टैक्सपेयर्स को 15 जून से पहले क्यों नहीं फाइल करना चाहिए ITR? जानें- आखिर क्या है मामला

ITR Filing: हालांकि, इनकम टैक्स अधिनियम समय से पहले ITR दाखिल करने पर प्रतिबंध नहीं लगाता है. इनकम टैक्स नियमों के अनुसार, टैक्सपेयर्स को अपने टीडीएस सर्टिफिकेट, जैसे फॉर्म 16 या फॉर्म 16A, 15 जून तक प्राप्त कर लेने चाहिए.

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग. Image Credit: Money9live

ITR Filing: इनकम टैक्स विभाग ने हाल ही में वित्त वर्ष 2024-25 (AY 2025-26) के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म को नोटिफाई किया है. हालांकि, इससे पहले के वर्षों में ITR फॉर्म पहले से ही नोटिफाई किए गए थे. इस साल फॉर्म को अप्रैल 2025 में नोटिफाई किया गया. इसके अलावा इनकम टैक्स विभाग ने यूटिलिटीज, यानी ITR दाखिल करने के लिए आवश्यक ऑनलाइन सॉफ्टवेयर/फॉर्म अभी तक जारी नहीं किए हैं.

क्यों अभी फाइल न करें ITR

टैक्स एक्सपर्ट 15 जून, 2025 तक ITR दाखिल करने को स्थगित करने की सलाह देते हैं, भले ही ITR फॉर्म अभी उपलब्ध हों. फॉर्म 16, फॉर्म 16A जैसे TDS सर्टिफिकेट 15 जून तक जारी किए जाते हैं. इनकम टैक्स नियमों के अनुसार, टैक्सपेयर्स को अपने टीडीएस सर्टिफिकेट, जैसे फॉर्म 16 या फॉर्म 16A, 15 जून तक प्राप्त कर लेने चाहिए.

E-TDS फाइलिंग

ईटी के अनुसार, जब टैक्सपेयर्स ने वित्त वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही (1 जनवरी-31 मार्च, 2025) में कोई इनकम अर्जित की है जो टीडीएस के अधीन है, तो उस आय के भुगतानकर्ता के पास इनकम टैक्स अधिकारियों के सामने ईटीडीएस रिटर्न दाखिल करने के लिए 31 मई 2025 तक का समय है. ईटीडीएस रिटर्न में टैक्सपेयर्स को भुगतान की गई इनकम और उस पर काटे गए टैक्स के डिटेल्स दर्ज होते हैं.

गड़बड़ हो सकती है डिटेल्स

अगर कोई टैक्सपेयर्स फॉर्म नंबर 26AS, फॉर्म नंबर 16/16A और AIS उपलब्ध होने से पहले अपना ITR दाखिल करने की जल्दी में है, तो इनकम और TDS की डिटेल्स गलत रिपोर्ट हो सकती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि वह अपने ITR दाखिल करने से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी को भूल सकता है. अगर वह ऐसी जानकारी को भूल जाता है और ITR दाखिल करता है, तो उसे संशोधित रिटर्न दाखिल करना होगा, जिसके लिए उसे कर विभाग को सही जानकारी देने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है. इसलिए, ITR दाखिल करने के लिए 15 जून तक इंतजार करना उचित है.

15 जून के बाद फाइलिंग से क्या होगा फायदा

हालांकि, इनकम टैक्स अधिनियम समय से पहले ITR दाखिल करने पर प्रतिबंध नहीं लगाता है, लेकिन अधिकांश सैलरीड क्लास व्यक्तियों और छोटे टैक्सपेयर्स के लिए 15 जून के बाद दाखिल करने से कंप्लीट और समन्वित टैक्स क्रेडिट डेटा सुनिश्चित होता है और कंप्लायंस संबंधी मुद्दों या बेमेल रिपोर्टिंग का रिस्क कम हो जाता है.

जब इनकम टैक्स विभाग आईटीआर यूटिलिटीज को इनेबल कर देता है, तो फाइलिंग यूटिलिटी के शुरुआती वर्जन में अक्सर तकनीकी गड़बड़ियां होती हैं, जिससे कैलकुलेशन संबंधी गलतियां, सिस्टम विफलताएं या डेटा वेरिफिकेशन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. कुछ दिनों का बफर देने से सिस्टम को स्थिर होने का समय मिल जाता है, जिससे फाइलिंग आसान हो जाती है.

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