इस कंपनी पर कोर्ट का बड़ा एक्शन, राइट्स इश्यू और कॉरपोरेट बदलावों पर लगी रोक; जानें मामला और शेयर का हाल
Dwarka की कमर्शियल कोर्ट ने Delphi World Money Ltd पर गंभीर गवर्नेंस अनियमितताओं के आरोपों के बीच बड़ा कदम उठाते हुए कंपनी की सभी प्रमुख कॉरपोरेट गतिविधियों पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने 99.76 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू और उससे जुड़े फंड ट्रांसफर को तुरंत रोक दिया है।
Delphi World Money Court Order: द्वारका की कमर्शियल कोर्ट ने Delphi World Money Limited (Delphi) के खिलाफ एक बड़ा और कठोर कदम उठाते हुए कंपनी की सभी प्रमुख कॉर्पोरेट गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी है. कोर्ट की ओर से 27 नवंबर 2025 को जारी यह स्टेटस-को आदेश बेहद व्यापक है, जिसके चलते Delphi का 99.76 करोड़ रुपये का राइट्स इश्यू तुरंत रुक गया है. साथ ही उससे जुड़े किसी भी फंड के ट्रांसफर पर पाबंदी लगा दी गई है. यह रोक सिर्फ राइट्स इश्यू तक सीमित नहीं है, बल्कि Eraaya–Delphi–Ebix Travels से जुड़े पूरे कॉरपोरेट ढांचे में किसी भी प्रकार का बदलाव करना भी अस्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है. कुछ समय पहले कंपनी से प्रमोटर्स ने अपनी हिस्सेदारी भी कम की थी.
प्रमोटर्स ने घटाई थी हिस्सेदारी
कंपनी का मार्केट कैप 376 करोड़ रुपये के आस पास है. कंपनी के प्रमोटरों ने नवंबर 2025 तक अपनी हिस्सेदारी में 13.68 फीसदी की कमी की है, जिससे उनकी हिस्सेदारी सितंबर 2025 के मुकाबले घटकर 61.32 फीसदी रह गई है. इसके बावजूद Delphi का शेयर पिछले एक साल में अपने 52-वीक लो 100.55 रुपये से करीब 148 फीसदी ऊपर चला गया है, जिससे निवेशकों के बीच कंपनी को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है.
क्या है कंपनी के शेयर का हाल?
Ebxicash World Money India के नाम से लिस्टेड इस कंपनी के शेयर 5.24 फीसदी की तेजी के साथ 242.64 रुपये पर बंद हुआ. शुरुआती कारोबारी सत्र के दौरान इसमें ज्यादा तेजी दिखी थी लेकिन बाद में स्टॉक थोड़ा टूट भी गया. पिछले 3 महीने में स्टॉक का भाव 23 फीसदी तक टूटा. वहीं. सालभर में स्टॉक का भाव केवल 20 फीसदी तक ही चढ़ पाया.
क्या है पूरा विवाद?
इस पूरे विवाद की जड़ Delphi की ओर से किए गए कई कारोबारी फैसलों में छिपी है, जिनमें सबसे विवादित है Ebix Travels का अधिग्रहण. आरोप है कि यह अधिग्रहण FCCB Offering Circular की क्लॉज 4.3 का उल्लंघन करता है, जिसमें Eraaya से Delphi को मैनेजमेंट और शेयरहोल्डिंग कंट्रोल स्थानांतरित करने पर सख्त नियम थे. इसके अतिरिक्त 99.76 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू को लेकर भी कई सवाल खड़े हुए हैं, क्योंकि इसे ऐसे कॉरपोरेट पुनर्गठन से जोड़कर देखा जा रहा है, जिस पर पहले से ही गैरकानूनी और अनियमित होने के आरोप हैं. याचिका में दावा किया गया है कि Delphi ऐसे एक समूह के केंद्र में है, जिसने वित्तीय नियमों का कई बार उल्लंघन किया है, गिरवी शेयरों को समय पर वैधता नहीं दिलाई और कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए लगातार असफल प्रयास किए.
यूके हाई कोर्ट ने किया पेचीदा?
मामले को और पेचीदा और गंभीर बनाता है लंदन की कमर्शियल कोर्ट का हालिया फैसला. यूके हाई कोर्ट ने Eraaya/Ebix वित्तीय संरचना में कई गहरे वित्तीय और गवर्नेंस दोष पाए. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 120 मिलियन डॉलर की फंडिंग में से केवल 80 मिलियन डॉलर ही वास्तविक रूप से जारीकर्ता तक पहुंचे. इसके अलावा जुटाई गई रकम के दुरुपयोग, गिरवी रखे गए शेयरों को कानूनी रूप से “परफेक्ट” न करने, और कई कूपन भुगतान समय पर न किए जाने जैसी गंभीर अनियमितताएं भी दर्ज की गई. अंतरराष्ट्रीय अदालत के इन निष्कर्षों ने भारतीय अदालत में चल रहे मामले की विश्वसनीयता और गंभीरता को और बढ़ा दिया है, जिससे Delphi और उससे जुड़ी संस्थाओं पर दबाव और बढ़ गया है.
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