आखिर सरकार कब तय करेगी 8वें वेतन आयोग को लागू करने की तारीख? पेंशनर्स ने रखी मांग, जानें- क्यों बढ़ी टेंशन
8th Pay Commission: इस संबंध में विभिन्न कर्मचारी प्रतिनिधि निकायों और यूनियनों ने सरकार को पत्र लिखकर ToR को अंतिम रूप देने में हो रही देरी की ओर ध्यान दिलाया है. मोदी सरकार ने इस साल जनवरी में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी.
8th Pay Commission: केंद्र सरकार के एक करोड़ से अधिक कर्मचारी और पेंशनभोगी नए पैनल के संदर्भ की शर्तों (ToR) पर नोटिफिकेशन जारी करने और आयोग के सदस्यों की नियुक्ति में हो रही देरी को लेकर अल-अलग आधिकारिक प्लेटफॉर्म के जरिए अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. इस संबंध में विभिन्न कर्मचारी प्रतिनिधि निकायों और यूनियनों ने सरकार को पत्र लिखकर ToR को अंतिम रूप देने में हो रही देरी की ओर ध्यान दिलाया है, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में संशोधन का आधार होगा. अब रेलवे वरिष्ठ नागरिक कल्याण सोसायटी (RSCWS) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 8वें वेतन आयोग के गठन और इसके कामकाज में तेजी लाने की मांग की है. यह संगठन रेलवे पेंशनभोगियों के हितों के लिए काम करता है.
डेडलाइन बढ़ा दी गई
मोदी सरकार ने इस साल जनवरी में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी और उम्मीद थी कि अप्रैल 2025 तक ToR को अंतिम रूप दिया जाएगा और सदस्यों की नियुक्ति पूरी हो जाएगी. लेकिन मौजूदा प्रगति को देखते हुए ऐसा लगता है कि इसमें और देरी होगी क्योंकि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने 8वें वेतन आयोग के तहत अवर सचिव पदों के लिए आवेदन जमा करने की डेडलाइन तीसरी बार बढ़ा दी है. इस बीच, RSCWS ने अपने पत्र में कहा है कि 8वें वेतन आयोग की घोषणा ने देश भर में सेवारत केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच ‘बड़ी राहत और उम्मीद’ जगाई है.
हालांकि, आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के साथ-साथ कार्य-अवधि के निर्धारण में हो रही देरी के कारण अब कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में ‘अनिश्चितता और चिंता’ बढ़ रही है.
आयोग के गठन को लेकर चुप्पी
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, RSCWS के चेयरमैन टी एस कालरा ने 30 जून 2025 को प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा कि आयोग को औपचारिक रूप देने में लंबे समय से चली आ रही चुप्पी और ठोस प्रगति की कमी से केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच अनिश्चितता और आशंका बढ़ रही है.
8वें वेतन आयोग का समय पर गठन क्यों जरूरी है?
पत्र में पेंशनभोगियों के हितों को ध्यान में रखते हुए आयोग के काम में तेजी लाने के कुछ प्रमुख कारण भी बताए गए हैं.
आर्थिक वास्तविकताओं से निपटना
7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 31 दिसंबर, 2025 को समाप्त हो रही हैं. ऐसे में बढ़ती महंगाई और जीवन-यापन की लागत को देखते हुए सैलरी स्ट्रक्चर की समय पर समीक्षा और संशोधन बहुत जरूरी है.
मनोबल और प्रोडक्टिविटी में ग्रोथ
सैलरी स्ट्रक्चर की स्पष्टता और समय पर क्रियान्वयन से कर्मचारियों का मनोबल और उत्साह बढ़ेगा, जिससे उनकी उत्पादकता और सेवा भावना में सुधार होगा.
वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना
सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए पेंशन का समय पर संशोधन उनकी आर्थिक सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन के लिए बेहद जरूरी है. खासकर पेंशनभोगियों को वेतन संशोधन का लाभ मिलने को लेकर चिंता जताई जा रही है.
अफवाहों और अटकलों पर लगाम
आयोग के गठन और ToR को सार्वजनिक न किए जाने से तरह-तरह की अफवाहें फैलती हैं, जिससे पूरी व्यवस्था में भ्रम की स्थिति पैदा होती है. संगठन ने पारदर्शिता को विश्वास बहाल करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम बताया.
8वां वेतन आयोग: RSCWS की प्रमुख मांगें
इन बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, RSCWS ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर निम्नलिखित मांगें कीं
- आयोग का जल्द गठन: 8वें वेतन आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की घोषणा जल्द से जल्द की जानी चाहिए.
- संदर्भ की शर्तों को अंतिम रूप देना और उन्हें सार्वजनिक करना: आयोग का दायरा, भत्तों की समीक्षा, पेंशन संबंधी सुविधाएं और कम्यूटेड पेंशन की बहाली अवधि जैसी विशेष मांगों को स्पष्ट रूप से परिभाषित और सार्वजनिक किया जाना चाहिए.
- एक स्पष्ट डेडलाइन निर्धारित करना: एक निश्चित डेडलाइन तय की जानी चाहिए और उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए कि आयोग की सिफारिशें कब आएंगी और 1 जनवरी, 2026 से उन्हें लागू करने की दिशा में क्या कदम उठाए जाएंगे.
- RSCWS अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा कि इस मामले में एक एक्टिव दृष्टिकोण अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगा, यह सुनिश्चित करेगा कि उनकी वास्तविक चिंताओं को बिना किसी देरी के संबोधित किया जाए.
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