टैक्स फ्री नहीं हैं ULIPs! मानी जाएगी कैपिटल एसेट, जानें कैसे लगेगा टैक्स

Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी (ULIPs) पर टैक्स के नियमों में स्पष्टिकरण जारी किया, ULIPs को भी कैपिटल एसेट माना जाएगा और इक्विटी-ओरिएंटेड फंड की कैटेगरी में रखा जाएगा. इसका मतलब है कि इन ULIPs पर शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन पर 20% टैक्स और लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर 12.5% टैक्स लगेगा

ULIPs पर कैसे लगेगा टैक्स Image Credit: Freepik

ULIPs Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार, 1 फरवरी को बजट 2025 पेश किया. इसमें यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी यानी ULIPs के टैक्सेशन को लेकर लंबे समय से बनी उलझन को आखिरकार दूर कर दिया गया है. इससे पहले कई निवेशक और यहां तक कि टैक्स एक्सपर्ट भी इस बात को लेकर असमंजस में रहते थे कि इन पॉलिसी से होने वाले मुनाफे पर टैक्स कैसे लगेगा, लेकिन अब इस बजट में सीतारमण ने सब कुछ साफ कर दिया है.

कैपिटल एसेट और लगेगा टैक्स

अब वे ULIPs जो इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10 (10D) के तहत टैक्स फ्री नहीं हैं, उन्हें कैपिटल एसेट माना जाएगा और इक्विटी-ओरिएंटेड फंड की कैटेगरी में रखा जाएगा. इसका मतलब जिन ULIPs को धारा 10 (10D) के तहत टैक्स छूट नहीं मिल रही, उनके रिडेम्प्शन यानी विड्रॉल से होने वाले प्रॉफिट को कैपिटल गेन माना जाएगा और टैक्स लगेगा. यह टैक्स सेक्शन 45 के सब-सेक्शन 1B के तहत लगाया जाएगा.  

फिलहाल, ULIPs का रिडेम्प्शन तभी टैक्स-फ्री होता है जब उनकी सालाना प्रीमियम राशि 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होती.

इस पर स्पष्टीकरण देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को घोषणा की कि जिन ULIPs को धारा 10 (10D) के तहत टैक्स छूट नहीं मिल रही, उन्हें कैपिटल एसेट माना जाएगा.

आसान भाषा में बताएं तो:  

धारा 10 (10D) के तहत जो छूट दी जाती है, वह उन्हीं लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर लागू होती है जिनमें कुछ शर्तें पूरी होती हैं, जैसे प्रीमियम और सम एश्योर्ड का अनुपात.  

वैसे, 2021 के वित्त अधिनियम 2021 में पहले ही ULIPs पर टैक्स छूट को लेकर कुछ प्रतिबंध लगाए गए थे, लेकिन अब नए संशोधन से टैक्स ढांचे को और स्पष्ट कर दिया गया है.