C2C Advanced 52 वीक हाई से 77 फीसदी टूटा शेयर, टेक्निकल एनालिसिस में सामने आई ये कमजोरी

C2C Advanced system का पिछले साल दिसंबर में ही आईपीओ आया. 90 फीसदी के प्रीमियम के साथ जोरदार लिस्टिंग गेन देने वाला यह शेयर फिलहाल अपने ऑल टाइम हाई से करीब 77 फीसदी टूट चुका है. इसके टेक्निकल एनालिसिस में ऐसी कमजोरी सामने आई है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ सकती है. जानते हैं क्या यह शेयर आने वाले दिनों में उठ सकता है या मौजूदा लेवल से और नीचे जाने की तैयारी में है.

C2C एडवांस्ड सिस्टम्स Image Credit: GettyImages

डिफेंस सेक्टर की कंपनी C2C Advanced system का शेयर अपने 52 वीक हाई से 77 फीसदी टूट चुका है. प्रोसेसर, रडार और माइक्रोवेव जैसी टेक्नोलॉजी के लिए एम्बेडेड सॉफ्टवेयर और फर्मवेयर बनाने वाली कंपनी डिफेंस सेक्टर के लिए कई स्ट्रेटेजिक सॉल्यूशन मुहैया कराती है. पिछले साल 3 दिसंबर को कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट हुई है. लिंस्टिंग के दिन कंपनी के शेयरों ने इश्यू प्राइस पर 90 फीसदी के प्रीमियम के साथ जोरदार लिस्टिंग गेन भी दिया. 226 रुपये के प्राइस बैंड पर इश्यू हुए शेयर बाजार में 429.40 रुपये पर लिस्ट हुए.

फिलहाल, यह शेयर 52 वीक हाई जो कि इसका ऑल टाइम हाई भी है, उससे यह शेयर करीब 77 फीसदी टूट चुका है. 10 जनवरी को कंपनी के शेयर का भाव 954 रुपये पर पहुंच गया. यह इसका ऑल टाइम हाई है. वहीं, 52 वीक लो या ऑल टाइम लो 429 रुपये रहा है. जबकि, इसका करंट मार्केट प्राइस (CMP) मंगलवार को बाजार बंद होते समय 539.55 रुपये रहा है. इस तरह ऑल टाइम हाई से आज के प्राइस के हिसाब से इसके भाव में 76.66 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.

200 DMA से नीचे आया भाव

C2C Advanced system के शेयर के टेक्निकल एनालिसिस में ऐसी कमजोरी सामने आई है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ सकती है. असल में इसके शेयर का प्राइस 200 डेज मूविंग एवरेज (DMA) से नीचे आ चुका है. किसी भी शेयर के फ्यूचर ट्रेंड के लिहाज से यह एक अहम टेक्निकल इंडिकेटर होता है, जो बताता है कि किसी स्टॉक में लगातार बेयरिश सेंटिमेंट बना हुआ है. मंगलवार को इस स्टॉक में 5 फीसदी गिरावट के साथ लोअर सर्किट लगा है. 200 DMA से भाव नीचे जाने से इस स्टाॅक को लेकर निवेशकों के स्ट्रॉन्ग बेयरिश सेंटिमेंट का पता चलता है. ऐसे में यह माना ज सकता है कि आने वाले दिनों में इसके शेयर के भाव में और कमी आ सकती है.

पॉजिटिव-नेगेटिव

स्क्रीनर के मुताबिक अगर कंपनी के पॉजिटिव और नेगेटिव पहलुओं की बात की जाए, तो कंपनी का कर्ज काफी कम हो गया है. मोटे तौर पर कंपनी को कर्ज मुक्त कहा जा सकता है. वहीं, नेगेटिव पहलुओं की बात की जाए, तो कंपनी पर औसत कर्ज बढ़कर 380 दिन का हो गया है. वहीं, वर्किंग कैपिटल के दिन 206 से बढ़कर 505 हो गए हैं, जिससे कंपनी के नेट कैश फ्लो पर गहरा असर पड़ा है.

शेयर होल्डिंग पैटर्न और P/E रेश्यो

कंपनी के शेयर होल्डिंग पैटर्न को देखा जाए, तो अब कंपनी के प्रमोटर्स की शेयर होल्डिंग 40.73% रह गई है. वहीं, FII की कंपनी में शेयर होल्डिंग करीब 4.38% है और DII फिलहाल 9.49% शेयर होल्डर हैं, जबकि 45.40% शेयर अब पब्लिक के पास हैं. वहीं, प्राइस टू अर्निग रेश्यो की बात की जाए, तो यह शेयर की वैल्यु के साथ इंडस्ट्री के पीयर्स की तुलना में काफी कम हो गया है, जो कंपनी के शेयर बाजार में रिवर्सल के लिए एक पॉजिटिव इंडिकेशन हो सकता है. मौजूदा शेयर प्राइस के हिसाब से कंपनी का P/E 53.3 गुना है.

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