वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR-2 का नोटिफिकेशन जारी, जानें क्या हुए बदलाव, क्या है अच्छी खबर?
CBDT ने 5 मई, 2025 को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म-2 यानी ITR-2 को नोटिफाई कर दिया है. आईटीआर 2 ज्यादातर टैक्सपेयर्स से संबंधित होता है. खासतौर पर वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए यह अहम होता है.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने सोमवार 5 मई को एक गजट नोटिफिकेशन के जरिये वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR 2 को जारी कर दिया है. ITR-2 खासतौर पर वेतन और पेंशनभोगी लोगों के लिए अहम होता है. इसके तहत कैपिटल गेन, संपत्ति की बिक्री पर होने वाले नुकसान को भी रिपोर्ट किया जाता है. मोटे तौर पर जो भी लोग ITR 1, यानी आईटीआर सहज के दायरे में नहीं आते हैं, उन्हें आईटीआर 2 के तहत रिटर्न फाइल करना होता है.
किसे भरना होता है आईटीआर 2
आईटीआर खासतौर पर उन लोगों को भरना होता है, जिन्हें वेतन या पेंशन आय के अलावा एक से अधिक घर की संपत्ति से आय होती है. इसके अलावा इस रिटर्न में किसी भी संपत्ति या निवेशों की बिक्री पर होने वाले कैपिटल गेन या लॉस को भी रिपोर्ट करना होता है. मोटे तौर पर ITR 2 का उन वेतनभोगी करदाताओं को भी करना होता है, जो इक्विटी शेयरों और म्यूचुअल फंड में भी निवेश करते हैं. इसके अलावा यदि उनके पास एक से अधिक घर की संपत्ति है, यदि कोई संपत्ति भारत के बाहर स्थित है, यदि उनकी कुल आय 50 लाख रुपये से अधिक है, तो आईटीआर 2 के तहत ही फाइलिंग करनी होती है.
क्या हुए बदलाव
CBDT की तरफ से सोशल मीडिया पोस्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक इसमें 5 बड़े बदलाव किए गए हैं. इनमें पहला बदलाव 2024 के बजट में किए गए बदलाव के मुताबिक कैपिटल गेन और लॉस की रिपोर्टिंग को लेकर किया गया है. इसके अलावा एसेट और लायबिलिटीज की सीमा को बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा 80सी,10(13ए) के तहत डिडक्शन की रिपोर्टिंग को बढ़ाया गया है. पांचवां बदलाव टीडीएस सेक्शन में किया गया है.
1 करोड़ तक की आय वालों मिलेगा फायदा
अभी तक एसेट्स और लायबिलिटीज की रिपोर्टिंग कुल आय 50 लाख रुपये से अधिक होते ही देनी होती थी. लेकिन, अब नए ITR-2 में यह तभी लागू होगा, जब कुल आय 1 करोड़ रुपये से अधिक हो. इससे 50 लाख से 1 करोड़ रुपये के बीच सालाना आय वालों को राहत मिलेगी, क्योंकि उन्हें एसेट्स और लायबिलिटीज का शेड्यूल तैयार नहीं करना पड़ेगा.
टीडीएस डिडक्शन पर बदलाव
नए ITR 2 में उस सेक्शन का उल्लेख करना अनिवार्य है, जिसके तहत किसी खास लेनदेन के लिए TDS काटा गया है. पहले, केवल TDS काटने वाली इकाई और राशि का विवरण रिपोर्ट करने की जरूरत होती थी. अब यह रिपोर्ट करना जरूरी होगा कि TDS किस सेक्शन के तहत काटा गया है.
कैपिटल गेन पर हुआ ये बदलाव
आईटीआर-2 में कैपिटल गेन शेड्यूल के तहत बड़ा बदलाव कैपिटल गेन या लॉस वाले ट्रांजैक्शन के विवरण की रिपोर्टिंग को लेकर हुआ है. आईटीआर-2 फॉर्म के भाग ए में मौजूद शेड्यूल में कैपिटल गेन या लॉस वाले ट्रांजैक्शन के साथ ही अब टैक्सपेयर्स को यह बताना होगा कि यह ट्रांसफर या ट्रांजैक्शन 23 जुलाई, 2024 से पहले हुआ है 23 जुलाई, 2024 के बाद हुआ है. इसका असर टैक्स रेट पर पड़ेगा.
इंडेक्सेशन का मिलेगा फायदा
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR 2 में टैक्सपेयर्स को 23 जुलाई, 2024 के बाद ट्रांसफर की गई संपत्तियों के लिए 20 फीसदी टैक्स के साथ इंडेक्सेशन लाभ या बिना इंडेक्सेशन के 12.5% की दर से कैपिटल गेन टैक्स देने दोनों की सुविधा मिलेगी.