DRDO के नए ऑर्डर से इन 5 डिफेंस स्‍टॉक्‍स को मिलेगी नई धार! कमाई के साथ बढ़ेगी देश की शान, रखें पैनी नजर

डिफेंस स्‍टॉक्‍स आजकल फोकस में हैं. भारत सरकार की ओर से घरेलू स्‍तर पर हथियारों एवं अन्‍य रक्षा संबंधी चीजों के निर्माण को बढ़ावा दिए जाने से इस क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों की ग्रोथ हो रही है. हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने इमरजेंसी के लिए हथियार खरीदने की बात कही है, इसके लिए डीआरडीओ बड़ा ऑर्डर दे सकती है, जिसका फायदा चुनिंदा डिफेंस कंपनियों को मिलेगा.

इन 5 डिफेंस स्‍टॉक्‍स में दिख सकती है हलचल, रखें नजर Image Credit: money9

Defence Stocks in focus: वैश्विक तनाव के बीच भारत अपनी रक्षा ताकत को और मजबूत कर रहा है. इसी सिलसिले में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सशस्त्र बलों को इमरजेंसी खरीद के विशेष अधिकार दिए हैं, जिसके तहत 300 करोड़ रुपये तक की लागत वाले हथियार तुरंत खरीदे जा सकते हैं. ऐसे में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने 28 स्वदेशी हथियारों की सूची पेश की है, जो सेना, नौसेना और वायुसेना में तेजी से शामिल किए जा सकते हैं. ऐसे में चुनिंदा डिफेंस कंपनियों की चांदी हो सकती है. लिहाजा इन स्‍टॉक्‍स पर नजर रखने से निवेशकों को भी फायदा मिलने की उम्‍मीद है.

Bharat Dynamics (BDL)

रक्षा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी भारत डायनामिक्स लिमिटेड का नाम DRDO की लिस्‍ट में सबसे ऊपर है. BDL मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM), वेरी शॉर्ट-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) और टॉरपीडो एडवांस्ड लाइट का निर्माण करती है. विशाखापट्टनम में बनी श्येना टॉरपीडो जहाजों, पनडुब्बियों और विमानों से दागी जा सकती है, जो इसे भारतीय नौसेना का एक घातक हथियार बनाती है. डीआरडीओ की ओर से इमरजेंसी खरीद के लिए BDL को बड़े ऑर्डर मिलने की उम्मीद है.

भारत डायनामिक्स फाइनेंशियल ग्राफ

Solar Industries

सोलर इंडस्ट्रीज अपनी सहायक कंपनी सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड के जरिए डिफेंस सेक्‍टर में धमाल मचा रही है. हाल ही में 22 जून को कंपनी ने रक्षा मंत्रालय के साथ 160 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया. वही इसके अगले ही दिन, 23 जून को भारतीय सेना ने सोलर के साथ 450 नागास्त्र-1R लॉइटरिंग म्यूनिशन सिस्टम की खरीद की भी डील की है, जिससे कंपनी की स्थिति मजबूत हुई है. सोलर इंडस्‍ट्रीज पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर के लिए रॉकेट्स भी बनाती है, जिसमें DPICM और हाई एक्सप्लोसिव प्री-फ्रैगमेंटेड रॉकेट्स शामिल हैं. फरवरी 2025 में 6080 करोड़ रुपये का पिनाका रॉकेट सिस्टम का ऑर्डर भी सोलर के खाते में गया है.

सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड फाइनेंशियल ग्राफ

Bharat Electronics (BEL)

BEL रक्षा क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्‍नोलॉजी से जुड़ी चीजों पर काम करती है. यह कंपनी रडार, मिसाइल सिस्टम, C4I सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और नौसेना के लिए एंटी-सबमरीन सॉल्यूशंस बनाती है. DRDO की सूची में शामिल रुद्रम-1, जो भारत की पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल इसे BEL और BDL ने मिलकर बनाया है. यह मिसाइल दुश्मन के रडार और सर्विलांस सिस्टम को निशाना बनाती है. BEL की बढ़ती ऑर्डर बुक और नई स्ट्रैटेजिक बिजनेस यूनिट्स इसे और मजबूत बना सकती है.

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड फाइनेंशियल ग्राफ

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Hindustan Aeronautics Limited (HAL)

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड सात दशकों से अधिक समय से भारत के विमान और हेलिकॉप्टर निर्माण का गढ़ है. तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट और एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) इसके प्रमुख प्रोडक्‍ट हैं. DRDO की सूची में शामिल हेलिकॉप्टर और जमीन से दागी जाने वाली नाग मिसाइलों के लिए HAL लॉन्च प्लेटफॉर्म सप्लाई करता है. कंपनी FY27 तक तेजस Mk1A की प्रोडक्शन क्षमता को 24 विमान सालाना तक ले जाने की योजना बना रही है, जिससे इसकी स्थिति और मजबूत होगी.

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड फाइनेंशियल ग्राफ

Bharat Forge

भारत फोर्ज रक्षा क्षेत्र में एयरफ्रेम स्ट्रक्चर और इंजन पार्ट्स सप्‍लाई करती है. DRDO की लिस्‍ट में शामिल लॉन्ग-रेंज ग्लाइड बम ‘गौरव’ में भारत फोर्ज की अहम भूमिका है. यह 1000 किलो का स्वदेशी बम DRDO के रिसर्च सेंटर इमारत, आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट और चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज ने मिलकर बनाया है. भारत फोर्ज इसके डेवलपमेंट-कम-प्रोडक्शन पार्टनर के तौर पर शामिल है. इसके सफल ट्रायल्स के बाद अब यह हथियार सेना में शामिल होने को तैयार है. डीआरडीओ को इमरजेंसी में खरीदे जाने वाले हथियारों का फायदा इस कंपनी को भी मिल सकता है.

भारत फोर्ज फाइनेंशियल ग्राफ

DRDO को किन हथियारों की है जरूरत?

DRDO को इमरजेंसी खरीद के लिए जिस हथियारों की जरूरत है उनमें एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड मिसाइलें, नौसेना की एंटी-शिप मिसाइलें, टॉरपीडो, हेलिकॉप्टर और जमीन से दागी जाने वाली नाग मिसाइलें, मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM), और 155 एमएम तोपों के लिए गोला-बारूद शामिल है. DRDO ने अगले 6-12 महीनों के लिए इन हथियारों के उत्पादन और आपूर्ति के लिए वेंडर्स और मात्रा भी तय कर दी है. इस स्वदेशी रक्षा क्रांति से 5 डिफेंस कंपनियां की बल्‍ले-बल्‍ले हो सकती है.