न कोई हाई-फाई नौकरी, न शेयर बाजार की ट्रेडिंग; इस शख्स ने सिर्फ डिसिप्लीन से बना ली ₹55 लाख की दौलत
रातों-रात अमीर बनने के दौर में सूरत के एक आम व्यक्ति ने 12 साल की सधी हुई बचत और अनुशासन से 55 लाख रुपये का 3BHK घर खरीदा. बिना शेयर बाजार और हाई-फाई नौकरी के यह कहानी धैर्य और सादगी से वेल्थ क्रिएशन का मजबूत उदाहरण है.
Without Share Market Trading or Mutual Fund Wealth Creation: सोशल मीडिया पर जहां हर दिन रातों-रात अमीर बनने, स्टार्टअप एग्जिट और शेयर बाजार में बड़े दांव की कहानियां दिखती हैं, वहीं एक बेहद सादा लेकिन मजबूत उदाहरण सामने आया है, जो बताता है कि असली दौलत कितनी कमाई से नहीं, बल्कि कितने लंबे समय तक अनुशासन बनाए रखने से बनती है. चार्टर्ड अकाउंटेंट और फाइनेंशियल एजुकेटर नितिन कौशिक ने X पर एक ऐसी ही कहानी साझा की है. यह कहानी है सूरत के एक आम व्यक्ति की, जो किसी अमीर परिवार से नहीं आता, न उसके पास कोई हाई-फाई कॉरपोरेट जॉब थी और न ही उसने शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में आक्रामक निवेश किया. इसके बावजूद उसने हाल ही में सूरत में करीब 55 लाख रुपये का 3BHK फ्लैट खरीदा.
बिना विरासत, बिना हाई सैलरी भी बना घर
नितिन कौशिक के मुताबिक, इस व्यक्ति ने करीब 12 साल तक लगातार और अनुशासन के साथ बचत की. इस दौरान उसने कुल 45 लाख रुपये अपनी मेहनत की कमाई से जोड़े और बाकी 10 लाख रुपये का एक छोटा-सा होम लोन लिया. खास बात यह रही कि उसे EMI या महंगाई को लेकर कोई घबराहट नहीं थी, बल्कि उसके पास एक शांत आत्मविश्वास और साफ प्लानिंग थी.
आसान रास्ता, लेकिन लगातार मेहनत
इस व्यक्ति की वेल्थ जर्नी किसी जटिल फाइनेंशियल प्रोडक्ट पर आधारित नहीं थी. उसने अपनी बचत को रिकरिंग डिपॉजिट (RD), गोल्ड सेविंग स्कीम और सूरत के पास एक गांव में छोटे स्तर के रियल एस्टेट निवेश में लगाया. समय के साथ उसने एक दो-मंजिला मकान और एक छोटी कमर्शियल दुकान भी खरीद ली, जिन्हें उसने किराए पर दे रखा है.
किराए से आती है रेगुलर इनकम
इन रेंटल प्रॉपर्टीज से उसे हर महीने करीब 22,000 रुपये की नियमित आमदनी होती है. अगर इसे 10 साल के नजरिए से देखें, तो सिर्फ किराए से ही करीब 26.4 लाख रुपये की इनकम हो जाती है (टैक्स और खर्च से पहले). इसके अलावा RD और गोल्ड में निवेश से ब्याज और कीमत बढ़ने के जरिए करीब 15 से 18 लाख रुपये की वैल्यू और जुड़ी. इस तरह कुल मिलाकर 12 साल में बनाई गई संपत्ति 40 लाख रुपये से ज्यादा पहुंच गई.
बिना शेयर बाजार के भी वेल्थ क्रिएशन
इस पूरी कहानी की सबसे दिलचस्प बात यह है कि इसमें शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड का कोई रोल नहीं था, जिन्हें आमतौर पर लंबी अवधि की वेल्थ क्रिएशन के लिए जरूरी माना जाता है. यहां रणनीति बेहद सरल थी- कम रिस्क वाले, समझ में आने वाले और स्थिर साधनों में निवेश.
टैक्स का भी रखा ध्यान
नितिन कौशिक ने टैक्स से जुड़ी सच्चाइयों की भी याद दिलाई. किराए की इनकम पर 30 फीसदी का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है और होम लोन के ब्याज पर सेक्शन 24(b) के तहत सालाना 3 लाख रुपये तक की छूट मिल सकती है. वहीं RD का ब्याज और फिजिकल गोल्ड से होने वाला फायदा इनकम टैक्स स्लैब और कैपिटल गेन नियमों के तहत टैक्सेबल होता है.
असली सीख क्या है?
कौशिक के मुताबिक, अगर इस वेल्थ जर्नी को ग्राफ पर दिखाया जाए, तो यह कोई तेज उछाल या गिरावट नहीं दिखाता. यह एक शांत, ऊपर की ओर जाती लाइन है जो बिना शोर, बिना जोखिम, सिर्फ लगातार कंपाउंडिंग के दम पर. ऐसे दौर में जब ज्यादातर लोग तेजी से अमीर बनने की दौड़ में हाई रिस्क ले रहे हैं, यह कहानी याद दिलाती है कि धैर्य, सादगी और निरंतरता भी बड़ी आर्थिक सुरक्षा बना सकती है.
कौशिक ने क्या कहा?
नितिन कौशिक के शब्दों में, “दौलत इस बात से नहीं बढ़ती कि आप कितना कमाते हैं, बल्कि इस बात से बढ़ती है कि आप कितने समय तक अपने अनुशासन को पकड़े रखते हैं.” जो लोग खुद को चमक-दमक वाली कहानियों से पीछे महसूस करते हैं, उनके लिए यह संदेश साफ है- साधारण आमदनी, अगर सही तरीके से और लंबे समय तक बचाई और लगाई जाए, तो वह भी मजबूत और सुरक्षित भविष्य बना सकती है.
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