SIP vs PPF: 15 साल की निवेश अवधि में कहां बनता है ज्यादा फंड, जानिए कौन सा विकल्प है बेहतर
लॉन्ग टर्म निवेश की बात हो तो SIP और PPF को सबसे भरोसेमंद विकल्पों में गिना जाता है. दोनों ही योजनाएं अनुशासित निवेश की आदत डालती हैं और समय के साथ अच्छा फंड बनाने में मदद करती हैं. SIP यानी सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान म्यूचुअल फंड से जुडा होता है, जिसमें बाजार के उतार चढाव के बावजूद लंबी अवधि में कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. वहीं PPF यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक सरकारी स्कीम है, जो सुरक्षित रिटर्न और टैक्स बेनिफिट के लिए जानी जाती है.
अगर कोई निवेशक 15 साल तक हर महीने SIP में तय रकम निवेश करता है और औसतन 12 प्रतिशत सालाना रिटर्न मानें, तो मैच्योरिटी पर अच्छा खासा फंड तैयार हो सकता है. दूसरी तरफ PPF में हर साल तय सीमा तक निवेश करने पर सरकार द्वारा घोषित ब्याज दर के हिसाब से रिटर्न मिलता है, जो पूरी तरह सुरक्षित होता है.
SIP में रिटर्न बाजार पर निर्भर करता है, इसलिए रिस्क ज्यादा है लेकिन संभावित रिटर्न भी ऊंचा हो सकता है. PPF कम जोखिम वाला विकल्प है, मगर इसका रिटर्न सीमित रहता है. ऐसे में जिन निवेशकों का लक्ष्य ज्यादा रिटर्न है और जो रिस्क लेने को तैयार हैं, उनके लिए SIP बेहतर हो सकता है. वहीं सुरक्षा और स्थिरता चाहने वालों के लिए PPF सही विकल्प माना जाता है.




