समय से पहले होंगे कर्ज मुक्त! चुकता होगा आपका लोन, कम देना होगा ब्याज, अपनाएं ये तीन स्मार्ट तरीके
आज के समय में लोन लेना आसान है, लेकिन उसे जल्दी और कम ब्याज के साथ चुकाना एक समझदारी भरा फैसला होता है. अगर आप भी चाहते हैं कि आपका लोन समय से पहले खत्म हो जाए और ब्याज पर होने वाला खर्च कम हो, तो कुछ स्मार्ट रणनीतियां अपनाकर आप बड़ी बचत कर सकते हैं. इस रिपोर्ट में जानिए ऐसे तीन असरदार तरीके.
Loan Payment Before time: क्या आपने बैंक से किसी तरह का लोन लिया है? जैसे पर्सनल लोन, होम लोन या बिजनेस लोन. कई बार लोन लेने के बाद आप अनुभव करते हैं कि किसी अन्य स्रोत से कम ब्याज दर पर लोन लिया जा सकता था या आप उसे कम समय अवधि में ही चुकाकर कर्ज मुक्त हो जाना चाहते हैं. लेकिन कैश फ्लो टाइट होने की वजह से आप उसे निर्धारित समय से पहले पूरा नहीं कर पाते. ऐसे में कुछ स्मार्ट तरीके हैं जिन्हें अपनाकर आप समय से पहले कर्ज मुक्त हो सकते हैं. उदाहरण के लिए बैलेंस ट्रांसफर, पार्ट-प्रीपेमेंट या लंप सम करके लोन की अवधि को कम कर सकते हैं. इस रिपोर्ट में इन्हीं स्मार्ट तरीकों के बारे में बताया गया है.
बैलेंस ट्रांसफर
अगर आपने किसी XYZ बैंक से 15 फीसदी की दर से लोन लिया है और लोन लेने के बाद आपको पता चलता है कि कोई बैंक या NBFC कम ब्याज पर लोन उपलब्ध करा रहा है, तो ऐसी स्थिति में आप अपना लोन ट्रांसफर कर सकते हैं. हालांकि यह सुविधा तब कारगर साबित होती है जब दोनों बैंकों की ब्याज दरों में काफी अंतर हो. ऐसा न होने पर अतिरिक्त चार्जेस की वजह से कोई खास फायदा नहीं होता. फिर भी, लोन लेने के शुरुआती वर्षों में ही यह करना बेहतर माना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि शुरुआती कुछ वर्षों में EMI का अधिकांश हिस्सा ब्याज के रूप में चुकाया जाता है. इसलिए अगर किसी ने लंबे समय तक EMI का भुगतान कर दिया है तो उसे ऐसा करने से बचना चाहिए.
मूलधन का करें भुगतान
लोन की निर्धारित EMI के अलावा आप कुछ अतिरिक्त भुगतान करें. यह अतिरिक्त भुगतान मूलधन यानी लोन का प्रिंसिपल की कटौती के रूप में करें ताकि भविष्य में आपको कम ब्याज देना पड़े, क्योंकि ब्याज की गणना मूलधन पर ही की जाती है. इसके अलावा आप हर साल एक अतिरिक्त EMI देकर भी लोन का दबाव कम कर सकते हैं. जब आपकी सैलरी बढ़े या बोनस मिले तो उसका उपयोग लोन के भुगतान के लिए कर सकते हैं. ध्यान रखें कि लोन को जल्दी खत्म करने के चक्कर में अपनी बचत और इमरजेंसी फंड से समझौता न करें.
रेट घटे फिर भी EMI न कम करें
रिजर्व बैंक ने साल 2025 में कई बार रेपो रेट में कटौती की है. इसका असर आपके EMI पर पड़ता है. जब RBI रेट कम करता है तो आप अपनी EMI की राशि कम हो जाती है. इसे कम ना होने दें. इससे आपके लोन की अवधि में कमी आएगी और बिना अतिरिक्त भुगतान किए आप लोन को समय से पहले चुका सकते हैं.