शेयर या म्यूचुअल फंड के इंवेस्टर्स जान लें LTCG/STCG के ये नियम, इनकम टैक्स ने किया बड़ा अपडेट
Income Tax on Capital Tax: इनकम टैक्स विभाग ने कैपिटल गेन टैक्स की दरों को साफतौर पर अपडेट कर बताया है. यहां इनकम टैक्स विभाग ने कैपिटल गेन टैक्स की दरों के बारे में बताया है, इसमें इक्विटी, विदेशी बॉन्ड और अन्य इनकम पर लगने वाले लॉन्ग टर्म (LTCG) और शॉर्ट टर्म (STCG) कैपिटल गेन टैक्स शामिल हैं...
Income Tax विभाग ने हाल ही में कैपिटल गेन टैक्स से जुड़ी जानकारी को अपडेट किया है, जो खास तौर पर उन लोगों के लिए जरूरी है जो शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. यह अपडेट इसलिए भी अहम है क्योंकि लॉन्ग टर्म (LTCG) और शॉर्ट टर्म (STCG) कैपिटल गेन पर टैक्स की दर अलग-अलग एसेट क्लास के लिए अलग होती है. कई टैक्सपेयर्स इसको लेकर कंफ्यूज होते हैं…
क्या बदला है?
इनकम टैक्स विभाग ने बताया है कि सभी इनकम पर एक जैसी टैक्स दर लागू नहीं होती. कुछ इनकम ऐसी होती हैं जिन पर स्पेशल टैक्स रेट लगता है. उदाहरण के तौर पर, शेयर बाजार के जरिए बेचे गए इक्विटी शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड यूनिट्स.
यहां इनकम टैक्स विभाग द्वारा कैपिटल गेन टैक्स की दरों के बारे में बताया गया है, इसमें इक्विटी, विदेशी बॉन्ड और अन्य इनकम पर लगने वाले लॉन्ग टर्म (LTCG) और शॉर्ट टर्म (STCG) कैपिटल गेन टैक्स शामिल हैं:
विवरण | धारा 111A (शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन – STCG) | धारा 112A (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन – LTCG) | धारा 115A (रॉयल्टी और तकनीकी सेवा शुल्क) | धारा 115AC (विदेशी मुद्रा से खरीदे गए बॉन्ड / GDR से आय) |
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किसके लिए लागू | हर टैक्सपेयर | हर टैक्सपेयर | सिर्फ NRI और विदेशी कंपनियां | सिर्फ NRI |
किस इनकम पर लागू | – इक्विटी शेयर – इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड यूनिट्स – बिजनेस ट्रस्ट यूनिट्स | – इक्विटी शेयर – इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड यूनिट्स – बिजनेस ट्रस्ट यूनिट्स | – | – विदेशी मुद्रा बॉन्ड (FCCB) – फॉरेन करेंसी एक्सचेंजेबल बॉन्ड (FCEB) – PSU कंपनी की ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसिट GDR |
संबंधित इनकम पर टैक्स दर | – | – | – डिविडेंड पर 10% से 20% – ब्याज पर 4% से 20% – रॉयल्टी पर 20% – तकनीकी सेवा शुल्क पर 20% | – ब्याज पर 10% – डिविडेंड पर 10% |
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर टैक्स दर | – | – 10% (अगर संपत्ति 23-07-2024 से पहले बेची गई) – 12.5% (अगर 23-07-2024 या बाद में बेची गई) नोट: 1.25 लाख से ऊपर के LTCG पर ही टैक्स लगेगा | – | – 10% (23-07-2024 से पहले) – 12.5% (23-07-2024 या बाद में) |
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) पर टैक्स दर | – 15% (अगर 23-07-2024 से पहले बेचा गया) – 20% (अगर 23-07-2024 या बाद में बेचा गया) | – | – | – |
बेसिक टैक्स छूट सीमा (₹2.5 लाख / ₹3 लाख) का लाभ | केवल रेसिडेंट व्यक्ति और HUF के लिए उपलब्ध | केवल रेसिडेंट व्यक्ति और HUF के लिए उपलब्ध | नहीं | नहीं |
धारा VI-A (80C, 80D आदि) के तहत कटौती का फायदा | नहीं | नहीं | नहीं, सिवाय धारा 80LA (IFSC यूनिट पर) के और कुछ रॉयल्टी/फीस मामलों में | नहीं |
टैक्स रेट कब से बदला है?
अगर आपने 22 जुलाई 2024 के बाद शेयर या म्यूचुअल फंड बेचे हैं, तो आपको इन पर नए टैक्स रेट देने होंगे:
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर टैक्स: 12.5%
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) पर टैक्स: 20%
क्या टैक्स बचाने के लिए धारा 80C, 80D का इस्तेमाल किया जा सकता है?
नहीं. चाहे आपने पुराना टैक्स रिजीम ही क्यों न चुना हो, लेकिन 80C (जैसे PPF, जीवन बीमा, होम लोन प्रिंसिपल) और 80D (मेडिक्लेम प्रीमियम) जैसी कटौतियां कैपिटल गेन इनकम पर लागू नहीं होंगी.
टैक्स छूट की सीमा किसे और कितनी मिलेगी?
अगर किसी रिसिडेंट व्यक्ति या HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) की इनकम सिर्फ ये कैपिटल गेन ही हैं और कोई दूसरी इनकम नहीं है, तो उन्हें ये छूट मिलेगी:
- नए टैक्स रिजीम में: ₹3 लाख तक की इनकम पर टैक्स नहीं लगेगा.
- पुराने टैक्स रिजीम में: ₹2.5 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री रहेगी.
मतलब अगर आपकी कैपिटल गेन इनकम इस सीमा से ज्यादा है, तभी उस पर उपयुक्त स्पेशल रेट से टैक्स लगेगा.