शेयर-म्यूचुअल फंड-FD-सोना बेचे बिना ले सकते हैं लोन, जानें कम ब्याज दर पर किससे मिलेगा कर्ज

यदि आपको निवेश जैसे म्यूचुअल फंड, शेयर, डेट, एफडी या सोना बेचे बिना ही अतिरिक्त धन की आवश्यकता है, तो कोलैटरल लोन एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. फिक्स्ड डिपॉजिट पर 90‑95 फीसदी तक, सोने पर 75 फीसदी, शेयर पर लगभग 50 फीसदी तथा म्यूचुअल फंड पर 50‑90 फीसदी तक लोन‑टू‑वैल्यू मिलता है, जिससे आप निवेश बनाए रखते हुए आसानी से फंड जुटा सकते हैं.

Loan against FD, Gold, Share Market, Mutual Fund Image Credit: Canva/ Money9

Loan Against Gold-FD-Share-Mutual Fund: निवेश जैसे म्यूचुअल फंड, शेयर, डेट, फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), और सोना, को बेचे बिना लोन लेना एक किफायती विकल्प हो सकता है. यदि आप अपने निवेश को बेचे बिना धन जुटाने या लोन लेने की सोच रहे हैं, तो किसी मौजूदा प्रॉपर्टी पर उधार लेना आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. हालांकि, सभी एसेट लेंडर के लिए समान नहीं होती. लोन लेने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), सोना, शेयर और म्यूचुअल फंड लोकप्रिय कोलैटरल विकल्प बन सकते हैं. इन सभी एसेट्स का लोन-टू-वैल्यू रेश्यो अलग-अलग होता है. इसलिए, यह जानना बेहद जरूरी है कि आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर हो सकता है. जहां एफडी स्थिरता और कम जोखिम प्रदान करती है, वहीं सोना अपनी तरलता और मूल्य स्थिरता के लिए जाना जाता है. दूसरी ओर, शेयर उच्च रिटर्न की संभावना के साथ-साथ जोखिम भी लाते हैं.

फिक्स्ड डिपॉजिट पर लोन

फिक्स्ड डिपॉजिट पर उधार लेना सबसे सुरक्षित विकल्पों में से एक है. बैंक आपको आपकी एफडी के मूल्य का 90-95 प्रतिशत तक उधार लेने की अनुमति देते हैं. यदि आप उसी लेंडर से लोन लेना चाहते हैं, जिसके पास आपकी एफडी है, तो इसका मतलब है कि आप कम से कम डॉक्यूमेंट जमा किए बिना भी आसानी से लोन प्राप्त कर सकते हैं. इसका लोन-टू-वैल्यू रेश्यो (Loan To Value Ratio) 90 से 95 होता है. फिक्स्ड डिपॉजिट पर लिए गए लोन की ब्याज दर आमतौर पर 1-2 फीसदी अधिक होती है.

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गोल्ड पर लिया जाने वाला कर्ज

भारत में गोल्ड लोन की मांग अधिक है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसके प्रोसेस होने की रफ्तार अन्य लोन से तेज होता है. अभी देश में सोने पर लिए जाने वाले कर्ज का मूल्य सोने के कुल मूल्य का 75 फीसदी होता है. यानी इसका लोन-टू-वैल्यू रेश्यो 75 है. गोल्ड लोन पर लगने वाले ब्याज लेंडर और लोन की अवधि के आधार पर तय की जाती है. अभी देश में गोल्ड लोन का ब्याज दर 9 फीसदी से लेकर 29 फीसदी तक लगता है.

शेयर और म्यूचुअल फंड पर कर्ज लेना

अगर आपने लिस्टेड कंपनी के शेयर में या म्यूचुअल फंड में निवेश किया है, तो उसे भी गिरवी रखकर कर्ज लिया जा सकता है. आप उन्हें बैंक या एनबीएफसी के पास गिरवी रखकर उधार ले सकते हैं. हालांकि सभी प्रकार के शेयर पर कर्ज नहीं मिलता है. कुछ चुनिंदा शेयर ही होते हैं जिस पर लेंडर लोन देते हैं. शेयरों का लोन-टू-वैल्यू रेश्यो 50 फीसदी है वहीं ब्याज दर 10 से 13 फीसदी के बीच होता है.

लोन अगेंस्ट म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेशक आसानी और तेजी से लोन हासिल कर सकता है. यह अक्सर एक से दो दिनों में पूरा हो जाता है. उधार ली जा सकने वाली राशि निवेशक के पास मौजूद म्यूचुअल फंड के प्रकार पर निर्भर करती है. इक्विटी म्यूचुअल फंड के लिए लोन-टू-वैल्यू रेश्यो आमतौर पर 50-70 फीसदी होता है, जबकि डेट म्यूचुअल फंड के लिए यह 80-90 फीसदी तक जा सकता है. लोन अवधि के दौरान निवेशक अपने म्यूचुअल फंड पर स्वामित्व बनाए रख सकते हैं और साथ ही इस पर डिविडेंड या इंटरेस्ट पा कर सकते हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है.

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