BSE का बड़ा एक्शन! 37 शेयरों की बदली सर्किट लिमिट, रिवाइज्ड बैंड के साथ चेक करें पूरी लिस्ट

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने असामान्य ट्रेडिंग पर लगाम लगाने के लिए 22 दिसंबर से 37 कंपनियों के शेयरों पर नई सर्किट लिमिट लागू की है. इसका मकसद शेयरों में अचानक होने वाले तेज उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करना और निवेशकों को जोखिम से बचाना है. देखें पूरी लिस्ट.

BSE Image Credit: Getty Images

BSE 37 Share Circuit Limit Change: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने शेयर बाजार में बढ़ती अस्थिरता पर लगाम लगाने के लिए एक अहम कदम उठाया है. एक्सचेंज ने 22 दिसंबर से 37 कंपनियों के शेयरों पर नए यानी रिवाइज्ड प्राइस बैंड (सर्किट लिमिट) लागू करने का फैसला किया है. बीएसई का कहना है कि इस कदम का मकसद शेयरों में अचानक आने वाले तेज उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करना और निवेशकों को संभावित जोखिम से बचाना है

क्यों बदली जाती है सर्किट लिमिट?

बीएसई लगातार बाजार पर नजर रखता है और ऐसे शेयरों की पहचान करता है, जिनमें कीमत या ट्रेडिंग वॉल्यूम में असामान्य तेजी या गिरावट देखने को मिलती है. जब किसी स्टॉक में जरूरत से ज्यादा हलचल नजर आती है, तो एक्सचेंज अपने सर्विलांस सिस्टम के तहत उस पर कार्रवाई करता है. इसी के तहत किसी शेयर का प्राइस बैंड घटाया या बढ़ाया जाता है, जैसे 2 फीसदी, 5 फीसदी, 10 फीसदी या उससे ज्यादा की सीमा तय करना, ताकि अत्यधिक वोलैटिलिटी को रोका जा सके.

सिर्फ प्राइस बैंड ही नहीं, और भी सख्त कदम

BSE के सर्विलांस उपाय केवल प्राइस बैंड तक सीमित नहीं होते. हालात गंभीर होने पर किसी शेयर को ट्रेड-टू-ट्रेड सेगमेंट में डाल दिया जाता है, जहां इंट्राडे ट्रेडिंग की अनुमति नहीं होती. इसके अलावा, एक्सचेंज स्पेशल मार्जिन लगा सकता है या जरूरत पड़ने पर किसी शेयर या मेंबर को अस्थायी रूप से सस्पेंड भी किया जा सकता है. इन सभी कदमों का उद्देश्य बाजार में अनुशासन बनाए रखना और निवेशकों को अचानक नुकसान से बचाना होता है.

37 शेयरों पर बदला गया प्राइस बैंड

बीएसई ने जिन 37 कंपनियों के शेयरों पर सर्किट लिमिट में बदलाव किया है, उनमें कई स्मॉल और मिडकैप कंपनियां शामिल हैं. कुछ शेयरों का प्राइस बैंड 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किया गया है, जबकि कुछ में 2 फीसदी से बढ़ाकर 5 या 10 फीसदी किया गया है. वहीं, कुछ स्टॉक्स में पहले के मुकाबले ज्यादा ढील दी गई है और उनका प्राइस बैंड बढ़ाया गया है. इसका सीधा मतलब यह है कि इन शेयरों में अब एक दिन में कीमतें तय सीमा से ज्यादा ऊपर-नीचे नहीं जा सकेंगी.

किन शेयरों का बदली सर्किट लिमिट?

क्रम संख्याकंपनी का नामपुराना प्राइस बैंड (%)नया प्राइस बैंड (%)
1JLA Infraville Shoppers Ltd2010
2Karnawati Innovation Ltd25
3Kavveri Defence & Wireless Technologies Ltd25
4KIOCL Ltd510
5Kuberan Global Edu Solutions Ltd25
6Mahamaya Steel Industries Ltd25
7Mansi Finance (Chennai) Ltd105
8Newtime Infrastructure Ltd510
9Norben Tea & Exports Ltd25
10PMC Fincorp Ltd2010
11Pulsar International Ltd2010
12Raj Packaging Industries Ltd25
13Ravelcare Ltd520
14Ravinder Heights Ltd520
15Sattrix Information Security Ltd510
16Sea TV Network Ltd510
17SER Industries Ltd21
18Shish Industries Ltd105
19Soma Textiles & Industries Ltd25
20Agri-Tech (India) Ltd105
21Astron Multigrain Ltd510
22Bafna Pharmaceuticals Ltd25
23Bizotic Commercial Ltd25
24Chambal Breweries & Distilleries Ltd52
25Chandni Machines Ltd25
26Chandrima Mercantiles Ltd25
27Corporate Merchant Bankers Ltd25
28Covance Softsol Ltd25
29Deccan Gold Mines Ltd4020
30Digispice Technologies Ltd520
31Ekennis Software Service Ltd25
32Fredun Pharmaceuticals Ltd520
33Global Capital Markets Ltd510
34Hamps Bio Ltd510
35Hypersoft Technologies Ltd25
36Indian Link Chain Manufacturers Ltd25
37JITF Infralogistics Ltd510
@BSE

स्पेशल मार्जिन कब लगता है?

जब किसी शेयर में अचानक तेज उछाल आता है या ट्रेडिंग वॉल्यूम असामान्य रूप से बढ़ जाता है, तो बीएसई स्पेशल मार्जिन लागू करता है. यह मार्जिन 25 फीसदी, 50 फीसदी या 75 फीसदी तक हो सकता है. इसका मकसद सट्टेबाजी, अफवाहों और गैर-जरूरी अटकलों पर रोक लगाना है, ताकि निवेशक सोच-समझकर फैसला लें और बाजार में अनावश्यक जोखिम न बढ़े.

ये भी पढ़ें- Groww के शेयर नहीं करेंगे ‘ग्रो’? 14% की बढ़त पर हुई थी लिस्टिंग, अब ब्रोकरेज ने दी बेचने की सलाह; जानें क्या है कारण

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.