35% तक टूटा भाव! डॉली खन्ना के पोर्टफोलियो के शेयर डुबो रहे निवेशकों का पैसा, क्या आपने भी लगाया है इनमें दांव?

स्टॉक मार्केट की दिग्गज इन्वेस्टर डॉली खन्ना के कई पसंदीदा शेयर 2025 में बड़ी गिरावट झेल रहे हैं. प्राकाश पाइप्स, राजश्री शुगर्स और GHCL जैसे स्टॉक्स जनवरी से अब तक 20-35 फीसदी तक टूट चुके हैं. कमजोर नतीजों और सेक्टर की सुस्ती की वजह से इन शेयरों पर दबाव बना हुआ है.

निवेशकों के डूबे पैसे! Image Credit: @Canva/Money9live

Dolly Khanna Portfolio Stocks Falls: स्टॉक मार्केट में बड़े नामी निवेशकों को फॉलो करना कई बार निवेशकों के लिए आसान रणनीति मानी जाती है. इसे गुरु इन्वेस्टिंग कहा जाता है. इसमें निवेशक दिग्गज इन्वेस्टर्स के पोर्टफोलियो और उनकी खरीद-फरोख्त की रणनीति को कॉपी करते हैं. लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव से बड़े निवेशक भी बच नहीं पाते. यही हाल मशहूर इन्वेस्टर डॉली खन्ना के कुछ शेयरों का है, जो 2025 में जोरदार गिरावट झेल रहे हैं.

कौन हैं डॉली खन्ना?

डॉली खन्ना चेन्नई की जानी-मानी निवेशक हैं, जिन्होंने 1996 से शेयर बाजार में सक्रिय रूप से निवेश करना शुरू किया. उनके पोर्टफोलियो को उनके पति राजीव खन्ना मैनेज करते हैं. वे खासकर उन मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स पर दांव लगाने के लिए मशहूर हैं, जो ज्यादातर लोगों की नजर से दूर रहते हैं. उनके निवेश का फोकस मैन्युफैक्चरिंग, टेक्सटाइल, केमिकल और शुगर सेक्टर पर ज्यादा रहता है.

Prakash Pipes

PVC पाइप्स और फिटिंग्स बनाने वाली यह कंपनी सिंचाई, हाउसिंग और सैनिटेशन सेक्टर में काम करती है.

कंपनी के Q1 FY26 नतीजे कमजोर रहे. नेट प्रॉफिट 59 फीसदी गिरकर 254 करोड़ रुपये से घटकर 103 करोड़ रुपये पर आ गया. हालांकि, कंपनी को उम्मीद है कि अच्छे मानसून और सरकार की इंफ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी से आने वाले महीनों में डिमांड सुधर सकती है.

Rajshree Sugars & Chemicals

साउथ इंडिया की यह कंपनी शुगर बिजनेस के साथ-साथ डिस्टिलरी, पावर और बायोटेक सेक्टर में भी मौजूद है.

Q1 FY26 में कंपनी का नेट सेल्स 1,409 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 2,401 करोड़ रुपये था. कंपनी को 141 करोड़ का घाटा हुआ, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में 59 करोड़ का मुनाफा हुआ था. भविष्य में कंपनी एथेनॉल और ग्रीन पावर पर जोर दे रही है, लेकिन शुगर प्राइस की रिकवरी इसके लिए अहम होगी.

GHCL

देश की सबसे बड़ी सोडा ऐश निर्माता कंपनी, जिसका इस्तेमाल डिटर्जेंट, ग्लास, सिरेमिक्स और बैटरी बनाने में होता है.

Q1 FY26 में कंपनी का प्रॉफिट मामूली गिरकर 1,441 करोड़ रुपये रहा. ग्लोबल डिमांड कम होने और इंपोर्ट बढ़ने से दबाव बना रहा. हालांकि, सरकार ने सोडा ऐश पर मिनिमम इंपोर्ट प्राइस (MIP) दिसंबर 2025 तक बढ़ा दिया है, जिससे GHCL जैसी घरेलू कंपनियों को फायदा मिलेगा. कंपनी नए ब्रोमिन प्लांट और वैक्यूम साल्ट प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है.

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.