डिलीवरी बॉक्स से आप हो सकते हैं कंगाल, जानें क्या है कूरियर स्कैम और इससे कैसे बचें

इन दिनों साइबर अपराधी कूरियर बॉक्स स्कैम के जरिए लोगों को निशाना बना रहे हैं. वे वीडियो कॉल के माध्यम से पहले डिलीवरी कंपनी का कर्मचारी बताते हैं. फिर धमकी देते हैं कि आपके नाम से भेजा गया कोई संदिग्ध पार्सल जब्त कर लिया गया है. आइए अब विस्तार से समझें कि यह स्कैम कैसे काम करता है और इससे कैसे बचा जाए.

Courier Scam Image Credit: Canva/ Money9

Courier Scam: साइबर अपराधी तरह-तरह के हथकंडों का इस्तेमाल करके लोगों की जेब खाली कर रहे हैं. हर दिन वे ठगने का नया तरीका ईजाद कर लेते हैं. अब साइबर चोरों ने लोगों को ठगने का एक नया तरीका अपनाया है. वो है कूरियर स्कैम. इस स्कैम में आपकी जानकारी के बिना ही आपके घर पर कूरियर बॉक्स पहुंचने की कॉल आती है. सरकारी अधिकारी बनकर कॉल करने वाला व्यक्ति आपको धमकी देता है और फिर बैंक खाते की जानकारी लेकर आपकी जमा पूंजी को गायब कर देता है. आइए जानते हैं कि क्रिमिनल इस ठगी को किस तरह अंजाम देते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है.

कैसे होता है कूरियर स्कैम?

आइए एक केस स्टडी के माध्यम से समझते हैं कि क्रिमिनल कूरियर स्कैम को कैसे अंजाम दे रहे हैं. हाल ही में एक PhD छात्र से कूरियर स्कैम के जरिए 1 लाख से अधिक रुपये की धोखाधड़ी हुई है.

बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान में पढ़ रहे PhD एक छात्र ने पुलिस से इसकी शिकायत की है. साइबर चोरों ने खुद को जानी-मानी डिलीवरी कंपनी FedEx का कर्मचारी बताकर छात्र को 1,34,650 रुपये का चूना लग दिया. ठगों ने छात्र को कॉल करके कहा था कि उसका एक कूरियर आया है, जिसमें ऐसे सामान हैं जो इंडिया में बैन है. उसके बाद छात्र को एक अन्य कॉल पर कनेक्ट किया गया और बताया गया कि वे मुंबई के नारकोटिक्स डिविजन से बोल रहे हैं. Skype कॉल के जरिए छात्र का बयान भी रिकॉर्ड किया गया.

वेरिफिकेशन के लिए छात्र से बैंक अकाउंट की जानकारी ली गई. उसके बाद पीड़ित पर MDMA (ड्रग्स) सप्लाई में शामिल होने का आरोप लगाया गया. बरी होने के लिए पीड़ित से 1,34,650 रुपये दूसरे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कराया गया. ये एक मात्र ऐसा उदाहरण नहीं है. देश में ऐसे कई मामले रिपोर्ट किए गए हैं. 

जानें कैसे बचें?

कूरियर स्कैम से बचने के लिए इन सुरक्षा सुझावों का पालन करें.

1930 और cybercrime.gov.in रिपोर्ट करें

किसी भी प्रकार के साइबर फ्रॉड का अंदेशा होने पर उसे तुरंत 1930 नेशनल हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके रिपोर्ट करें या फिर cybercrime.gov.in पर शिकायत कर सकते हैं. 

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