.5 फीसदी टैक्स देना होगा और इंडेक्सेशन का विकल्प नहीं होगा.
कैसे घटता है टैक्स, उदाहरण से समझे
अगर आप इंडेक्सेशन का फायदा लेते हैं, तो आपकी खरीद कीमत बढ़कर दिखाई जाएगी जिससे टैक्स योग्य लाभ घट जाएगा. उदाहरण के अनुसार, अगर आपने 50 लाख में खरीदी और 1.5 करोड़ में बेची, तो इंडेक्सेशन से टैक्स लगभग 4.23 लाख रुपये कम हो जाएगा. यानी यह तरीका बड़े लाभ पर टैक्स बचाने में मददगार है.
ये भी पढ़ें- ITR भरने की तारीख निकल गई तो क्या होगा? जानें देर से फाइल करने के नुकसान और जुर्माना
कब हो सकता है इंडेक्सेशन नुकसानदायक
अगर आपने प्रॉपर्टी को कम समय के लिए रखा है, जैसे 2 से 3 साल, तो इंडेक्सेशन से टैक्स बढ़ सकता है. उदाहरण के तौर पर, 2022 में खरीदी गई प्रॉपर्टी को 2025 में बेचने पर इंडेक्सेशन के साथ टैक्स 8.64 लाख बनता है, जबकि बिना इंडेक्सेशन के सिर्फ 6.25 लाख. यानी 2.39 लाख का नुकसान होता है.
डिटेल | इंडेक्सेशन के साथ (रुपये में) | बिना इंडेक्सेशन (रुपये में) |
---|---|---|
बिक्री मूल्य | 1,50,00,000 | 1,50,00,000 |
खरीद मूल्य (मूल लागत) | 50,00,000 | 50,00,000 |
अधिग्रहण वर्ष का CII (2010-11) | 167 | लागू नहीं |
बिक्री वर्ष का CII (2024-25) | 363 | लागू नहीं |
इंडेक्स की गई लागत (क्रय मूल्य) | 1,08,68,263 | लागू नहीं |
दीर्घकालिक पूंजी लाभ (LTCG) | 41,31,736 | 1,00,00,000 |
लागू टैक्स दर (धारा 112 के तहत) | 20% | 12.5% |
देय पूंजी लाभ कर | 8,26,347 | 12,50,000 |
बिक्री मूल्य पर प्रभावी कर दर | 5.51% | 8.33% |
इंडेक्सेशन से कर में बचत | 4,23,653 रुपये | – |
इन बातों का रखें ध्यान
अगर आपकी प्रॉपर्टी 23 जुलाई 2024 से पहले की है, तो इंडेक्सेशन वाला विकल्प तभी चुनें जब वह आपके लिए फायदेमंद हो. नई प्रॉपर्टी के लिए इंडेक्सेशन का विकल्प नहीं मिलेगा. वहीं कम समय के लिए रखी गई प्रॉपर्टी पर बिना इंडेक्सेशन वाला टैक्स विकल्प ज्यादा अच्छा साबित हो सकता है. इस तरह सही चुनाव कर आप टैक्स में अच्छी बचत कर सकते हैं.