रॉकेट बन सकते हैं ब्रह्मोस से जुड़े ये 4 डिफेंस स्टॉक्स, फाइनल स्टेज में ₹3700 करोड़ की एक्सपोर्ट डील

भारत और रूस के जॉइंट वेंचर के तौर पर तैयार की गई ब्रह्मोस मिसाइल की ग्लोबल डिमांड बढ़ रही है. भारत करीब 3700 करोड़ रुपये की ब्रह्मोस एक्सपोर्ट डील्स के अंतिम चरण में है. इन सौंदों से 4 कंपनियों को सीधा फायदा मिलेगा, क्योंकि ये कंपनियों ब्रह्मोस की मैन्युफैक्चरिंग के लिए जरूरी कई क्रिटिकल कंपोनेंट्स की सप्लाई से जुड़ी हैं.

ब्रह्मोस की ग्लोबल डिमांड बढ़ रही है Image Credit: money9live/OpenAI

भारत करीब 3700 करोड़ की रुपये की BrahMos सुपरसोनिक मिसाइल डील्स फाइनल करने के बेहद करीब है. दुबई एयर शो में मिले ग्लोबल रिस्पॉन्स और ऑपरेशन सिंदूर के सफल डेमो के बाद कई देशों ने इस मिसाइल सिस्टम में गहरी दिलचस्पी दिखाई है. DRDO और रूस की NPO Mashinostroyenia के जॉइंट वेंचर से विकसित BrahMos दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइलों में शुमार है. इतनी बड़ी एक्सपोर्ट पोटेंशियल ने इससे जुड़े भारतीय डिफेंस स्टॉक्स को निवेशकों की वॉचलिस्ट पर ला खड़ा किया है.

Data Patterns: मजबूत ऑर्डर फ्लो

Data Patterns के लिए FY26 की पहली छमाही खास रही. कंपनी को H1FY26 में BrahMos से जुड़े 151 करोड़ रुपये के प्रोडक्शन और सर्विस ऑर्डर्स मिले हैं. इसमें Q2FY26 का 46 करोड़ रुपये का मिसाइल प्रोडक्शन ऑर्डर भी शामिल है. कंपनी BrahMos के लिए मिसाइल चेक आउट इक्विपमेंट, फायर कंट्रोल सिस्टम और लॉन्च कंट्रोल यूनिट विकसित करती है, जो पहले रूस से आयात होते थे. इंडिजेनाइजेशन की बदौलत कंपनी के लिए डिफेंस सेगमेंट में आने वाले वर्षों में बड़ा ऑर्डर पाइपलाइन बनने की उम्मीद है.

Premier Explosives: मिसाइल प्रॉपेलेंट की रीढ़

Premier Explosives की पहचान भारत की प्रमुख प्रोपेलेंट और रॉकेट मोटर निर्माता के रूप में है. यह BrahMos के लिए बूस्टर प्रोपेलेंट, पायरो-डिवाइसेज और महत्वपूर्ण स्टेज सेपरेशन सिस्टम तैयार करती है. कंपनी को हाल ही में BrahMos Aerospace से प्रोपेलेंट कास्टिंग और बूस्टर असेंबली से जुड़े नए ऑर्डर्स मिले हैं. भारत जब 3700 करोड़ रुपये के संभावित एक्सपोर्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के करीब पहुंच रहा है, कंपनी की प्रोडक्शन कैपेसिटी और ऑर्डर फ्लो दोनों में तेजी देखी जा रही है.

Goodluck India: हाई प्रेसिजन फोर्जिंग सप्लायर

Goodluck India, BrahMos Aerospace को मिसाइल-ग्रेड फोर्ज्ड पार्ट्स सप्लाई करती है, जिसमें रॉकेट मोटर और स्ट्रक्चरल असेंबलियों के लिए जरूरी हाई-प्रेसिजन कंपोनेंट शामिल हैं. कंपनी हाल में AMCA प्रोग्राम के लिए BrahMos तिरुवनंतपुरम और Axiscades के साथ एक अहम MoU साइन कर चुकी है. बढ़ते एक्सपोर्ट पाइपलाइन और डिफेंस कॉम्पोनेंट की बढ़ती मांग Goodluck India को इस रैली का प्रमुख लाभार्थी बना सकती है.

Jaykay Enterprises: कंपोजिट एयरफ्रेम एक्सपर्ट

Jaykay Enterprises की सब्सिडियरी Allen Reinforced Plastics ने सितंबर 2025 में BrahMos Aerospace से 94.45 करोड़ का ऑर्डर हासिल किया है. कंपनी मिसाइल एयरफ्रेम, लॉन्च ट्यूब्स और एडवांस्ड कॉम्पोजिट स्ट्रक्चर बनाती है. इसका क्लाइंट बेस भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना, DRDO, BEL और HAL जैसे प्रमुख रक्षा संस्थानों तक फैला है. लगातार बढ़ते डिफेंस कंपोनेंट्स प्रोडक्शन और नए एक्सपोर्ट अवसर Jaykay को इस सेक्टर में एक मजबूत दावेदार बनाते हैं.

नई ऊंचाइयों की ओर ब्रह्मोस एक्सपोर्ट

भारत का पहला बड़ा BrahMos एक्सपोर्ट 2022 में फिलीपींस को हुआ था, जिसकी वैल्यू 3112 करोड़ रुपये रही थी. इसके बाद अक्टूबर 2025 तक BrahMos एयरोस्पेस करीब 3781 करोड़ रुपये के दो नए एक्सपोर्ट कॉन्ट्रैक्ट साइन कर चुकी है. लखनऊ की नई प्रोडक्शन यूनिट अगले वित्त वर्ष से 3000 करोड़ रुपये तक की सालाना क्षमता हासिल कर सकती है, जिससे भारत डिफेंस एक्सपोर्ट स्पेस में एक उभरती शक्ति के रूप में सामने आ रहा है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.