Income Tax के इस नियम को मिस किया तो 12 लाख तक की इनकम पर नहीं मिलेगी टैक्स छूट
CBDT ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सेक्शन 87A के तहत टैक्स रिबेट के कैलकुलेशन में बदलाव किया है. अब नए टैक्स रिजीम में कैपिटल गेन को रिबेट कैलकुलेशन से बाहर रखा जाएगा. इसका क्या मतलब है, यहां उदाहरण से समझें...
Income Tax: CBDT ने हाल ही में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सेक्शन 87A के तहत टैक्स रिबेट के कैलकुलेशन में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है. अब नए टैक्स रिजीम (सेक्शन 115BAC) के तहत कैपिटल गेन्स को रिबेट के कैलकुलेशन से बाहर रखा जाएगा. इसका मतलब है कि यदि आपकी कुल इनकम 12 लाख से कम है, लेकिन इसमें कैपिटल गेन शामिल हैं, तो आपको सेक्शन 87A के तहत रिबेट का फायदा पूरी इनकम पर नहीं मिलेगा, पहले उसमें से कैपिटल गेन हटाया जाएगा और फिर बची हुई इनकम पर रिबेट मिलेगा. कैपिटल गेन पर टैक्स लगेगा. क्या है ये बदलाव, चलिए समझते हैं…
कैसे होगा टैक्स कैलकुलेशन?
उदाहरण के लिए यदि आपकी इनकम 10 लाख रुपये है, जिसमें 2 लाख शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन शामिल हैं, तो रिबेट के कैलकुलेशन केवल 8 लाख रुपये की नियमित इनकम पर की जाएगी, क्योंकि 10 लाख की इनकम पर 2 लाख का गेन भी शामिल है. इस बदलाव का उद्देश्य टैक्स रिबेट को केवल नियमित इनकम, जैसे सैलरी या बिजनेस इनकम, तक सीमित करना है. इससे उन टैक्सपेयर्स पर प्रभाव पड़ेगा जिनकी इनकम में कैपिटल गेन का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है.
कितनी छूट मिलती है?
पहले Section 87A के तहत:
- पुरानी टैक्स व्यवस्था में 5 लाख तक की इनकम पर 12,500 की छूट मिलती थी
- नई टैक्स व्यवस्था में 7 लाख तक की इनकम पर 25,000 की छूट मिलती थी.
लेकिन अब 2025-26 से:
- नई टैक्स व्यवस्था में 12 लाख तक की इनकम पर छूट की सीमा बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दी गई है. लेकिन ध्यान रहे, अगर इस 12 लाख की इनकम में कैपिटल गेन शामिल है तो वह हिस्सा छूट में शामिल नहीं होगा.
पिछली गड़बड़ी क्या थी?
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 5 जुलाई 2024 से पहले रिटर्न भरने वालों को कैपिटल गेन पर भी छूट दे दी थी, लेकिन बाद में सिस्टम अपडेट किया और इसके बाद रिटर्न फाइल करने वालों को ये छूट नहीं मिली. इससे टैक्सपेयर्स में काफी नाराजगी फैली और कुछ लोगों ने कानूनी कदम भी उठाए.