कौन सी चांदी होती है सबसे शुद्ध, 999 या 925 वाली; जानें खरीदने पर कितना लगता है GST

धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारों पर सोने-चांदी की खरीदारी शुभ मानी जाती है. इस बार नवरात्रि के पहले दिन से ही सरकार ने GST 2.0 लागू किया हैं, जिसे सरकार ने ग्रेट सेविंग फेस्टिवल का नाम दिया है. आइए जानते हैं कौन सी चांदी होती है सबसे शुद्ध, 999 या 925 वाली? और इसे खरीदते समय कितना लगता है GST?

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999 Vs 925 Silver Difference: फेस्टिवल सीजन आ चुका है. लोग जमकर शॉपिंग में जुटे हैं. खासकर धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारों पर सोने-चांदी की खरीदारी शुभ मानी जाती है. इस बार नवरात्रि के पहले दिन से ही सरकार ने GST 2.0 यानी नेक्स्ट जनरेशन GST रिफॉर्म्स लागू किए हैं, जिसे सरकार ने ग्रेट सेविंग फेस्टिवल का नाम दिया है. ऐसे में अगर आप चांदी खरीदने की सोच रहे हैं, तो सबसे बड़ा सवाल यही है. कौन सी चांदी होती है सबसे शुद्ध, 999 या 925 वाली? और इसे खरीदते समय कितना लगता है GST? आइए जानते हैं विस्तार से

999 चांदी क्या होती है?

चांदी की शुद्धता को पार्ट्स पर थाउजेंड (प्रति हजार भागों में शुद्धता) से मापा जाता है. यानी 999 या 925 जैसी संख्या यह बताती है कि उस धातु में असली चांदी की मात्रा कितनी है. MMTC-PAMP वेबसाइट के अनुसार, 999 चांदी यानी Pure Silver या 99.9 फीसदी शुद्ध चांदी सबसे हाई क्वालिटी वाली चांदी मानी जाती है. इसमें 1000 में से 999 भाग चांदी के होते हैं. यह बेहद मुलायम होती है, इसलिए इसे ज्यादातर सिल्वर बार, कॉइन (Coins) या प्रीमियम गिफ्टिंग आइटम के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

हालांकि इसकी बनावट इतनी मुलायम होती है कि यह रोजमर्रा के ज्वेलरी यूज के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती, क्योंकि यह आसानी से मुड़ जाती है या डेंट पड़ सकता है. इसलिए इसे निवेश या गिफ्टिंग के लिए परफेक्ट माना जाता है.

925 चांदी क्या होती है?

ज्वेलरी बनाने में 925 सिल्वर का सबसे ज्यादा यूज किया जाता है. इसमें 92.5 फीसदी चांदी होती है और बाकी 7.5 फीसदी दूसरी धातुएं (जैसे कि कॉपर) मिलाई जाती हैं. इसका कारण यह है कि पूरी तरह शुद्ध चांदी (999) बहुत नरम होती है, जबकि थोड़ी मात्रा में कॉपर मिलाने से यह मजबूत और टिकाऊ बन जाती है. यही वजह है कि 925 स्टर्लिंग सिल्वर की चमक भी बनी रहती है और इसे रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली ज्वेलरी में आसानी से पहना जा सकता है.

चांदी खरीदने पर कितना लगता है GST?

अगर आप चांदी के बार, कॉइन या ज्वेलरी खरीद रहे हैं, तो खरीद के वक्त आपको 3 फीसदी GST देना पड़ता है. यह टैक्स ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरह की खरीद पर लागू होता है. इसमें 1.5 फीसदी केंद्रीय जीएसटी (CGST) और 1.5 फीसदी राज्य जीएसटी (SGST) शामिल है. वहीं अगर आप चांदी के आभूषण खरीदते हैं, तो चांदी के मेकिंग चार्ज पर 5 फीसदी जीएसटी अलग से देना होगा.  

13 अक्टूबर को चांदी का रेट ?

फेस्टिवल सीजन में चांदी की कीमतों में भी जोरदार उछाल देखा जा रहा है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, स्पॉट मार्केट में चांदी 1,79,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई, जो पिछले शुक्रवार के 1,71,500 रुपये के मुकाबले 7,500 रुपये ऊपर है.

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