होम लोन कस्‍टमर्स को बड़ी राहत, अब EMI के एडवांस पेमेंट पर मिलेगा ब्‍याज, NHB का बड़ा कदम

अगर कोई उधारकर्ता होम लोन EMI के लिए एडवांस पेमेंट करता है और वो तुरंत एडजस्‍ट नहीं होता है हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को इसके बदले कस्‍टमर्स को ब्‍याज देना होगा. इससे ग्राहकों पर अनावश्‍यक ब्‍याज का बोझ कम होगा. इस सिलसिले में NHB ने हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को निर्देश दिए हैं.

अब होम लोन के एडवांस पेमेंट पर मिलेगा ब्‍याज Image Credit: money9

Good news for home loan customers: नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) ने होम लोन के नियमों में कुछ बदलाव किया है. इसके तहत हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) को निर्देश दिया है कि अगर कोई उधारकर्ता EMI के लिए एडवांस पेमेंट करता है और वो तुरंत एडजस्‍ट न होकर सैन्‍ड्री या सस्पेंस अकाउंट में पड़ा रहता है, तो हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को उस पर ब्याज देना होगा. इससे उधारकर्ताओं काे राहत मिलेगी. खास बात यह है फाइनेंस कंपनियों को ब्याज उसी दर से देना होगा, जो उधारकर्ता के होम लोन पर लगती है.

ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों का कहना है कि यह कदम सही उधार नीतियों को बढ़ावा देने और उधारकर्ताओं को अनावश्यक ब्याज के बोझ से बचाने के लिए उठाया गया है. NHB ने HFCs को सलाह दी है कि वे डिफॉल्ट से बचने के लिए एडवांस कलेक्शन पर निर्भर न रहें, बल्कि उधारकर्ताओं की गुणवत्ता पर ध्यान दें.

नए नियम के फायदे

रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ कार्यकारी का कहना है कि कुछ HFCs EWS और LIG उधारकर्ताओं से एक-दो EMI एडवांस लेती थीं, ताकि उनके बहीखातों में सुरक्षा बनी रहे. मगर NHB ने अब साफ कर दिया है कि या तो कम लोन राशि जारी करें या एडवांस EMI पर ब्याज देने के लिए तैयार रहें. यह कदम उधारकर्ताओं को आर्थिक बोझ से बचाने और फाइनेंशियल सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है.

RBI नियमों का पालन

NHB का यह निर्देश रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की पारदर्शी उधार नीतियों के साथ मेल खाता है. पिछले साल अप्रैल में RBI ने निर्देश दिया था कि ब्याज केवल लोन देने की वास्तविक तारीख से लगाया जाए, न कि लोन एग्रीमेंट की तारीख से. जांच में पाया गया था कि कई उधारदाताओं ने ग्राहकों से पूरे महीने का ब्याज वसूला है, जबकि लोन महीने के बीच में दिया गया था.

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NHB की सख्ती बढ़ी

NHB जो HFCs को नियंत्रित और निगरानी करता है, इसने पिछले कुछ समय से फाइनेंस कंपनियों पर नजर कड़ी कर दी है. इससे पहले दिसंबर 2024 में उसने सभी HFCs को हर महीने की पहली तारीख को NPA डेटा रिपोर्ट करने का आदेश दिया था, क्योंकि कुछ उधारदाताओं ने पिछले महीनों के कलेक्शंस को दर्ज करने में देरी की थी.

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