Mittal Family Suicide Case: जानें कर्ज के जाल में कैसे फंस जाते हैं लोग, ये 7 इंडिकेटर हमेशा करते हैं अलर्ट

एक ही परिवार के 7 लोगों की जहर खाने के बाद मौत हो गई, वजह करोड़ों का कर्ज थी जिसे चुकाने में प्रवीण मित्तल असमर्थ थे. कर्ज में फंसे व्यक्ति के लिए डेट ट्रैप से बाहर निकलना मुश्किल हो सकता है, लेकिन सही स्ट्रेटेजी और अनुशासन के साथ यह संभव है. आइए जानते हैं कि कैसे डेट ट्रैप से बाहर निकला जा सकता है.

कर्ज के जाल से कैसे बाहर निकले Image Credit: Money9live/Canva

Haryana Family Suicide Case: हरियाणा के पंचकूला में देहरादून से आए एक ही परिवार के सात सदस्य एक बंद कार में मृत पाए गए. जांच में पता चला कि सातों ने जहर खाया क्योंकि परिवार बड़े कर्ज में फंसा था. 42 साल के प्रवीण मित्तल पर करोड़ों का कर्ज था. पुलिस को मिले सुसाइड नोट में लिखा गया कि वे दिवालिया हो चुके हैं और वे ही इसके लिए जिम्मेदार हैं. असल में प्रवीण मित्तल डेट ट्रैप में फंस चुके थे. कर्ज की वजह से इतनी बड़ी घटना घटी, क्या ये घटना टल सकती थी? कर्ज में फंसा व्यक्ति उससे बाहर निकल सकता है, अगर वह एक सही स्ट्रेटेजी बनाए. अगर आप भी किसी कर्ज में फंसे हैं या आपने कोई कर्ज ले रखा हो तो इन बातों को एक बार जरूर समझ लें.

असल में कर्ज हमारी मदद के लिए होता लेकिन अगर इसे लेकर आप सतर्क नहीं है तो यही मदद आपके दुख का कारण बन सकती है. और आपको बड़ी मुसीबत में भी डाल सकती है. डेट ट्रैप या कर्ज का जाल ऐसे हालात हैं जब कर्ज इतना बढ़ जाता है कि उसे चुकाना बहुत मुश्किल हो जाता है. खासकर जब ब्याज दरें ज्यादा हों, आपकी इनकम सीमित हो और कई लोन और ईएमआई एक साथ चल रही हों. लेकिन अगर आप रणनीति बनाते हैं तो इससे बाहर निकल सकते हैं.

कौन सी चीजें आपको डेट ट्रैप में डाल सकती हैं?

कैसे पता चलेगा कि डेट ट्रैप में फंस चुके हैं

तो समझ जाइए आप डेट ट्रैप की ओर बढ़ रहे हैं या डेट ट्रैप का शिकार हैं.

ऐसे करें कर्ज का हिसाब

आपको अपने सारे लोन को एक साथ किसी पन्ने पर लिखना चाहिए और फिर उसे दो कैटेगरी में बांटना चाहिए. शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म लोन में. शॉर्ट टर्म लोन में क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन आते हैं. लॉन्ग टर्म लोन में होम लोन शामिल होता है.

पहले उस लोन को चुकाना शुरू कीजिए जिसका ब्याज सबसे ज्यादा है. होम लोन जैसी चीजों पर ब्याज कम होता है जबकि क्रेडिट कार्ड पर ब्याज 35-40% सालाना तक हो सकता है. अगर आप समय पर बिल नहीं चुकाते तो हर महीने ब्याज के साथ भारी जुर्माना भी लगता है.

खर्चों का हिसाब-किताब करें

अपने खर्चों की समीक्षा करें, अगर आपको बचत करने में दिक्कत हो रही है, तो पहले अपने खर्चों का हिसाब करें. घूमने-फिरने, फिल्म या लग्जरी सामान पर खर्च कम कीजिए. रोजमर्रा के खर्चों में कटौती करने के लिए स्मार्ट तरीके अपनाएं, जैसे कि कारपूल करना, टैक्सी की बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट लेना या बाहर खाना मंगवाने के बजाय घर पर खाना बनाकर खाना.

अगर मुमकिन हो तो साइड इनकम के लिए पार्ट-टाइम काम करने पर भी विचार करें. ये सब थोड़े समय की बात है, जब तक आपकी फाइनेंशियल हालत फिर से पटरी पर नहीं आ जाती.

इंश्योरेंस

हमेशा अपने लिए हेल्थ इंश्योरेंस रखें, क्योंकि ऐसे समय में अनहोनी हो जाए तो खर्चें र बढ़ जाएंगे. जल्दी इंश्योरेंस लेंगे तो प्रीमियम कम होगा. इससे आप हेल्थ खर्चों की चिंता किए बिना कर्ज चुकाने पर ध्यान दे पाएंगे.

बैंक से मदद लें

अगर आपके पास होम लोन है तो बैंक से लोन की अवधि बढ़वाने की मांग करें. इससे आपकी EMI कम हो जाएगी, भले ही कुल ब्याज थोड़ा बढ़ जाए. अगर बैंक से आपका पुराना संबंध है, तो ब्याज दर घटाने की बात भी कर सकते हैं या फिर अपने लोन को उस बैंक में ट्रांसफर करें जहां ब्याज दर कम हो.

EMI बढ़ा लें

अगर आपकी सैलरी बढ़ी है और आप बहुत बुरी स्थिति में नहीं हैं तो अपनी EMI का योगदान बढ़ा लें. इससे कर्ज जल्दी निपटेगा.

कर्ज पर कर्ज लेना बंद करें

अगर आपने कर्ज को कंसॉलिडेट कर लिया है तो ये जरूरी है कि अब आप कोई नया कर्ज न लें. केवल मौजूदा कर्ज से बाहर निकलने के बारे में सोचे, नया लोन लेकर आप और फंस जाएंगे.

क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रांसफर

अगर आपके कार्ड पर ब्याज बहुत ज्यादा है, तो आप उसे किसी ऐसे क्रेडिट कार्ड पर ट्रांसफर कर सकते हैं जिसमें प्रोमोशनल पीरियड में ब्याज कम हो. लेकिन ध्यान रखें, ऐसा तभी करें जब आप प्रोमोशनल पीरियड में ही सारा बकाया चुका सकते हों.