सेबी ने जारी किए फ्यूचर एंड ऑप्शन के लिए नए नियम, इंडेक्स ऑप्शन पोजिशन लिमिट को 10,000 करोड़ किया

बजार नियामक सेबी ने इक्विटी फ्यूचर्स और ऑप्शन्स सेगमेंट में नए नियमों की अधिसूचना जारी की है. इनमें इंडेक्स ऑप्शन्स की पोजिशन लिमिट में बढ़ोतरी, मार्केट वाइड पोजिशन लिमिट को कैश वॉल्यूम और फ्री फ्लोट से जोड़ने के साथ ही ओपन इंटरेस्ट मेजरमेंट का नया मेथड पेश किया गया है.

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बाजार नियामक सेबी ने भारतीय शेयर बाजार के जोखिम प्रबंधन ढांचे को मजबूत करने और ट्रेडर्स के लिए सुविधाएं बढ़ाने के लिए फ्यूचर्स एंड ऑप्शन से जुड़े नियमों को जारी किया है. सबसे बड़े बदलावों में सेबी ने इंडेक्स ऑप्शन पोजिशन की सीमा को 1,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये कर दिया है. इसके साथ ही नेट एंड-ऑफ-द-डे सीमा को 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,500 करोड़ रुपये कर दिया है. इसके अलावा इंट्रा-डे में किसी भी तरह की सीमा को खत्म कर दिया गया है. ऑप्शन के लिए नई नेट एंड-ऑफ-डे सीमा 1,500 करोड़ रुपये और ग्रॉस लिमिट 10,000 करोड़ रुपये कर दी गई हैं. ये सीमाएं प्रत्येक PAN के स्तर पर लागू होंगी.

फरवरी में जारी किया कंसल्टेशन पेपर

सेबी ने फरवरी में इक्विटी डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग सुविधा को बढ़ाना और जोखिम निगरानी को मजबूत करने के लिए एक कंसल्टेशन पत्र जारी किया था. सेबी ने इस पत्र में इक्विटी एफएंडओ के लिए रेगुलेटरी बदलावों के दूसरे चरण का प्रस्ताव रखा था. इसके लिए तमाम हितधारकों से फीडबैक के बाद सर्कुलर भी जारी किया गया था. सेबी ने कुल 9 बड़े बदलावों की जानकारी सर्कुलर में दी है.

क्या हैं सेबी के F&O 2.O नियम?

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने गुरुवार को इक्विटी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट के लिए नए नियम जारी किए. सेबी की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में इक्विटी एफ एंड ओ सेगमेंट में ओपन इंटरेस्ट के मेजरमेमंट का नया तरीको भी पेश किया गया है. इसके अलावा मार्केट वाइड पोजीशन लिमिट को कैश वॉल्यूम और फ्री फ्लोट से जोड़ दिया गया है. वहीं, सिंगल स्टॉक में एमडब्ल्यूपीएल की इंट्राडे निगरानी, ​​इंडेक्स फ्यूचर्स और इंडेक्स ऑप्शंस के लिए बढ़ी हुई पोजीशन लिमिट जैसे बदलाव इनमें शामिल हैं. इसके अलावा सेबी ने सुझाव दिया है कि म्यूचुअल फंड और अल्टरनेट इन्वेस्टमेंट फंड को लॉन्ग और शॉर्ट दोनों ही ऑप्शन एक्सपोजर की गणना FutEq के आधार पर करनी चाहिए. इसके अलावा सेबी ने नॉन-बेंचमार्क इंडेक्स पर डेरिवेटिव के लिए पात्रता मानदंडों में बदलाव किया है. ये बदलाव इस साल नवंबर से लागू होंगे.