विदेशी शेयर, ETF और क्रिप्टो में कर रहे निवेश? टैक्स विभाग का अलर्ट, नहीं दी जानकारी तो लगेगा भारी जुर्माना

भारतीय निवेशक अब तेजी से विदेशी शेयरों, ETF और डिजिटल एसेट्स में निवेश कर रहे हैं. वित्त वर्ष 2025 में LRS के तहत 1,699 मिलियन डॉलर विदेश भेजे गए, जो पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी ज्यादा है. हालांकि, इन निवेशों के साथ सख्त टैक्स और खुलासे की शर्तें भी जुड़ी हैं.

इनकम टैक्स और विदेशी निवेश के नियम Image Credit: @AI/Money9live

Foreign Investment and IT Rule: अब जब ग्लोबल इन्वेस्टमेंट भारतीय निवेशकों के लिए पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है, तो कई भारतीय टैक्सपेयर्स ने विदेशी शेयरों, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) और दूसरे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स में पैसा लगाना शुरू कर दिया है. लेकिन विदेशी निवेश से रिटर्न के साथ-साथ सख्त टैक्स और कंप्लायंस की जिम्मेदारी भी आती है. अगर आप इन जिम्मेदारियों को पूरी तरह से नहीं निभाते है तब कई तरह की कार्रवाई हो सकती है.

FY25 में भारतीय निवेशकों ने LRS (Liberalised Remittance Scheme) के तहत  1,699 मिलियन अमेरिकी डॉलर विदेश भेजे हैं , जो कि FY24 की तुलना में 12 फीसदी ज्यादा है. हालांकि इन निवेशों से अच्छा फायदा मिल सकता है, लेकिन सही टैक्स रिटर्न और विदेशी संपत्तियों का खुलासा न करने पर 10 लाख रुपये का जुर्माना और बकाया टैक्स पर तीन गुना पेनल्टी तक लग सकती है.

किन निवेशों की जानकारी देना जरूरी?

भारत के आयकर अधिनियम, 1961 के तहत हर Resident और Ordinarily Resident (ROR) टैक्सपेयर को विदेशी संपत्तियों और आय का सही-सही खुलासा करना अनिवार्य है. इसके लिए इन शेड्यूल्स में जानकारी देनी होती है:

शेड्यूल FA (Foreign Assets)-

शेड्यूल FSI (Foreign Source Income):

शेड्यूल TR (Tax Relief):

अगर विदेशी आय पर टैक्स विदेश में चुका चुके हैं तो भारत में डबल टैक्स से बचने के लिए छूट ले सकते हैं.

शेड्यूल VDA (Virtual Digital Assets):

क्या है जुर्माना?

गलत या छुपाई गई जानकारी पर ब्लैक मनी एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिसके मुताबिक-

क्यों जरूरी है सही खुलासा?

आज के समय में जब भारत CRS और FATCA जैसे ग्लोबल टैक्स ट्रांसपेरेंसी नेटवर्क का हिस्सा है, तो विदेशी निवेश छुपाना बेहद रिस्की है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इन जानकारियों के आधार पर नोटिस जारी कर सकता है और कई बार छोटी गलती भी बड़ी परेशानी में डाल देती है. इसीलिए विदेशी निवेश और क्रिप्टो होल्डिंग्स का सही-सही डिस्क्लोजर करना अहम है इसी के साथ समय पर Form 67 और ITR को भी फाइल करें.