इस दिवालिया कंपनी को खरीदने में जुटे अडानी, नाम जुड़ते ही रॉकेट हुए JP Power और JAL के शेयर, 15% तक उछले
दिवालिया प्रक्रिया से जूझ रही जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को खरीदने की रेस में गौतम अडानी सबसे आगे है. उनकी अगुवाली वाली कंपनी अडानी ग्रुप ने बोली लगाई है, उनका नाम जुड़ते ही जेपी पावर और जेएएल के शेयरों में आज गजब की तेजी देखने को मिली, एक में तो अपर सर्किट भी लगा है.

JP Power and JAL shares: रियल एस्टेट, सीमेंट, हॉस्पिटैलिटी, इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन जैसे क्षेत्रों में काम करने वाली दिग्गज कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL), जो अभी दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है, इसे खरीदने के लिए तमाम दिग्गजों ने दांव लगाया है. मगर सबसे अहम नाम गौतम अडानी का सामने आया है. उनकी अगुवाई वाली कंपनी अडानी ग्रुप JAL के अधिग्रहण की रेस में सबसे आगे निकल गया है. ग्रुप ने 12,500 करोड़ रुपये की बोली लगाई है. इस खबर के बाद से ही JP Power और JAL यानी जयप्रकाश एसोससिएशन लिमिटेड के शेयरों में सोमवार को तूफानी तेजी देखने को मिली.
इस दिवालिया कंपनी को खरीदने में अडानी ग्रुप की दिलचस्पी दिखाने से निवेशक जेपी पावर और जेएएल के शेयरों पर टूट पड़े. जिसके चलते 7 जुलाई को जयप्रकाश पावर वेंचर्स (JP पावर) के शेयरों में 15% की जबरदस्त उछाल देखी गई, जबकि JAL के शेयर 5% अपर सर्किट पर पहुंच गए. सोमवार की सुबह JP पावर के शेयर 15% चढ़कर 21.78 रुपये प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहे थे, जो पिछले बंद भाव 18.95 रुपये से काफी ज्यादा है. दूसरी ओर, JAL के शेयर 5% अपर सर्किट के साथ 3.19 रुपये पर पहुंच गए. JP पावर, जिसका मार्केट कैप 14,872 करोड़ रुपये है, इस साल अब तक 20% की बढ़त दर्ज कर चुका है.
अडानी ने कितने की लगाई बोली?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडानी ग्रुप ने JAL को खरीदने के लिए 12,500 करोड़ रुपये की बोली लगाई है, जिसमें 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का अपफ्रंट पेमेंट पेमेंट शामिल है, वो भी बिना किसी शर्त के. बोली लगाने वालों की रेस में अडानी सबसे आगे हैं. उनके अलावा डालमिया भारत सीमेंट, जिंदल पावर, वेदांता ग्रुप और PNC इन्फ्राटेक जैसे दिग्गज भी इस दौड़ में शामिल हैं.
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JAL पर है 57,185 करोड़ का कर्ज
जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) को 3 जून 2024 को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT), इलाहाबाद बेंच के आदेश के तहत कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) में डाला गया था. कंपनी पर 57,185 करोड़ रुपये का भारी-भरकम कर्ज है, जिसके कारण यह दिवालिया प्रक्रिया में गई है. कर्जदाताओं का नेतृत्व नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) कर रही है, जिसने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की अगुवाई वाले कंसोर्टियम से JAL के तनावग्रस्त लोन खरीदे हैं.
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