500 रुपये का नोट हो जाएगा बंद! RBI के इस कदम के बाद एक्सपर्ट बोले 100 फीसदी चांस

आरबीआई के दिशानिर्देश के अनुसार सितंबर 2025 तक देश के 75 फीसदी एटीएम में 100 और 200 के नोट अपलोड करना है. इसके बाद मार्च 2026 तक 90 फीसदी एटीएम में 100 और 200 के नोट अपलोड करना है. इस कदम के जरिए आरबीआई 500 रुपये के नोट की निर्भरता कम करना चाहता है.

नकली नोटों की कैसे करें पहचान? Image Credit: @Tv9

RBI To Discontinue 500 Rs Note: भारत-पाकिस्तान टेंशन के बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है. संकेत ये है कि रिजर्व बैंक 500 के नोट को बंद करने वाला है. चौंकिए मत इसके ठोस आधार हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते मंगलवार (29 अप्रैल ) को देश के सभी बैंकों को एक अहम आदेश दिया है. इसके तहत सितंबर 2025 तक देश के 75 फीसदी एटीएम में 100 और 200 के नोट अपलोड करना है. इसी तरह मार्च 2026 तक 90 फीसदी एटीएम में 100 और 200 के नोट अपलोड करना होगा. साफ है कि रिजर्व बैंक एटीएम के जरिए निकलने वाले कैश में 100 और 200 रुपये के नोट की निर्भरता बढ़ाना चाहता है. साथ ही कैश के लिए 500 रुपये के नोट की निर्भरता कम करना चाहता है. ठीक इसी तरह रिजर्व बैंक इसके पहले 2000 रुपये के नोट के चलन को बाहर कर चुका है.

आरबीआई का क्या है फरमान

आरबीआई के नए निर्देश में साफ तौर पर कहा गया है कि सभी बैंकों के जरिए 30 सितंबर 2025 तक देश के 75 फीसदी एटीएम से कम से कम एक कैसेट के जरिए 100 और 200 रुपये के नोट निकलने चाहिए. इसी तरह 31 मार्च 2026 तक 90 फीसदी एटीएम से कम से कम एक कैसेट से 100 और 200 रुपये के नोट कस्टमर को मिलने चाहिए. अभी अधिकतर मामलों में एटीएम से पैसे निकालते समय यूजर्स को 500 रुपये के नोट ही मिलते हैं. 100 और 200 रुपये के नोट कम ही मिल पाते हैं.

आरबीआई क्यों ऐसा कर रहा है..

वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर और बैंकर अश्विनी राणा ने मनी9 लाइव को बताया कि साल 2016 में पहले नोटबंदी में 1000 रुपये और उसके बाद 2023 में सरकार द्वारा 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर दिया गया. सरकार की जो सोच थी वह उसमें लगभग सफल हो गई. इसके बाद अब एटीएम में 100 और 200 रुपये के नोट की संख्या बढ़ाने के निर्देश आए हैं. सीधा सवाल उठता है कि क्या रिजर्व बैंक 500 के नोट के लिए कोई बड़ी प्लानिंग कर रहा है . ठीक उसी तरह जिस तरह पहले 2000 के नोट को चलन से बाहर किया गया, वैसे ही वह 500 रुपये के नोट को भी चलन से बाहर करने वाला है. इसका जवाब तो रिजर्व बैंक ही दे सकता है. लेकिन संकेत तो ऐसे ही है.

नोट छापने पर खर्च हो गए 25 हजार करोड़

राणा का कहना है कि जिस तरह भारत में डिजिटल लेन-देन बढ़ा है और आरबीआई डिजिटल करंसी ई-रुपी लाने की तैयारी कर रहा है. ऐसे में रिजर्व बैंक करंसी प्रिंट करने की लागत को भी कम करना चाहता है. असल में नोट छापने में सरकार को अच्छी खासी रकम खर्च करनी पड़ती है. अकेले साल 2024 में 5100 करोड़ रुपए का खर्च आया है. डिजिटल पेमेंट बढ़ने के कारण सरकार यह भी ट्रैक कर सकती है कि लोग क्या खर्च कर रहे हैं, और कहां खर्च कर रहे हैं. जिसके जरिए वह टैक्स चोरी रोकना चाहती है. ऐसे में यह पूरी संभावना है कि 500 रुपये के नोट का चलन भी 2000 रुपये के नोट की तरह आहिस्ता-आहिस्ता खत्म कर दें. उसके बाद केवल छोटे नोट ही चलन में रहे. यानी 10, 20, 50, 100 और 200 का नोट ही कैश के रुप में इस्तेमाल हो.