शेयर गिफ्ट या ट्रांसफर करने पर कितना देना होता है टैक्स? एक्सपर्ट से जानें इसका जवाब
आप शेयर बाजार में मुनाफे पर लगने वाले टैक्स का अगड़ा-पिछड़ा सब जानते होंगे, कैपिटल गेन टैक्स से भी वाकिफ होंगे. लेकिन अगर आप स्टॉक्स को गिफ्ट या ट्रांसफर करना चाहते हैं तो क्या कैपिटल गेन टैक्स देना होता है या कोई अन्य तरीके का टैक्स लगता है?

म्यूचुअल फंड या शेयर बाजार में आप भी ट्रेडिंग कर रहे हैं तो इसके रिटर्न पर टैक्स का हिसाब आपने पहले ही लगा लिया होगा. लेकिन अगर आप इन शेयर्स को अपने रिश्तेदार को ट्रांसफर या मान लीजिए गिफ्ट करना चाह रहे हैं तो उस पर क्या टैक्स लगेगा? ऐसे ही आप रिश्तेदार की जगह किसी दोस्त के साथ करते हैं, शेयर उधार देते हैं तो टैक्स लगेगा या नहीं? चलिए आपको एकदम आसान तरीके से समझाते हैं.
इसे समझने का सही तरीका यही होगा कि आप खुद को अमन मान लीजिए. दूसरा, अमन की रिश्तेदार है उनके भाई की पत्नी प्राची और अमन का दोस्त है नमन. यहां हम तीन स्थितियां लेंगे इससे आप आसानी से समझ पाएंगे.
पहले मूल बात समझ लीजिए, मनी9लाइव से बातचीत में टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन ने बताया कि, “एक समय पर गिफ्ट टैक्स हुआ करता था जिसे खत्म कर दिया गया है. अगर सालभर में मिले गिफ्ट की कुल वैल्यू 50 हजार से ज्यादा हो तो वह टैक्स के दायरे में आती है. लेकिन इसमें एक अपवाद है. अगर गिफ्ट रिश्तेदारों से मिला है तो टैक्स पर छूट होगी. वहीं सालभर में मिले गिफ्ट की वैल्यू 50 हजार से कम है तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगता.”
पहली स्थिति: अगर अमन प्राची को शेयर गिफ्ट करता है
अगर अमन प्राची को शेयर्स गिफ्ट देता है तो उसे कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना पड़ेगा. गिफ्ट को “ट्रांसफर” नहीं माना जाता है, इसलिए अमन के लिए यह टैक्स फ्री है. बात प्राची की करें तो प्राची को अमन से यह गिफ्ट “स्पेसिफाइड रिलेटिव” (यानी भाई के पति के रिश्ते से) से मिला है. इसलिए प्राची को भी इस गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
अगर प्राची इन गिफ्ट किए गए शेयरों को बेचती है, तब उसे कैपिटल गेन टैक्स देना होगा. लेकिन शेयर बेचते समय, इसका बेस प्राइस यानी कॉस्ट ऑफ एक्वेजिशन वही माना जाएगा जब प्राची ने अमन से वो शेयर्स लिए थे.
दूसरी स्थिति: अगर अमन शेयर प्राची को उधार देता है.
यहां उधार का मतलब ट्रांसफर हुआ, जब अमन अपने शेयरों को प्राची के डिमैट अकाउंट में ट्रांसफर करता है और कुछ समय बाद वापस ले लेता है तो जब शेयर केवल उधार दिए जाते हैं, तो इसे भी “ट्रांसफर” नहीं माना जाता है. इसका मतलब है कि अमन और प्राची दोनों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. हालांकि इसमें ट्रांजैक्शन डॉक्यूमेंट्स और शर्तों की जांच जरूरी है ताकि उधार को लेकर सब कुछ स्पष्ट रहे.
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तीसरी स्थिति: अगर अमन नमन को शेयर गिफ्ट करता है.
यहां अमन अपने रिश्तेदार नहीं दोस्त को शेयर गिफ्ट कर रहा है. यहां भी अमन के लिए यह गिफ्ट “ट्रांसफर” नहीं माना जाएगा, इसलिए अमन को कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना पड़ेगा.
नमन, अमन का दोस्त है, तो वह स्पेसिफाइड रिलेटिव की कैटेगरी में नहीं आता. अगर गिफ्ट का फेयर मार्केट वैल्यू 50,000 से ज्यादा है, तो यह गिफ्ट नमन के हाथों में “income from other sources” के रूप में टैक्सेबल होगा. यह टैक्स नमन को गिफ्ट मिलने के समय ही देना होगा.
अगर नमन इन गिफ्ट किए गए शेयरों को बेचता है, तो उसे कैपिटल गेन टैक्स देना होगा. लेकिन गिफ्ट मिलने के समय जो फेयर मार्केट वैल्यू था, वही बेस प्राइस यानी कॉस्ट ऑफ एक्वेजिशन माना जाएगा.
कुल मिलाकर इससे आपको यह समझ आता है कि टैक्स के नियम गिफ्ट, रिश्तों और कीमत पर निर्भर करते हैं.
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