Largecap Losers: सालभर में एक फीसदी का रिटर्न भी नहीं दे पाए ये 10 दिग्गज, जानें कितना डूबा पैसा?
बीते एक वर्ष में देश की 10 दिग्गज कंपनियों ने निवेशकों को रिटर्न को मोर्चे पर भारी निराशा दी है. रिलायंस, TCS, इंफोसिस, LIC, ITC, HUL, HCL टेक, एक्सिस बैंक, सन फार्मा और SBI जैसी प्रमुख बड़ी कंपनियों ने पिछले एक साल में नेगेटिव या 0 रिटर्न दिया है. जानें इन कंपनियों के कमजोर प्रदर्शन के कारण और निवेशकों के लिए क्या हैं आगे के संकेत?
Blue-Chip Stocks Underperformer: ज्यादातर निवेशक लार्जकैप स्टॉक्स में निवेश पर भरोसा करते हैं. अमूमन शेयर बाजार में इन दिग्गजों को लेकर धारणा रहती है कि ‘बड़ा है, तो बेहतर है’, लेकिन पिछले 1 वर्ष में ये दिग्गज अंडरपरफॉर्मर साबित हुए हैं. इन स्टॉक्स की ग्रोथ रुकने के पीछे ग्लोबल और डोमेस्टिक हेडविंड्स को माना जा रहा है. हेडविंड्स यानी ऐसे कारण, जिनकी वजह से इन स्टॉक्स की ग्रोथ रुकी हुई है.
क्या इन स्टॉक्स में है कोई खराबी?
अक्सर लार्जकैप स्टॉक्स को सुरक्षित और स्थिर वेल्थ क्रिएटर माना जाता है. लेकिन, इन स्टॉक्स ने शून्य से लेकर डबल डिजिट में नेगेटिव रिटर्न दिया है. यानी निवेशकों के पैसे को बढ़ाने के बजाय डुबा दिया है. हैरानी की बात यह है कि ये किसी एक सेक्टर से जुड़े नहीं हैं. इनमें IT, बैंकिंग, FMCG, इंश्योरेंस, एनर्जी और फार्मा सेक्टर के दिग्गज शामिल हैं. इससे यह भी पता चलता है कि खराब परफॉर्मेंस इन स्टॉक्स की अंदरूनी समस्या नहीं है, बल्कि ओवरऑल मार्केट वोलैटिलिटी और हेडविंड्स के कारण है.
IT दिग्गजों के भार ने डुबोया
भारत की IT सेवा कंपनियों में सबसे ज्यादा गिरावट आई है. Tata Consultancy Services (TCS) पिछले 12 महीनों में 27.2% नीचे चला गया है. इस शेयर में गिरावट के पीछे ग्लोबली टेक्निकल कामकाज पर होने वाले खर्चों में कटौती है. इसके अलावा AI और टैरिफ का भी इंपैक्ट है. Infosys भी इसमें शामिल है, जिसका स्टॉक 18.4% गिरा है. इसकी गिरावट के पीछे मुख्य रूप से अमेरिका और यूरोप में मांग की कमजोरी है. वहीं, HCL Technologies में भी 5.3% की गिरावट आई है.
दबाव में इंश्योरेंस और FMCG
Life Insurance Corporation of India (LIC) के शेयर में 18.9% की गिरावट आई है. निवेशकों को इसके एंबेडेड वैल्यू ग्रोथ और कम मार्जिन वाले प्रोडक्ट्स को लेकर चिंता रही है. वहीं, आमतौर पर डिफेंसिव माना जाने वाला FMCG सेक्टर भी ग्रो नहीं कर पाया है. Hindustan Unilever Ltd (HUL) ने एक साल में 8.6% नेगेटिव रिटर्न दिया है. खासकर ग्रामीण मांग में रिकवरी अपेक्षा के मुताबिक नहीं रही है. इसी तरह ITC के डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो के बावजूद इसमें 16.2% की गिरावट आई है.
बैंकिंग और फार्मा में प्रॉफिट बुकिंग
Axis Bank का शेयर एक साल में 7% नीचे जा चुका है, जबकि इस दौरान क्रेडिट ग्रोथ स्थिर रही. इसी तरह State Bank of India (SBI) के शेयर ने एक साल में 0.5% नेगेटिव रिटर्न दिया है. यह अपने पीक वैल्यूएशन की वजह से पॉजिटिव रिटर्न नहीं दे पा रही है. वहीं, Sun Pharma का शेयर भी 8.6% गिरा है. इसमें कई क्वार्टर की तेजी के बाद निवेशकों ने प्रॉफिट बुक किया है.
RIL के लिए मुसीबत बना रूसी तेल
Reliance Industries Ltd (RIL), भारत की सबसे बड़ी कंपनी है. इसने लगातार हर क्वार्टर में प्रॉफिट रिपोर्ट किया है. लेकिन, पिछले साल इसका रिटर्न 5.6% नेगेटिव रहा है. खासतौर पर कंपनी के रिफाइनिंग मार्जिन में नरमी, टेलीकॉम ARPU ग्रोथ में सुस्ती और रिटेल विस्तार उम्मीद के मुताबिक नहीं होना निवेशकों को रास नहीं आ रहा है. इसके अलावा कंपनी के लिए रूसी तेल का इंपोर्ट मुसीबत बन गया है. हालांकि, यह संकट अस्थायी हो सकता है.
स्टॉक | करंट मार्केट प्राइस | 1 वर्ष में रिटर्न (%) |
---|---|---|
TCS | ₹3,037.30 | -27.2% |
LIC | ₹887.55 | -18.9% |
इंफोसिस | ₹1,452.90 | -18.4% |
ITC | ₹413.00 | -16.2% |
HUL | ₹2,505.00 | -8.6% |
Sun Pharma | ₹1,633.25 | -8.6% |
Axis Bank | ₹1,050.00 | -7.0% |
रिलायंस इंडस्ट्रीज | ₹1,375.10 | -5.6% |
HCL टेक्नोलॉजीज | ₹1,505.60 | -5.3% |
SBI | ₹825.90 | -0.5% |
आगे क्या बन सकती हैं संभावनाएं?
बाजार के ज्यादातर जानकारों का कहना है कि बड़ी कंपनियों में निवेश अक्सर सुरक्षित होता है. लेकिन जब एर्निंग्स मोमेंटम कमजोर पड़ता है, तो सबसे मजबूत और लिक्विड कंपनियां भी कमजोर प्रदर्शन कर सकती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इन कंपनियों की गिरावट वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, मुद्रा अस्थिरता और सेक्टर-विशेष चुनौतियों का नतीजा है.
डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.