टैरिफ ब्रेकर बेअसर, नहीं थमेगी इंडिया की ग्रोथ, S&P ने क्रेडिट रेटिंग की अपग्रेड; क्या होगा बाजार पर असर?
ट्रंप का टैरिफ प्लान इंडिया की ग्रोथ एक्सप्रेस के लिए एक ब्रेकर की तरह सामने आया. लेकिन, इसकी वजह से भारतीय इकोनॉमी की रफ्तार कम नहीं होनी वाली है. यही वजह है कि S&P ग्लोबल ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को अपग्रेड कर दिया है.

S&P Global Upgrade India Credit Ratings: वैश्विक रेटिंग एजेंसी S&P Global ने भारत की sovereign क्रेडिट रेटिंग को BBB- से BBB में अपग्रेड कर दिया है. एजेंसी ने भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि, फिस्कल कंसॉलिडेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश को रेटिंग सुधार की वजह बताया. इस तरह भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एजेंसी का स्थिर आउटलुक निवेशकों के लिए पॉजिटिव संकेत दे रहा है.
क्यों बेअसर हो रहा टैरिफ?
एजेंसी का कहना है कि Stable Outlook बताता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था नीतिगत स्थिरता और बुनियादी ढांचे में भारी निवेश की वजह से मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है. इससे लॉन्ग टर्म में भारतीय इकोनॉमी की ग्रोथ को बरकरार रखने का आधार बन रहा है. S&P ने यह भी कहा कि भारत पर US Tariffs का असर मैनेजेबल होगा, और देश अगले दो-तीन वर्षों के लिए अच्छे मोमेंटम के साथ ग्रोथ करने को तैयार है.
S&P ने क्या कहा?
S&P ने अपने नोट में कहा, “मजबूत आर्थिक विस्तार का भारत के क्रेडिट मीट्रिक्स पर गहरा रचनात्मक प्रभाव पड़ रहा है. हमें उम्मीद है कि मजबूत आर्थिक बुनियादी ढांचा अगले दो से तीन वर्षों में विकास की गति को मजबूती प्रदान करेगा. इसके अलावा, देश की मॉनेटरी पॉलिसी को महंगाई के लिहाज से तेजी से अनुकूल बनाया जा रहा है. ऐसे में यह नीतिगत सपोर्ट भी ग्रोथ को बढ़ावा दे रहा है.”
भारत बेस्ट परफॉर्मर
S&P के अनुसार, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत टॉप परफॉर्मर रहा है. “भारत ने कोविड महामारी के झटके से शानदार वापसी की है. वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2024 तक भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ रेट औसतन 8.8% रही है, जो न केवल एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सर्वाधिक है, बल्कि पूरी दुनिया में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भी सबसे बेहतर है.”
अगले तीन साल इतनी बढ़ेगी GDP
S&P ने उम्मीद जताई है कि मीडियम टर्म में भारत की ग्रोथ जारी रहेगी. अगले तीन वर्षों में जीडीपी में सालाना 6.8% की वृद्धि होगी. हालांकि फिस्कल डेफिसिट अभी भी लक्ष्य से अधिक है, फिर भी यह सरकारी कर्ज के अनुपात पर सीमित प्रभाव डाल रहा है.
क्या होगा रूसी तेल खरीद घटाने का असर?
S&P को उम्मीद है कि अगर भारत को रूसी कच्चे तेल का आयात बंद करना पड़ा, तो सरकार इसके असर को वहन कर सकती है. इसका प्रभाव मामूली होगा, क्योंकि फिलहाल रूसी क्रूड और ब्रेंट क्रूड की कीमतों में ज्यादा अंतर नहीं है.
यह हुआ तो घटेगी रेटिंग
S&P ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने भारत के सार्वजनिक वित्त को मजबूत करने की राजनीतिक प्रतिबद्धता में कमी दिखाई, तो रेटिंग घटाई जा सकती है. इसके अलावा, अगर भारत की आर्थिक वृद्धि में संरचनात्मक गिरावट आती है और यह राजकोषीय स्थिरता को कमजोर कर देती है, तो भी रेटिंग पर दबाव बन सकता है.
क्या होगा बाजार पर असर?
IndiaBonds के को-फाउंडर विशाल गोयनका ने कहा, “भारत को S&P ने स्टेबल आउटलुक के साथ BBB में अपग्रेड किया है. इससे सरकारी बॉन्ड बाजार में तेजी आ रही है, क्योंकि इससे बॉन्ड बाजारों में विदेशी और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का इनफ्लो बढ़ेगा. इसके साथ ही गोयनका ने बताया कि ज्यादा क्रेडिट रेटिंग से देश में व्यवस्थित रूप से अधिक निवेश आता है, क्योंकि रेटिंग से पता चलता है कि निवेश के लिए जोखिम कम है और बेहतर की रिटर्न संभावना है. इसके साथ ही शॉर्ट टर्म में बॉन्ड यील्ड में गिरावट भी देखने को मिल सकती है.
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