UP में इस कंपनी की चलती हैं 10 फैक्ट्रियां, पांच साल में दिया दमदार मुनाफा; मार्केट एक्सपर्ट ने कहा- भागेगा शेयर
जून तिमाही में बलरामपुर चीनी के मुनाफे में गिरावट आई, लेकिन ब्रोकरेज को भरोसा है कि एथेनॉल प्राइसिंग में बदलाव और PLA प्रोजेक्ट आने वाले समय में कंपनी की कमाई बढ़ा सकते हैं. चीनी सेक्टर पर जल्द नीतिगत फैसलों से भी कंपनी को फायदा मिलने की संभावना है.
चीनी उद्योग के बड़े नामों में शुमार बलरामपुर चीनी मिल्स ने जून तिमाही (Q1FY26) में राजस्व में बढ़ोतरी दर्ज की है, लेकिन मुनाफे के मोर्चे पर दबाव देखने को मिला. कंपनी का रेवेन्यू 8 फीसदी बढ़कर 1540 करोड़ रुपये पहुंचा, हालांकि यह अनुमान से 9 फीसदी कम रहा. मैनेजमेंट को अब भी भरोसा है कि एथेनॉल की कीमतों में संशोधन और शुगर के न्यूनतम विक्रय मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी से आने वाले समय में नतीजे बेहतर होंगे.
शुगर बिजनेस पर लागत का दबाव
कंपनी के शुगर डिवीजन का राजस्व 3% बढ़कर 1,170 करोड़ रुपये रहा, लेकिन अनुमान से 18 फीसदी कम. गन्ने की कम पेराई और उत्पादन लागत बढ़ने से मुनाफा 36 फीसदी गिरकर 48 करोड़ रुपये रह गया. EBIT मार्जिन भी घटकर 4.1% रह गया. कम क्रशिंग पीरियड और फिक्स्ड कॉस्ट के दबाव से नतीजे कमजोर रहे. बीते पांच साल में कंपनी के शेयरों ने निवेशकों ने 300 फीसदी का मुनाफा दिया है.
डिस्टिलरी डिवीजन का रेवेन्यू 9% बढ़कर 460 करोड़ रुपये पहुंचा, वॉल्यूम और रियलाइजेशन में क्रमशः 4% और 3% की बढ़ोतरी हुई. हालांकि, सरकार द्वारा बी-हेवी और जूस बेस्ड एथेनॉल के दाम बरकरार रखने और अल्कोहल रिकवरी में कमी से मुनाफे पर असर पड़ा. EBIT 4% गिरकर 77 करोड़ रुपये रहा और मार्जिन 16.8% पर सिमट गया.
क्या कहते हैं मार्केट एक्सपर्ट, जानें टारगेट प्राइस
ब्रोकरेज हाउस Motilal Oswal Financial Services ने कहा कि चीनी और एथेनॉल प्राइसिंग में जल्द निर्णय लेने से पूरे सेक्टर के लिए स्थिति बेहतर हो सकती है. कंपनी की उम्मीद है कि 2025-26 के सीजन में बेहतर बारिश और किस्म में सुधार से गन्ना उत्पादन व रिकवरी रेट बढ़ेगा. इसके अलावा PLA (पॉली लैक्टिक एसिड) प्रोजेक्ट 2027 की तीसरी तिमाही तक शुरू हो सकता है, जिससे बायोप्लास्टिक बाजार में बड़ी संभावनाएं खुलेंगी.
ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि 548 पर ट्रेड करने वाला ये स्टॉक अगले दो साल में 661 रुपये पर ट्रेड करने लगेगा. यानी 2027 तक निवेशकों को इस स्टॉक पर करीब 21 फीसदी का मुनाफा मिलेगा.
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कंपनी की मजबूती
बलरामपुर चीनी देश की दूसरी सबसे बड़ी शुगर निर्माता है. कंपनी यूपी में 10 शुगर फैक्ट्रियां चलाती है, जिनकी कुल क्रशिंग क्षमता 80,000 TCD है. मैनेजमेंट का मानना है कि एथेनॉल नीति में बदलाव और PLA प्रोजेक्ट का सफल स्केल-अप, भविष्य में कंपनी के मुनाफे को नई ऊंचाई देगा.
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