KG-D6 गैस फील्ड विवाद पर RIL की दो टूक, $30 अरब के दावे को बताया गलत और भ्रामक; जानें क्या था मामला
KG-D6 गैस फील्ड को लेकर सरकार की ओर से $30 अरब के दावे की खबरों को रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सिरे से खारिज किया है. कंपनी ने साफ कहा है कि वास्तविक दावा करीब $247 मिलियन का है, जो पहले से ही उसके वित्तीय बयानों में दर्ज है. जाने रिलायंस ने अपने बयान में क्या कहा.
RIL KG-D6 BP Demand Claim: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने KG-D6 गैस फील्ड को लेकर सामने आई एक मीडिया रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत सरकार ने गैस प्रोडक्शन में कमी को लेकर रिलायंस और उसकी पार्टनर कंपनी BP से करीब 30 अरब डॉलर (लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये) की मांग की है. कंपनी ने इस खबर को भ्रामक, गैर-जिम्मेदाराना और तथ्यों से परे बताया है.
रिलायंस का साफ जवाब
सोमवार, 29 दिसंबर को जारी एक आधिकारिक बयान में रिलायंस ने कहा कि बिना नाम और पहचान वाले सूत्रों के आधार पर इस तरह की रिपोर्ट प्रकाशित करना पूरी तरह अनुचित है. कंपनी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि रिलायंस और BP के खिलाफ 30 अरब डॉलर के किसी भी तरह के दावे का कोई सवाल ही नहीं उठता.

सरकारी दावा कितना है?
रिलायंस के मुताबिक, KG-D6 ब्लॉक से जुड़े मामले में भारत सरकार की ओर से जो दावा किया गया है, उसकी राशि करीब 247 मिलियन डॉलर (लगभग 2,000 करोड़ रुपये) के आसपास है. कंपनी ने यह भी कहा कि इस दावे की जानकारी वह पहले से ही अपने ऑडिटेड फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स में नियमों के मुताबिक लगातार देती रही है. यानी इस मुद्दे में कोई नई या छिपी हुई जानकारी नहीं है.
मामला कोर्ट में विचाराधीन
कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि मीडिया रिपोर्ट में जिन मुद्दों का जिक्र किया गया है, वे पूरी तरह से न्यायिक प्रक्रिया के तहत विचाराधीन (सब ज्यूडिस) हैं. इनका फैसला देश की न्यायिक प्रणाली कानून के दायरे में करेगी. रिलायंस ने कहा कि उसे भारतीय न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है. रिलायंस ने दोहराया कि उसने और उसकी पार्टनर BP ने हर स्तर पर अपने कॉन्ट्रैक्ट और कानूनी जिम्मेदारियों का पालन किया है. कंपनी ने रिपोर्ट में तथ्यों को गलत तरीके से पेश किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि इससे वास्तविक स्थिति को गलत रूप में दिखाया गया है.
कहां से उठा विवाद?
दरअसल, एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि KG-D6 गैस फील्ड से तय स्तर से कम प्रोडक्शन होने के कारण भारत सरकार ने रिलायंस और BP से 30 अरब डॉलर की भारी भरकम मांग रखी है. इसी रिपोर्ट के बाद रिलायंस को सार्वजनिक रूप से सफाई देनी पड़ी. रिलायंस का यह स्पष्टीकरण निवेशकों के लिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि 30 अरब डॉलर जैसे बड़े आंकड़े से कंपनी की वित्तीय स्थिति को लेकर भ्रम पैदा हो सकता था. कंपनी के बयान के बाद साफ हो गया है कि मामला उतना बड़ा नहीं है, जितना रिपोर्ट में बताया गया था और जो भी दावा है, वह पहले से ज्ञात और कानूनी प्रक्रिया में है.
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