नौकरी, किराए और शेयर बाजार से कमाई करने वाले कैसे भरें ऑनलाइन ITR-1 फॉर्म, ये है स्टेप-बाय-स्टेप तरीका

सैलरी, प्रॉपर्टी इनकम या LTCG वाले व्यक्ति अब नए टैक्स रिजीम में आसानी से ITR-1 फाइल कर सकते हैं. 50 लाख रुपये तक की आय वाले और 1.25 लाख रुपये तक के LTCG वाले टैक्सपेयर्स इस फॉर्म का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप जानना चाहते हैं कि कैसे ITR-1 ऑनलाइन फाइल करें तो पढ़ें पूरी खबर.

How to file ITR 1 form Image Credit: Canva/ Money9

How to File ITR -1 Form: क्या आप सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, LTCG (Long Term Capital Gain) या अन्य स्रोतों से कमाई करते हैं? न्यू टैक्स रिजीम के तहत ITR-1 फाइल करना अब और भी आसान हो गया है. यहां बताई गई स्टेप-बाय-स्टेप गाइड आपको बिना किसी परेशानी के ऑनलाइन ITR भरने में मदद करेगा. चाहे आप पहली बार ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल क्यों ना कर रहे हों यह आर्टिकल आपके सभी सवालों का जवाब देगा. साथ ही यहां यह भी जानेंगे कि सही डिडक्शन का फायदा कैसे उठाएं और टैक्स फाइलिंग को आसानी से भर सकते हैं.

कौन-कौन भर सकते हैं ITR-1 फॉर्म?

अगर आपका कुल आय 50 लाख रुपये तक है और आप सैलरी, होम रेंट से मिलने वाली आय, या बैंक ब्याज, डिविडेंड जैसे अन्य स्रोतों से कमाते हैं, तो आप ITR-1 फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं. साथ ही, अब लिस्टेड शेयर्स और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स से 1.25 लाख रुपये तक के लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) वाले टैक्सपेयर्स भी ITR-1 फॉर्म से अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं.

कैसे करें ITR-1 फाइल?

आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न इनकम टैक्स ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाकर फाइल कर सकते हैं. जब आप इनकम टैक्स ई-फाइलिंग वेबसाइट पर आईटीआर दाखिल करते हैं, तो आपको किसी भी प्रकार की जानकारी खुद फॉर्म में भरने नहीं पड़ते हैं. ITR-1 फॉर्म में आपके टैक्स डिटेल्स से जुड़ी जानकारी पहले से भरी होती है.

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इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा, जिसमें आप से पर्सनल इंफॉर्मेशन, ग्रोस टोटल इनकम, टोटल डिडक्शन, भुगतान किया गया टैक्स से संबंधित जानकारी देनी होती है.

पर्सनल इनफॉरमेशन

  1. ITR फाइल करते समय पहले सेक्शन में आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, PAN, जन्मतिथि आदि की जांच करनी होगी. यहां आप अपना मोबाइल नंबर और ईमेल जैसे कॉन्टैक्ट डिटेल्स भी अपडेट कर सकते हैं. साथ ही, आपको अपने रोजगार का प्रकार चुनना होगा, ITR फाइलिंग की धारा 139(1) का चयन करना होगा और सबसे महत्वपूर्ण – पुराने या नए टैक्स रिजीम में से एक को सलेक्ट करना होगा. एक अहम बात – सुनिश्चित करें कि 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच आपके पास जितने भी बैंक खाते थे, उन सभी की जानकारी ITR में दर्ज हो.

ग्रोस टोटल इनकम

  1. ITR फॉर्म में ग्रोस टोटल इनकम वह सेक्शन है जहां आपको अपनी सभी आय स्रोतों को जोड़ना होता है. इसमें वेतन, घर की संपत्ति से आय, बैंक ब्याज, लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG), और अन्य स्रोतों से प्राप्त आय शामिल होती है. यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी सभी आय को सही-सही रिपोर्ट करें और कोई भी आय छुपाएं नहीं. ग्रोस टोटल इनकम की गणना करने के बाद ही आप विभिन्न छूटों और कटौतियों का लाभ ले सकते हैं. इस सेक्शन को ध्यान से भरें क्योंकि यह आपकी कर योग्य आय निर्धारित करने का पहला चरण है. न्यू टैक्स रिजीम के अनुसार आप 75000 रुपये तक स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.

टोटल डिडक्शन

  1. ITR-1 फॉर्म के इस भाग में, वेतनभोगी करदाता उन सभी कटौतियों का दावा कर सकते हैं जिनके लिए वे पात्र हैं. ध्यान रखें कि नए टैक्स रेजिम में केवल सेक्शन 80CCD(2) और 80CCH के तहत ही कटौती का दावा किया जा सकता है. सेक्शन 80CCD(2) के तहत कटौती तभी मिलती है जब नौकरी देने वाले ने वित्तीय वर्ष के दौरान कर्मचारी के NPS खाते में योगदान दिया हो. नए टैक्स रिजीम में, वेतनभोगी करदाता अपने बेसिक सैलरी के 14 फीसदी तक की कटौती का लाभ ले सकते हैं.
  2. वहीं, सेक्शन 80CCH के तहत कटौती का लाभ अग्निवीर कॉर्पस फंड में योगदान करने वाले व्यक्तियों को मिलता है. अग्निपथ योजना (अग्निवीर) में शामिल व्यक्ति इस फंड में किए गए योगदान पर कटौती का दावा कर सकते हैं. कटौतियां दर्ज करने के बाद, ITR-1 फॉर्म ऑटोमेटिक रूप से कर योग्य आय (Taxable Income) की गणना कर देता है, जिससे आपकी टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया आसान हो जाती है

आईटीआर सबमिट करना ही अंतिम स्टेप नहीं हो सकता है. आपके द्वारा फॉर्म जमा करने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसका वेरिफिकेशन करता है. यह प्रक्रिया फॉर्म सबमिट होने के 30 दिन के भीतर पूरी हो जाती है. आप डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट, इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड, आधार आधारित ओटीपी या आप सीपीसी बेंगलुरु को साइन की एक कॉपी मेल करते भी वेरिफाइ करा सकते हैं.

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