ICICI बैंक को मिली बड़ी जीत, सिक्योरिटीज विलय मामले में SC ने लगाई अंतिम मुहर
सुप्रीम कोर्ट ने ICICI Securities और ICICI Bank के विलय को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे इस बड़े कॉर्पोरेट मर्जर को अंतिम वैधानिक मंजूरी मिल गई है. अदालत ने वैल्यूएशन प्रक्रिया को पारदर्शी और नियमों के अनुरूप बताया. 93 फीसदी से अधिक शेयरधारकों ने इस डील का समर्थन किया, जिससे ICICI Securities अब ICICI Bank की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी बन गई है.

ICICI Securities: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ICICI सिक्योरिटीज की डीलिस्टिंग और ICICI बैंक के साथ उसके विलय की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी. शीर्ष अदालत ने इस मामले में की गई वैल्यूएशन प्रक्रिया को निष्पक्ष और सही नियम माना है. निवेशक मनु ऋषि गुप्ता ने याचिका में दावा किया था कि रिवर्स बुक बिल्डिंग (RBB) पैटर्न के माध्यम से शेयरधारकों को बेहतर मूल्य मिल सकता था. ICICI सिक्योरिटीज को मार्च 2024 में आधिकारिक रूप से डीलिस्ट कर दिया गया था, जिसके बाद यह ICICI बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन गई. यह कदम एक व्यापक विलय योजना का हिस्सा था, जिसे पहले ही शेयरधारकों की मंजूरी मिल चुकी थी.
आरोप खारिज
याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि डीलिस्टिंग की प्रक्रिया “अपारदर्शी और जल्दबाजी में” पूरी की गई और वैल्यूएशन प्रक्रिया “चौंकाने वाली” थी. उनका कहना था कि RBB पैटर्न से शेयरधारकों को बेहतर मूल्य प्राप्त हो सकता था. हालांकि, ICICI सिक्योरिटीज की ओर से पेश वकीलों ने बताया कि गुप्ता ने डीलिस्टिंग के बाद भी अगस्त 2024 तक कंपनी के शेयरों का व्यापार किया, जिससे उनके दावे कमजोर साबित हुए.
शेयरधारकों का मजबूत समर्थन
इस विलय को शेयरधारकों का व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ था, जिसमें लगभग 72 फीसदी वोट विलय के पक्ष में पड़े. फरवरी 2024 में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने भी शेयरधारकों की बैठक बुलाने का निर्देश दिया था, जिसमें 161 इक्विटी शेयरधारकों और प्रतिनिधियों ने विलय का समर्थन किया.
यह भी पढ़ें: मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, 3399 करोड़ की दो रेल परियोजनाओं को मिली मंजूरी; 784 गांवों को फायदा
मार्च में हुई डीलिस्टिंग
जून 2023 में ICICI बैंक ने अपनी सहायक कंपनी ICICI सिक्योरिटीज को डीलिस्ट करने और उसे अपने साथ विलय करने की योजना बनाई थी. इसमें सिक्योरिटीज के हर 100 शेयरों के बदले बैंक के 67 शेयर देने का प्रस्ताव रखा गया था. इस डील को 24 मार्च 2024 को अंतिम रूप दिया गया, जिसे 93 फीसदी से अधिक शेयरधारकों का समर्थन मिला, जिनमें से 72 फीसदी पब्लिक शेयरहोल्डर्स थे.
NCLT की मुंबई और अहमदाबाद बेंच ने कुछ निवेशकों की आपत्तियों के बावजूद इस विलय को मंजूरी दे दी, जिसके बाद ICICI सिक्योरिटीज आधिकारिक रूप से बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी बन गई.
Latest Stories

डिफेंस कंपनी मझगांव डॉक के मुनाफे में 51 फीसदी की गिरावट, शेयरों में दिख सकता है एक्शन

RBI की नई योजना, पुराने कटे-फटे नोटों का फर्नीचर बनाने में होगा इस्तेमाल, जानें कैसे होगा ये कमाल?

ट्रंप राज में अमेरिका का बुरा हाल, औंधे मुंह गिरी इकोनॉमी… लाखों बेरोजगार सरकार से मांग रहे पैसा
