Copper होगा अगला मार्केट टॉपर, नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंची कीमत, इन 3 शेयरों पर रखें नजर, आने वाली है उड़ान!
वैश्विक बाजार में कॉपर की कीमतें नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने से इस थीम वाले शेयरों पर निवेशकों की बनी हुई हैं. एनर्जी ट्रांजिशन, EV और रिन्युएबल डिमांड के बीच सप्लाई कमजोर दिख रही है. ऐसे माहौल में वेदांता, हिंडाल्को और हिंदुस्तान कॉपर को लंबी अवधि के बड़ा फायदा मिल सकता है.
ग्लोबल मार्केट में तांबे यानी कॉपर की कीमतें नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंच चुकी हैं. लंदन मेटल एक्सचेंज (LME) पर कॉपर का भाव 11,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन के ऊपर निकल गया है. कमजोर डॉलर, चिली जैसे बड़े प्रोड्यूसर देशों में प्रोडक्शन में गिरावट और चीन की स्मेल्टर कंपनियों द्वारा कटौती की योजना ने इस मेटल की कीमतों को सहारा दिया है. ऐसे में भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड इस थीम की कंपनियों में तेजी आने की संभावना है. कीमतों में तेजी और सप्लाई में कमी के चलते इस मेटल को बाजार का अगला टॉपर भी कहा जा रहा है. हम आपको कॉपर सेक्टर की ऐसी 3 कंपनियों के बारे में बता रहे हैं जिसने शेयरों में तेजी आ सकती है. निवेशक के तौर पर आप उन पर नजर रख सकते हैं.
क्यों बढ़ रही कीमतें
एनर्जी ट्रांजिशन, इलेक्ट्रिक व्हीकल, रिन्युएबल एनर्जी और डेटा सेंटर जैसे सेक्टरों की कॉपर की तेजी से बढ़ती मांग के मुकाबले सप्लाई चेन कमजोर दिख रही है. ऐसे माहौल में कॉपर थीम वाले स्टॉक्स पर निवेशकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है. अंतरराष्ट्रीय अनुमानों के मुताबिक, रिफाइंड कॉपर की डिमांड 2025 के 26.3 मिलियन टन से बढ़कर 2030 तक 30–32 मिलियन टन और 2050 तक 50 मिलियन टन तक पहुंच सकती है.
वेदांता
वेदांता एक डाइवर्स मेटल और माइनिंग कंपनी है, लेकिन कॉपर सेगमेंट में इसकी मजबूत प्रजेंस है. कंपनी का तूतुकुडी स्मेल्टर और सिलवासा रिफाइनरी मिलकर देश की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड कॉपर क्षमता में से एक बनाते हैं. भारत के रिफाइंड कॉपर मार्केट में कंपनी की हिस्सेदारी करीब 20 प्रतिशत है.
कंपनी ग्रीन कॉपर पर फोकस कर रही है, जिसमें ज्यादा एफिशिएंसी और सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शामिल है.
हिंडाल्को
हिंडाल्को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कॉपर रॉड प्रोड्यूसर और भारत की अग्रणी कॉपर कंपनी मानी जाती है. गुजरात के दहेज में स्थित इसका फुली इंटीग्रेटेड कॉपर कॉम्प्लेक्स ग्लोबल लेवल पर बड़ा कस्टम कॉपर कॉम्प्लेक्स है. कंपनी कॉपर ट्यूब (एसी और रेफ्रिजरेशन इंडस्ट्री के लिए), स्पेशलिटी कॉपर एलॉय (रेलवे, मेट्रो के लिए) और EV बैटरी के लिए कॉपर फॉइल जैसे डाउनस्ट्रीम प्रोडक्ट पर अपना फोकस बढ़ा रही है. कॉपर की बढ़ती कीमतें ऐसे वैल्यू-ऐडेड प्रोडक्ट से बेहतर मार्जिन दिला सकती हैं.
हिंदुस्तान कॉपर
हिंदुस्तान कॉपर देश की मिनी रत्न कंपनी है और भारत की एकमात्र PSU है जो कॉपर ओर माइनिंग, यानी तांबे की खान से सीधे प्रोडक्शन का काम करती है.. कंपनी के पास देश में कॉपर ओर के सभी ऑपरेटिंग माइनिंग लीज हैं. कंपनी खेत्री कॉपर कॉम्प्लेक्स (राजस्थान) में ओरे प्रोडक्शन क्षमता 1 MTPA से बढ़ाकर 3 MTPA करने की योजना पर काम कर रही है. झारखंड के सिंहभूम बेल्ट में बंद पड़ी खदानों को दोबारा शुरू करने और नई अंडरग्राउंड माइन डेवलप करने की प्रक्रिया भी जारी है.
फाइनेंशियल हेल्थ
| कंपनी | FY25 रेवेन्यू (₹ मिलियन) | FY25 PAT (₹ मिलियन) |
|---|---|---|
| Vedanta | 1,529,680 | 205,350 |
| Hindalco | 2,384,960 | 160,020 |
| Hindustan Copper | 20,710 | 4,674 |
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