सस्ता होने जा रहा है ये केमिकल स्टॉक, स्प्लिट की खबर से बाजार में खलबली; 1 साल में 200% उछला प्रॉफिट
Dhariwalcorp Limited फिर से सुर्खियों में है, क्योंकि कंपनी के हालिया फैसलों ने बाजार का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. निवेशकों के बीच चर्चा तेज है कि कंपनी का यह कदम उसके शेयरों की उपलब्धता और भागीदारी पर क्या प्रभाव डालेगा. बाजार विशेषज्ञ भी इस विकास पर करीबी नजर रखे हुए हैं.
माइक्रो-कैप केमिकल कंपनी Dhariwalcorp Limited निवेशकों के रडार पर है, क्योंकि कंपनी के बोर्ड ने 1:5 के स्टॉक स्प्लिट को मंजूरी दे दी है. फैसले के बाद कंपनी के शेयर गुरुवार को 2 प्रतिशत टूटकर लोअर सर्किट में पहुंच गए. स्टॉक का भाव 312.15 रुपये से गिरकर 305.95 रुपये पर बंद हुआ.
क्या है मामला?
Dhariwalcorp के बोर्ड ने 10 दिसंबर 2025 की बैठक में 1:5 स्टॉक स्प्लिट के साथ अधिकृत पूंजी बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव मंजूर किया. स्टॉक स्प्लिट का उद्देश्य शेयरों को और सस्ता बनाकर छोटे निवेशकों की भागीदारी बढ़ाना है.
स्टॉक स्प्लिट में 10 रुपये के फेस वैल्यू वाले एक इक्विटी शेयर को तोड़कर 2 रुपये के पांच शेयरों में बदल दिया जाएगा. उदाहरण के लिए, यदि किसी निवेशक के पास कंपनी के 1,000 शेयर हैं, तो स्प्लिट के बाद उसकी होल्डिंग बढ़कर 5,000 शेयर हो जाएगी. हालांकि कुल निवेश मूल्य वही रहेगा.
कंपनी का बैकग्राउंड
Dhariwalcorp Limited की स्थापना 14 जून 2020 को जोधपुर, राजस्थान में हुई थी. यह मूल रूप से धारीवाल समूह का हिस्सा है, जिसकी नींव गौतम चंद धारीवाल ने रखी थी. कंपनी भारत में वैक्स और इंडस्ट्रियल केमिकल्स के ट्रेडिंग, मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई के काम में लगी है.
कंपनी का प्रोडक्ट पोर्टफोलियो काफी डायवर्सिफाइड है, पैराफिन वैक्स, माइक्रो वैक्स, स्लैक वैक्स, कारनौबा वैक्स, बीजवैक्स, माइक्रोक्रिस्टलाइन वैक्स, पाम और सोया वैक्स, पेट्रोलियम जेली के कई वेरिएंट, तरल पैराफिन, रिफाइंड ग्लिसरीन और स्टीयरिक एसिड. इसके ग्राहक उद्योगों में प्लाईवुड, टेक्सटाइल, फार्मा, कॉस्मेटिक्स और एडहेसिव्स शामिल हैं.
जोधपुर, भिवंडी और अहमदाबाद में मौजूद वेयरहाउस और प्रोसेसिंग यूनिट कंपनी को पूरे भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समय पर सप्लाई सुनिश्चित करने में मदद करते हैं.
कैसा रहा कंपनी का प्रदर्शन?
वित्त वर्ष के आंकड़ों के अनुसार, Dhariwalcorp का रेवेन्यू H2 FY25 के 113 करोड़ रुपये से बढ़कर H1 FY26 में 119 करोड़ रुपये हो गया, यानी लगभग 5.31 प्रतिशत की बढ़त. वहीं नेट प्रॉफिट 1 करोड़ रुपये से बढ़कर 3 करोड़ रुपये हो गया, जो 200 प्रतिशत की उछाल दर्शाता है. पिछले तीन सालों में कंपनी की रेवेन्यू CAGR 13.58 प्रतिशत और नेट प्रॉफिट 58.74 प्रतिशत रहा है. कंपनी की ROCE 18.5 प्रतिशत और ROE 16.4 प्रतिशत दर्ज है. EPS 4.42 रुपये है और कर्ज-दर-इक्विटी अनुपात 0.37x पर संतुलित दिखता है.
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कुल मिलाकर, स्टॉक स्प्लिट का फैसला कंपनी के शेयरों को अधिक आकर्षक बनाने और बाजार में भागीदारी बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.