लखनऊ को मिलेंगी चार नई टाउनशिप, आवास के साथ रोजगार की समस्या होगी दूर; 20,000 करोड़ रुपये से अधिक होंगे खर्च
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ चार नई टाउनशिप नैमिष नगर, वरुण विहार, आईटी सिटी और वेलनेस सिटी लॉन्च करने जा रहा है. इन परियोजनाओं के माध्यम से छह लाख से अधिक नागरिकों को आवास सुविधा उपलब्ध होगी और शहर की कनेक्टिविटी को नया आयाम मिलेगा. आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, चौड़ी सड़कें, भूमिगत केबलिंग, जल निकासी और हरित क्षेत्र जैसी सुविधाएं शामिल होंगी.
Lucknow Township: लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) शहर के शहरी परिदृश्य को बदलने के लिए तैयार है. प्राधिकरण इस वर्ष चार नई आवासीय योजनाओं को लॉन्च करने जा रहा है, जिनके माध्यम से लगभग छह लाख नागरिकों को आवास सुविधा प्रदान करने और शहर की कनेक्टिविटी को नया आयाम देने का लक्ष्य है. इन योजनाओं में नैमिष नगर, वरुण विहार, आईटी सिटी और वेलनेस सिटी के लिए 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का प्रस्ताव है. ये सभी परियोजनाएं शहर के रणनीतिक स्थानों जैसे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, सीतापुर रोड और सुल्तानपुर रोड पर विकसित की जाएंगी.
आवश्यकताओं के अनुरूप हैं योजनाएं
प्रत्येक योजना की अपनी विशिष्ट पहचान और उद्देश्य है. वेलनेस सिटी, सुल्तानपुर रोड पर लगभग 1200 एकड़ में बनने वाली है. यह परियोजना एक स्वस्थ जीवनशैली पर केंद्रित होगी, जिसमें अस्पताल और वेलनेस सेंटर होंगे. वहीं, आईटी सिटी (1710 एकड़) प्रौद्योगिकी और व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए आईटी पार्क और वाणिज्यिक केंद्र स्थापित करेगी.
वरुण विहार (2664 हेक्टेयर) एक्सप्रेसवे से जुड़ाव का लाभ देगी और आवासीय-वाणिज्यिक का संतुलन प्रस्तुत करेगी. नैमिष नगर (1084 हेक्टेयर) एक पूर्ण टाउनशिप के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें शैक्षणिक संस्थान और हरित क्षेत्र शामिल होंगे.
पारदर्शिता और योजना का विस्तार
एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि भूखंडों का आवंटन एक पारदर्शी लॉटरी सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य एक ऐसी व्यवस्था बनाना है जहां सभी आय वर्गों के लोगों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप आवास मिल सके. इसके लिए अनंत नगर के पहले चरण में 13,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे और दूसरे चरण की लॉटरी भी इसी माह संपन्न हुई है.
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शहरी विकास को मिलेगी नई गति
इन योजनाओं से न केवल आवास की कमी दूर होगी, बल्कि रोजगार सृजन और आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास को भी बल मिलेगा. सभी परियोजनाओं में चौड़ी सड़कें, भूमिगत केबलिंग, जल निकासी और हरित क्षेत्र जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके साथ ही, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और निम्न आय वर्ग (एलआईजी) के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, ताकि समावेशी विकास सुनिश्चित हो सके.
लैंड पूलिंग जैसी पहल के जरिए भू-अधिग्रहण की चुनौतियों को कम करने का भी प्रयास किया जा रहा है. इन चार योजनाओं के पूरा होने के बाद लखनऊ न केवल एक आधुनिक महानगर के रूप में उभरेगा, बल्कि यहां के निवासियों को जीवन की बेहतर गुणवत्ता और आधुनिक सुविधाओं से युक्त आवास मिल सकेगा.