एसेट एलोकेशन से मोटा फंड बनाने में मिलेगी मदद, रिटायरमेंट प्लानिंग में भी कारगर हैं ये 5 वित्तीय टिप्स
अगर आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करना चाहते है या रिटायरमेंट की जरूरतों के लिए निवेश कर रहे हैं तो कुछ वित्तीय टिप्स आपके लिए कारगर हो सकते हैं. आज हम आपको टाटा एसेट मैनजमेंट की हेड प्रोडक्ट की ओर से सुझाए गए वित्तीय सुझावों के बारे में बताएंगे.
शैली गैंग: भविष्य अनिश्चितताओं से भरा है, लेकिन सही वित्तीय योजना से आप हर चुनौती का सामना कर सकते हैं. चाहे आप संपत्ति बनाना चाहते हों या रिटायरमेंट के लिए प्लान कर रहे हों, ये सुनहरे नियम आपके वित्तीय भविष्य को चमकदार बना सकते हैं. तो कौन-से हैं वो टिप्स आइए जानते हैं.
वित्तीय योजना की नींव है सही एसेट एलोकेशन. अपने जोखिम उठाने की क्षमता और जीवन लक्ष्यों के आधार पर इक्विटी, डेट और गोल्ड जैसे एसेट्स में निवेश करें. बाजार की अस्थायी अस्थिरता से प्रभावित होकर बार-बार एसेट क्लास न बदलें. हाल के प्रदर्शन के आधार पर किसी एक एसेट का पीछा करना पोर्टफोलियो के लिए खतरनाक हो सकता है. विविधीकरण जरूरी है—कुछ एसेट्स खराब प्रदर्शन करेंगे, लेकिन दूसरों का बेहतर प्रदर्शन नुकसान की भरपाई करेगा. अपने लक्ष्यों और जोखिम प्रोफाइल के साथ एसेट एलोकेशन को जोड़कर उसका लगातार पालन करें.
निवेश अवधि के हिसाब से बनाएं पोर्टफोलियो
निवेश का समय और फंड का प्रकार आपके रिटर्न तय करते हैं. मार्क-टू-मार्केट नुकसान से बचने के लिए अपने निवेश को सही से मैनेज करें:
1 महीने से कम: ओवरनाइट फंड.
1-3 महीने: लिक्विड फंड.
3 महीने-1 साल: अल्ट्रा शॉर्ट फंड, मनी मार्केट फंड, आर्बिट्रेज फंड.
1-3 साल: शॉर्ट टर्म बॉन्ड फंड.
3 साल से ज्यादा: इक्विटी, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड, डेट एक्रुअल फंड.
इक्विटी में लंबी अवधि का निवेश नुकसान की संभावना को कम करता है और चक्रवृद्धि का जादू बेहतर काम करता है. डेट फंड्स में औसत परिपक्वता और संशोधित अवधि को ध्यान में रखें.
SIP, STP और SWP से दें निवेश को रफ्तार
संपत्ति निर्माण के लिए सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) और सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) सबसे कारगर हैं. ये इक्विटी या हाइब्रिड फंड्स में नियमित निवेश को आसान बनाते हैं, जिससे चक्रवृद्धि का लाभ मिलता है. रिटायरमेंट या हार्वेस्टिंग चरण में सिस्टमैटिक विड्रॉअल प्लान (SWP) नियमित नकदी प्रवाह देता है. SWP टैक्स के लिहाज से भी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें निकासी पूंजी और लाभ दोनों का हिस्सा होती है, जिससे टैक्स कम लगता है. हालांकि, संपत्ति निर्माण के दौरान SWP से बचें, क्योंकि यह चक्रवृद्धि को बाधित करता है. केंद्रीय बजट 2020-21 में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स खत्म होने से डिविडेंड पर टैक्स निवेशक की आय स्लैब के हिसाब से लगता है, जिससे SWP और आकर्षक हो गया है.
इमरजेंसी फंड
अप्रत्याशित खर्चों के लिए 9-12 महीने की आय के बराबर इमरजेंसी फंड रखें. अगर यह कम हो जाए, तो इसे फिर से बढ़ाएं. इस फंड को सुरक्षित और लिक्विड रखें, जैसे बैंक सेविंग्स, चालू खाते या अल्पकालिक फिक्स्ड डिपॉजिट में. रिटर्न से ज्यादा सुरक्षा और लिक्विडिटी को प्राथमिकता दें, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत पैसा उपलब्ध हो.
व्यक्तिगत फाइनेंस को प्रभावी बनाने के लिए बरतें ये सावधानियां
• सभी बैंक खाते, निवेश परिवार के एक से अधिक लोगों के लिए आसान होने चाहिए. सबसे अच्छा तरीका है कि सीएएस रिपोर्ट, एफडी विवरण के कागज, पॉलिसी दस्तावेज़ आदि की फाइलें बनाए रखें।.
• पॉलिसियों की समाप्ति और नवीनीकरण का ध्यान रखें.
• पॉलिसियों के डिस्क्लोज़र, पॉलिसियों के लिए आवेदन करते समय डिटेल्स देते समय और किसी भी प्रकार के निवेश की सदस्यता लेते समय अत्यंत सावधानी बरतनी चाहिए.
• स्वास्थ्य बीमा व मेडिक्लेम और टर्म लाइफ़ बीमा के लिए समय पर आवेदन किया जाना चाहिए.
• इस बात का पूरा ध्यान रखें कि पोर्टफोलियो का एक बड़ा हिस्सा ओपन एंडेड प्रकार का होना चाहिए। पोर्टफोलियो का 70-75% हिस्सा ओपन एंडेड होना चाहिए.
• सभी निवेशों के लिए नॉमिनी होना चाहिए. आदर्श रूप से, एक वसीयत की भी योजना बनाई जानी चाहिए और उसे क्रियान्वित किया जाना चाहिए.
(लेखिका टाटा एसेट मैनेजमेंट में हेड-प्रोडक्ट्स हैं. प्रकाशित विचार उनके निजी हैं.)