Closing Bell: टैरिफ ने बाजार को झकझोरा, निफ्टी 211 अंक और सेंसेक्स 706 अंक टूटकर बंद; बैंक निफ्टी में भारी गिरावट
Closing Bell: भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार, 28 अगस्त को भारी गिरावट दर्ज की गई, जो लगातार दूसरे सत्र में जारी रही, क्योंकि बुधवार को अमेरिकी टैरिफ का एक नया दौर लागू हो गया, जिसके तहत अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले भारतीय सामानों पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत तक बढ़ गया.

Closing Bell: भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में गुरुवार को गिरावट दर्ज की गई, जिसमें बैंकों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, क्योंकि एक दिन पहले ही अमेरिका ने भारतीय आयात पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लागू कर दिया था. टैरिफ, बाजार की चाल पर सबसे बड़ी बाधा बने, लेकिन निवेशक कमजोर वैश्विक संकेतों से लेकर लगातार विदेशी पूंजी निकासी तक, कई अन्य चुनौतियों का भी सामना कर रहे थे. इन सबने मिलकर बिकवाली को और गहरा किया और बेंचमार्क इंडेक्स को लाल निशान में धकेल दिया.
सेंसेक्स 705.97 अंक या 0.87 फीसदी की गिरावट के साथ 80,080.57 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 170.85 अंक या 0.69 फीसदी की गिरावट के साथ 24,541.20 पर बंद हुआ.
टॉप गेनर्स और लूजर्स
28 अगस्त को भारतीय शेयर इंडेक्स लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए और निफ्टी 24500 के आसपास बंद हुआ. निफ्टी में सबसे ज्यादा गिरावट श्रीराम फाइनेंस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टीसीएस, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन, इंफोसिस में रही, जबकि टाइटन कंपनी, अडानी एंटरप्राइजेज, कोल इंडिया, रिलायंस इंडस्ट्रीज और हीरो मोटोकॉर्प में बढ़त दर्ज की गई.
शेयर | उछाल (%) |
टाइटन | 1.06 |
कोल इंडिया | 0.68 |
हीरो मोटो | 0.65 |
L&T | 0.64 |
मारुति | 0.57 |
सेक्टोरल इंडेक्स
सेक्टोरल मोर्चे पर, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स वस्तुओं को छोड़कर, अन्य सभी सक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए, जिनमें बैंक, आईटी, रियल्टी, एफएमसीजी और टेलीकॉम में 1-1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 1.1 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
4 लाख करोड़ का नुकसान
बीएसई लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन पिछले सत्र के 449.4 लाख करोड़ रुपये से घटकर लगभग 445.4 लाख करोड़ रुपये पर आ गया, जिससे निवेशकों को लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. बाजार में बिकवाली के पीछे सबसे बड़ा कारण ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ हैं.
टैरिफ ने कमजोर किया सेंटीमेंट
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने मार्केट पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ लागू होने के बाद निराशावाद के बढ़ने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई और घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए. कपास आयात शुल्क में छूट ने टैरिफ के प्रभावों का मुकाबला करने के लिए नीतिगत समर्थन की उम्मीदों को कुछ समय के लिए बढ़ा दिया, जिससे शॉर्ट टर्म इंट्राडे रिकवरी हुई, लेकिन निवेशकों का मूड नाजुक बना रहा, जोखिम-रहित सेंटीमेंट के बीच लार्जकैप शेयरों में गिरावट और मिडकैप व स्मॉलकैप शेयरों का प्रदर्शन कमजोर रहा. ऑटो, आईटी, एफएमसीजी और मेटल सहित अधिकांश क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की गई क्योंकि निवेशकों ने हालिया बढ़त से मुनाफावसूली की, जबकि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स वस्तुओं ने बेहतर प्रदर्शन किया, जिसे संभवतः जीएसटी युक्तिकरण और त्योहारी मांग की उम्मीदों का समर्थन मिला.
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