Patanjali Foods Q1 Result: रेवेन्यू YoY 24 फीसदी बढ़कर 8899 करोड़ पहुंचा, डिविडेंड भी घोषित किया
पतंजलि फूड्स लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 के दौरान ऑपरेशनल रेवेन्यू में सालाना आधार पर 24 फीसदी का जोरदार उछाल आया है. इसके अलावा इस दौरान कंपनी ने 180.39 करोड़ रुपये का PAT रिपोर्ट किया है. इसके साथ ही 334.17 करोड़ रुपये का EBITDA रहा है.
पतंजलि फूड्स लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 8,899.70 करोड़ रुपये का ऑपरेशनल रेवेन्यू दर्ज किया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 7,177.17 करोड़ रुपये था. इस तरह रेवेन्यू में करीब 24% का उछाल आया है. कंपनी ने इस दौरान 180.39 करोड़ रुपये का प्रॉफिट और 334.17 करोड़ रुपये का EBITDA रिपोर्ट किया. कंपनी का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में स्थिर मांग और किफायती पैक के चलते कारोबार को मजबूती मिली है, हालांकि शहरी बाजारों में प्रीमियम FMCG उत्पादों की मांग सुस्त रही.
डिविडेंड भी घोषित
कंपनी के बोर्ड ने सभी योग्य शेयरधारकों को प्रति शेयर 2 रुपये का डिविडेंड देने का भी एलान किया है. BSE को दी गई एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया गया कि यह वित्त वर्ष 2025 के लिए फाइनल डिविडेंड है. रिकॉर्ड डेट 3 सितंबर 2025 तय की गई है. इससे पहले, पतंजलि फूड्स ने जुलाई में 2:1 के रेश्यो में बोनस शेयर देने की घोषणा की थी, हालांकि बोनस शेयर के लिए रिकॉर्ड डेट अभी तय नहीं हुई है.
मजबूत वित्तीय प्रदर्शन
कंपनी का ग्रॉस प्रॉफिट 1,259.19 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 23.81% की वृद्धि दर्शाता है. ग्रॉस प्रॉफिट मार्जिन 14.13% रहा. FMCG सेगमेंट का रेवेन्यू 2,299.69 करोड़ रुपये रहा, जिसमें HPC का योगदान 639.02 करोड़ रुपये और EBITDA 119.50 करोड़ रुपये का रहा. एडिबल ऑयल सेगमेंट ने 6,685.86 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया, जो 25.34% की सालाना ग्रोथ है.
ग्रोथ के अहम कारण
कंपनी का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिक्री स्थिर रही है, खासकर Grameen Vitrak Program जैसी पहलों से डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का विस्तार हुआ. शहरी इलाकों में छोटे पैक और वैल्यू प्राइसिंग से मांग में सुधार के शुरुआती संकेत मिले हैं. पाम ऑयल की कीमतों में गिरावट और कस्टम ड्यूटी कटौती से एडिबल ऑयल सेगमेंट में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है, जिससे इस सेगमेंट में दबाव रहा.
सेगमेंट-वाइज प्रदर्शन
इस तिमाही में बिस्किट कैटेगरी में 451.40 करोड़ रुपये की बिक्री हुई, जिसमें ‘दूध’ ब्रांड ने 304 करोड़ रुपये का योगदान दिया और 15% सालाना वृद्धि दर्ज की. घी की बिक्री 256.98 करोड़ रुपये रही, जिसमें 23% की सालाना बढ़ोतरी हुई. टेक्सचर्ड सोया प्रोडक्ट्स में 36% तिमाही वृद्धि और बेवरेज में 14% सालाना वृद्धि दर्ज की गई.
चुनौतियां और दबाव
कंपनी को शहरी बाजार में प्रीमियम उत्पादों की सुस्त मांग, रिजनल और D2C ब्रांड्स से बढ़ती प्रतिस्पर्धा और सरकारी कल्याण योजनाओं के तहत मुफ्त खाद्यान्न वितरण जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. ड्यूटी-फ्री पीली मटर के आयात ने स्टेपल्स बिजनेस को भी प्रभावित किया.
आगे की राह
प्रबंधन का मानना है कि अगर ग्रामीण मांग स्थिर रहती है और शहरी उपभोक्ताओं में छोटे पैक की स्वीकार्यता बढ़ती है, तो वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मांग में सुधार संभव है. HPC पोर्टफोलियो का प्रीमियमाइजेशन और एडिबल ऑयल की प्रतिस्पर्धी कीमतें मिड-टर्म में मार्जिन सुधार में मदद कर सकती हैं.