ITR फाइल करने की लास्ट डेट बढ़ी, 31 जुलाई की जगह अब 15 सितंबर तक कर सकेंगे फाइलिंग

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR फालिंग के लिए लास्ट डेट को बढ़ा दिया है. अब टैक्सपेयर 31 जुलाई की जगह 15 सितंबर इनमक टैक्स फाइल कर सकते हैं. यह फैसला इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म जारी करने में हुई देरी के चलते लिया गया है.

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग. Image Credit: Money9live

Income Tax Department ने ITR फाइलिंग की डेडलाइन को 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया है. CBDT यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 यानी असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2025 से बढ़ाकर 15 सितंबर, 2025 कर दिया गया है. CBDT ने मंगलवार 27 मई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह फैसला इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म के लिए नोटिफिकेशन जारी करने में हुई देरी की वजह से लिया गया है.

CBDT ने क्या कहा?

सीबीडीटी ने अपने एक्स पर किए पोस्ट में बताया कि सीबीडीटी ने 31 जुलाई, 2025 तक दाखिल होने वाली आईटीआर की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 15 सितंबर, 2025 करने का फैसला किया है. आईटीआर फॉर्म, सिस्टम डेवलपमेंट की जरूरतों और टीडीएस क्रेडिट रिफ्लेक्शन में किए गए बदलावों की वजह से यह समय सीमा बढ़ाई गई है.

किसे मिलेगा फायदा

ITR फाइलिंग के लिए डेडलाइन बढ़ाए जाने का सबसे ज्यादा फायदा वेतनभोगी कर्मचारियों को मिलेगी. इसके अलावा उन सभी टैक्सपेयर्स को इसका फायदा मिलेगा, जिन्हें अपने अकाउंट की ऑडिट नहीं करानी होती है. लास्ट डेट बढ़ाए जाने से टैक्सपेयर्स को करीब ITR फाइल करने के लिए 46 दिन का अतिरिक्त समय मिलेगा. अगर आखिर दिन तक इनकम टैक्स फाइल नहीं किया जाता है, तो 5,000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ता है.

क्यों बढ़ाई गई समय-सीमा?

CBDT ने ITR फाइलिंग की समय-सीमा बढ़ाए जाने के कारणों को स्पष्ट करते हुए बताया कि असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए ITR नोटिफिकेशन में कई तरह के बदलाव किए गए हैं. इन बदलावों का मकसद टैक्स कंप्लायंस को असाना, पारदर्शी बनाते हुए रिपोर्टिंग को सटीक बनाना है. इन बदलावों को लागू करने के लिए सिस्टम डेवलपमेंट, इंटीग्रेशन और यूटिलिटी टेस्टिंग में समय लगा, जिसकी वजह से आईटीआर फाइलिंग की समय-सीमा को बढ़ाया गया है.